मंडी परिसर में उपज बेचने वाले किसानों को राशि मिली, लेकिन ब्याज का नहीं हुआ भुगतान

मंडी परिसर में उपज बेचने वाले किसानों को राशि मिली, लेकिन ब्याज का नहीं हुआ भुगतान


रतलाम4 घंटे पहले

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  • मामला श्री कृष्णा ट्रेडिंग द्वारा उपज खरीदने के बाद किसानों को भुगतान नहीं करने का

अनाज मंडी परिसर में बेची उपज का भुगतान किसानों को 15 से 20 दिन बाद तो मिल गया लेकिन किसानों को ब्याज का भुगतान कृष्णा ट्रेडिंग ने अब तक नहीं किया है। जबकि मप्र कृषि उपज मंडी अधिनियम में स्पष्ट लिखा है कि मंडी प्रांगण में क्रय की गई कृषि उपज की कीमत का भुगतान व्यापारी को उसी दिन मंडी प्रांगण में करना है। यदि वह किसी वजह से भुगतान नहीं कर पाता है तो उसे किसान को उपज की कुल कीमत का एक फीसदी दर से पांच दिन के भीतर भुगतान करना होगा।

यहां तो व्यापारी ने किसानों को 15 से 20 दिन बाद भुगतान किया और वो भी बगैर ब्याज के। यही नहीं मंडी प्रशासन ने भी मंडी अधिनियम के नियमों का ही उल्लंघन किया और उसने किसानों को सिर्फ बेची गई उपज का भुगतान दिलवाया। ब्याज की राशि नहीं दिलवाई है। जबकि कायदे से तो मंडी प्रशासन को ब्याज भी किसानों को दिलवाना चाहिए। लेकिन अब तक नहीं दिलवाया।

मंडी प्रशासन ध्यान देता तो शायद यह नहीं होता

भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष ललित पालीवाल ने बताया कि यह मंडी प्रशासन की जवाबदारी है कि पहले किसान को भुगतान हो। इसके बाद ही व्यापारी का माल बाहर जाए। मंडी प्रशासन ने किसानों को राशि तो दिला दी लेकिन ब्याज नहीं दिलाया। आखिर क्यों। जबकि मंडी एक्ट में ब्याज की राशि देने का भी उल्लेख है। बावजूद अब तक किसानों को ब्याज की राशि नहीं मिली। मंडी परिसर में उपज बेचने पर किसान को दो लाख रुपए तक भुगतान नकद मिलना चाहिए। लेकिन आज भी कई व्यापारी 50 हजार रुपए से ज्यादा की रकम किसानों को एनईएफटी से भुगतान कर रहे हैं।



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