देश में सड़क हादसों में सबसे ज्यादा मौत ओवर-स्पीडिंग की वजह से हुई, मरने वालों में पैदल यात्री ज्यादा

देश में सड़क हादसों में सबसे ज्यादा मौत ओवर-स्पीडिंग की वजह से हुई, मरने वालों में पैदल यात्री ज्यादा


राजमार्ग मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार देश में प्रत्येक घंटे 51 दुर्घटनाएं और 17 मौतें होती हैं. (सांकेति फोटो)

भारत में 2019 में सड़क दुर्घटनाओं (Road accidents) में हुई मौतों की अधिकतम संख्या का मुख्य कारण वाहनों की तेज गति (Over Speed) है. राजमार्ग मंत्रालय की रिपोर्ट (Highway ministry report) के अनुसार देश में 2019 में 4,49,002 सड़क दुर्घटना हुई. जिसमें 4,51,361 व्यक्ति घायल हुए और 1,51,113 लोग मारे गए.


  • News18Hindi

  • Last Updated:
    November 6, 2020, 12:37 PM IST

नई दिल्ली. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की वार्षिक सड़क दुर्घटना रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि भारत में 2019 में सड़क दुर्घटनाओं में हुई मौतों की अधिकतम संख्या का मुख्य कारण वाहनों की तेज गति है. मंत्रालय की ट्रांसपोर्ट रिसर्च विंग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में भारत में 4,49,002 सड़क दुर्घटनाओं में 4,51,361 व्यक्ति घायल हुए और 1,51,113 लोग मारे गए हैं. देश में प्रत्येक दिन 1,230 सड़क दुर्घटनाएं होती हैं जिसमें 414 मौतें प्रत्येक दिन होती हैं या प्रत्येक घंटे 51 दुर्घटनाएं और 17 मौतें होती हैं.

ओवरस्पीड- सड़क दुर्घटनाओं और मौतों की अधिकतम संख्या ओवर-स्पीडिंग के कारण हुई, जिसमें 67.3 प्रतिशत या 1,01,699 मौतें, 71 प्रतिशत दुर्घटनाएं और 72.4 प्रतिशत चोटें थीं.

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अवैध लाइसेंस के गाड़ी चलाना- कुल दुर्घटनाओं में 15 प्रतिशत हिस्सा बिना वैध लाइसेंस के गाड़ी चलाने या बिना सीखे ड्राईवर के कारण था. 2019 में गड्ढों की वजह से सड़क दुर्घटना में 2,140 मौतों के साथ मृत्यु में 6.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई. 10 साल से अधिक के वाहनों में दुर्घटना से संबंधित मौतों का 41 प्रतिशत हिस्सा था. शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मारे गए व्यक्तियों की संख्या क्रमशः 32.9 प्रतिशत और 67.1 प्रतिशत थी.यह भी पढ़ें: दिवाली से पहले Tata Motors की इन कारों पर मिल रहा है 65 हजार तक का डिस्काउंट, जानिए सबकुछ

मरने वालों में पैदल यात्री ज्यादा – सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए पैदल यात्रियों की संख्या 2018 में 22,656 से बढ़कर 2019 में 25,858 हो गई, यानी लगभग 14.13 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. दुपहिया वाहन और पैदल चलने वालों को मिलाकर यह सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए लोगों का 54 प्रतिशत हिस्सा होता है और वैश्विक स्तर पर यह सबसे सबसे कमजोर श्रेणी में शामिल है.

ओवरलोड भी मौत की वजह- लगभग 10 फीसदी मौतें और कुल दुर्घटनाओं का 8 फीसदी हिस्सा वाहनों में ओवरलोड के कारण था. लगभग 69,621 (15.5 प्रतिशत) मामले ‘हिट एंड रन’ के रूप में दर्ज किए गए, जिससे 29,354 मौतें (19.4 प्रतिशत) और 61,751 चोटें (13.7 प्रतिशत) शामिल हैं. 2018 की तुलना में, हिट एंड रन मामलों में 1.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई और हिट और रन के कारण होने वाली मौतों में 0.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई. हालाँकि, मंत्रालय ने कहा है कि भारत में 2018 में मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम के लागू होने के बाद सड़क दुर्घटना में कमी देखी गई है.





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