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- The High Court Said We Do Not Think That The PIL Is Genuine, The Lawyer Asked For Time To Clarify The Situation
जबलपुर39 मिनट पहले
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प्रतीकात्मक फोटो
मप्र हाईकोर्ट ने प्रदेश के आयुष मंत्री रामकिशोर कांवरे के भाई राजकुमार कांवरे की पैरोल निरस्त करने के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई के दौरान कहा कि हम नहीं समझते कि यह जनहित याचिका वास्तविक है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने इस मामले में स्थिति स्पष्ट करने के लिए समय दिए जाने की माँग की है, जिसे स्वीकार कर लिया गया है।
एक्टिंग चीफ जस्टिस संजय यादव और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने मामले की सुनवाई एक सप्ताह बाद नियत की है। बालाघाट के पूर्व सांसद कंकर मुंजारे की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया कि आयुष मंत्री रामकिशोर कांवरे के भाई राजकुमार कांवरे को हत्या के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा हुई थी। 7 साल सजा काटने के बाद वर्ष 2003 में राजकुमार कांवरे को पैरोल पर रिहा कर दिया गया। पैरोल से रिहा होने के बाद राजकुमार लगातार आपराधिक गतिविधियों में संलग्न है। पैरोल अवधि में उसके खिलाफ 17 से अधिक प्रकरण दर्ज हो चुके हैं।
इसके बाद भी राजकुमार की पैरोल निरस्त नहीं की जा रही है। इस संबंध में राज्य सरकार, कलेक्टर और एसपी को आवेदन दिया जा चुका है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। मामले की सुनवाई के दौरान डिवीजन बैंच ने सवाल पूछा कि हम नहीं समझते कि यह जनहित याचिका वास्तविक है। इस पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने समय दिए जाने की माँग की है।