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- BSP MLA Sanjeev Kushwaha, Independent MLAs Shera And Narayan Tripathi Meet Minister Bhupedra Singh
भोपालएक घंटा पहले
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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ बीएसपी विधायक संजीव कुशवाहा, रामबाई तथा निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा।- फाइल फोटो
- बीजेपी के साथ जा सकते हैं बीएसपी के दोनों विधायक
- 15 माह की कमलनाथ सरकार को पहले दे चुके हैं समर्थन
प्रदेश की 28 सीटों पर हुए उपचुनाव की मतगणना 10 नंवबर को होगी, लेकिन बीजेपी ने परिणाम आने से पहले ही बहुमत जुटाने के लिए प्लान B पर काम शुरू कर दिया है। भाजपा चुनाव प्रबंध समिति के संयाेजक एवं मंत्री भूपेंद्र सिंह से आज बीएसपी विधायक संजीव कुशवाहा, निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा और नारायण त्रिपाठी ने मुलाकात की। तीनों नेताओं ने भूपेंद्र सिंह से अलग-अलग बंद कमरे में चर्चा की।
सबसे पहले कुशवाहा मंत्री सिंह के बंगले पहुंचे। इसके बाद जब शेरा और फिर त्रिपाठी वहां पहुंचे, तो सियासी हलचल तेज हो गई। इन मुलाकातों को लेकर मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि परिणाम आने के बाद जो भी स्थिति बनेगी, उस हिसाब से निर्दलीय विधायकों को भी मंत्रिमंडल में स्थान दिया जा सकता है। बता दें कि वर्तमान में बीजेपी के 107 विधायक हैं और सरकार बचाए रखने के लिए केवल 9 विधायकों की जरूरत है।
कुशवाहा का दावा, हम बीजेपी के साथ जाएंगे
मंत्री भूपेंद्र सिंह से मुलाकात के बाद संजीव कुशवाहा ने कहा कि बीएसपी का समर्थन बीजेपी को रहेगा। बता दें कि कमलनाथ सरकार को भी बीएसपी के दोनों विधायकों ने समर्थन दिया था, लेकिन पार्टी सुप्रीमो मायावती के यूपी में एमएलसी चुनाव में बीजेपी को समर्थन देने के ऐलान के बाद मप्र में सियासी घटनाक्रम तेजी से बदल रहे हैं।
क्राॅस वोटिंग कर चुके हैं त्रिपाठी
विधायक नारायण त्रिपाठी की निष्ठा को लेकर कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियों में संशय की स्थिति बनी रहती है। दरअसल, विधानसभा में एक प्रस्ताव पर क्राॅस वोटिंग कर कांग्रेस को समर्थन दिया था। उसके बाद से ही नारायण त्रिपाठी अक्सर चर्चाओं में रहते हैं, इसलिए नारायण त्रिपाठी को भी भूपेंद्र सिंह के निवास पर बुलाया गया।
बीजेपी को प्लान B की जरुरत क्यों
बहुमत जुटाने के लिए बीजेपी को सिर्फ 9 विधायकों की जरूरत है, लेकिन कांग्रेस नेताओं खासकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जिस भरोसे से सरकार में वापसी करने के बयान दे रहे हैं, उसे ध्यान में रखकर बीजेपी ने प्लान B पर रणनीति बनाना शुरू कर दिया है, ताकि राज्यपाल के सामने बहुमत साबित करने में दिक्कत न हो।