रायसेनएक दिन पहले
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सुहागिन महिलाओं के लिए साल का सबसे बड़ा पर्व करवा चौथ व्रत है। इस दिन का वह पूरे साल इंतजार करती हैं। करवा चौथ व्रत का हिंदू धर्म में भी विशेष महत्व है। इस व्रत को पति की लंबी उम्र की कामना से रखा जाता है।
कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि के दिन करवा चौथ का व्रत रखा जाता है। इस साल करवा चौथ का व्रत 4 नवंबर, बुधवार को रखा जाएगा। पं.कमलेश शास्त्री के अनुसार करवा चौथ के दिन सुबह-सुबह उठकर स्नान आदि करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें। कोरे करवा में जल भरकर करवा चौथ व्रत कथा सुनें या पढ़ें,मां पार्वती को श्रृंगार सामग्री चढ़ाएं या उनका श्रृंगार करें। इसके बाद मां पार्वती भगवान गणेश और शिव की अराधना करें। चंद्रोदय के बाद चांद की पूजा करें और अर्घ्य दें। पति के हाथ से पानी पीकर या निवाला खाकर अपना व्रत खोलें। पूजन के बाद सास- ससुर और घर के बड़ों का आशीर्वाद जरूर लें।
यह है पूजा का शुभ मुहूर्त
इस साल करवा चौथ व्रत पर पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 5:29 बजे से 6:48 बजे तक का रहेगा. इस दिन चंद्रोदय रात 8:16 बजे पर होगा। पंचांग के अनुसार, चतुर्थी तिथि का आरंभ 4 नवंबर को 3:24 पर होगा। चतुर्थी तिथि 5 नवंबर शाम 5:14 तक रहेगी।