केन नदी: 111 साल पुराने गंगऊ डेम से बरियारपुर बांध में छाेड़ा जा रहा पानी

केन नदी: 111 साल पुराने गंगऊ डेम से बरियारपुर बांध में छाेड़ा जा रहा पानी


छतरपुर11 मिनट पहले

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केन नदी पर अंग्रेजों द्वारा बनाए गए गंगऊ डेम के विकल्प के रूप में केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट तैयार होगा। इसके तहत एक ही डेम का निर्माण किया जाना है। केन नदी पर बनने वाला यह डेम गंगऊ से अपर रीजन में एक किलोमीटर दूर ढोड़न गांव में बन रहा है। 111 साल पहले बना यह डेम एक रिजर्वायर है। फिलहाल डेम से पानी छोड़ा जा रहा है, यह केन नदी पर ही डाउन स्ट्रीम में बने बरियारपुर बांध पहुंच रहा है। जहां से छतरपुर, पन्ना और उप्र के बांदा जिले में नहरों की मदद से खेतों तक पहुंचाया जाएगा।

गंगऊ का विकल्प है केन बेतवा लिंक प्राेजेक्ट

लिंक प्रोजेक्ट के तहत केन नदी पर बनने वाले डोढन बांध से नहर निकलेगी जो बेतवा नदी में मिल जाएगी। इससे छतरपुर, टीकमगढ़ और पन्ना जिले के 3.96 लाख हेक्टेयर और उत्तर प्रदेश के महोबा, बांदा और झांसी जिले के 2.65 लाख हेक्टेयर हिस्से पर सिंचाई की व्यवस्था उपलब्ध हो सकेगी। केन बेतवा प्रोजेक्ट के लिए पर्यावरण और वन विभाग की स्वीकृति मिल गई है। करीब 30 हजार करोड़ रुपए के महात्वाकांक्षी केन बेतवा लिंक परियोजना की जल्द ही आधार शिला रखे जाने की पूरी उम्मीद है।

डेड घोषित हो चुका है गंगऊ बांध
111 साल पहले बनाया गया गंगऊ बांध उप्र सिंचाई विभाग के अधीन है। लेकिन अधिक उम्र का होने के कारण अब यह बांध डेड घोषित हो चुका है। इसी के कारण इस बांध के विकल्प के रूप में नए बांध का निर्माण जरूरी है।



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