भ्रष्टाचार का दंश: सिंध जलावर्धन पर खुद नपा को भरोसा नहीं, नलकूपों से सप्लाई जारी रखने खर्च करेगी 2.20 करोड़ रुपए

भ्रष्टाचार का दंश: सिंध जलावर्धन पर खुद नपा को भरोसा नहीं, नलकूपों से सप्लाई जारी रखने खर्च करेगी 2.20 करोड़ रुपए


शिवपुरी5 मिनट पहले

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  • शहर में 612 नलकूपों की सालभर मरम्मत कराने नगर पालिका ठेका देने की तैयारी में
  • योजना की कई कमियां
  • शहर की जिन कॉलोनियों में सिंध का पानी सप्लाई हो रहा, वहां लाइन लीकेज की समस्या

सिंध जलावर्धन योजना पर शहरवासियों को पहले से ही भरोसा नहीं है। अब नगर पालिका शिवपुरी ने भी इस बात को सिद्ध कर दिया है। शहर में 612 नलकूपों के संधारण के लिए नगर पालिका 2.20 करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है। इसके पीछे एक ही मकसद है कि शहर में सप्लाई बाधित न हो और जनता को जरूरत का पानी निरंतर मिलता रहे।

यानी अब नगर पालिका को भी सिंध जलावर्धन योजना पर भरोसा नहीं रहा। नगर पालिका शिवपुरी ने मोटर संधारण कार्य कराने के लिए 2.20 करोड़ रुपए का टेंडर जारी किया है। उपचुनाव के परिणाम सामने आने के तीसरे दिन 12 अक्टूबर को आचार संहिता हट जाएगी आैर टेंडर खोलकर नलकूप संधारण कार्य ठेके पर सौंप दिया जाएगा। शहर में फिर से एक साल तक के लिए नलकूपों से जनता को पानी मुहैया कराने का सिलसिला जारी रहेगा। बता दें कि सिंध जलावर्धन योजना के शुरुआती दौर में दोशियान कंपनी ने अपनी जीआरपी पाइप एक साथ खपाकर 50 करोड़ से ज्यादा का भुगतान ले लिया। यह पाइप लाइन बार-बार लीकेज हो रही है। सिंध के पानी की सप्लाई में बाधा आ रही है। कंपनी और जिम्मेदार अधिकारियों पर एफआईआर अभी तक नहीं हो पाई है

लाइन लीकेज: विवेकानंद में फिर से नलकूप चालू कराए

विवेकानंद कॉलोनी में डेढ़ साल पहले सिंध के पानी की सप्लाई चालू कर दी गई। नगर पालिका ने यहां के नलकूप बंद कर दिए लेकिन जीआरपी लाइन लीकेज होने लगी तो पानी की सप्लाई भी बंद हो गई। लीकेज ठीक करने में तीन से चार दिन का वक्त लग जाता है। लोगों को पानी मिलना बंद हुआ तो नगर पालिका को यहां फिर से नलकूप चालू कराना पड़े।

सिंध का पानी सप्लाई होगा, वहां के बोर बंद करेंगे

नगर पालिका शहर में सभी 612 नलकूपों से पानी की सप्लाई फिलहाल जारी रखेगी। हालांकि अधिकारियों का दावा है कि जिन क्षेत्रों में सिंध का पानी बिना बाधा के सप्लाई होगा, वहां के नलकूपों काे बंद कर दिया जाएगा लेकिन मौजूदा हालातों को देखें तो जीआरपी लाइन भरोसे लायक बिल्कुल नहीं है। इसलिए नलकूप बंद करने की उम्मीद कम नजर आ रही है।

नलकूप संधारण : नियम शर्तें बदलीं, अब नपा नहीं देगी मोटर, पाइप, केबल
पिछले साल की तुलना में नगर पालिका ने मोटर संधारण के नियम-शर्तें इस बाद बदल दिए हैं। बीते साल मोटर निकालने और डालने के ठेकेदार 1900 रु. ले रहे थे जबकि मोटर से लेकर पाइप, केबिल, स्टार्टर आदि नगर पालिका को अपनी तरफ से देना पड़ रहे थे। इस बार टेंडर में बदलाव किया है। प्रति नलकूप 2500 रु. प्रति बोर सालाना खर्च तय किया है जिसमें निकालने-डालने से लेकर नलकूप मोटर, पाइप, केबिल आदि खर्च स्वयं ठेकेदार को जेब से करना होगा। टेंडर प्रकिया में बदलाव होने से पुराने ठेकेदार नाखुश नजर आ रहे हैं। पिछली बार चार हिस्सों में अलग-अलग ठेकेदार थे। अब एक ही ठेका रहेगा।

2 करोड़ का नुकसान

साल 2019 में नगर पालिका ने शहर को चार जोन में बांटकर मोटर डालने और निकालने का ठेकेदार करीब 1.40 करोड़ रुपए में दिया था जबकि मोटर, पाइप, केबल आदि सामान नगर पालिका को अपनी तरफ से खरीदकर देना पड़ रहे थे जिससे सालाना खर्चा 3.50 से 4 करोड़ बैठ रहा था। बीते साल की तुलना में नगर पालिका का 1.50 करोड से 2 करोड़ का नुकसान होने से बचेगा।

बैकअप भी जरूरी है
सिंध के पानी के साथ नलकूप सप्लाई के रूप में बैकअप भी जरूरी है। इसलिए नलकूप संधारण का ठेका दे रहे हैं। आचार संहिता के बाद टेंडर खोलेंगे। जिन क्षेत्रों में सिंध का पानी ठीक से सप्लाई होने लगेगा, वहां एक-एक करके नलकूप बंद करेंगे। इस बार स्टार्टर, पाइप, केबल, मोटर खुद ठेकेदार डालेगा।
गोविंद भार्गव, सीएमओ, नगर पालिका शिवपुरी



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