फेस्टिव सीजन में नहीं बढ़ी ऑटो सेक्टर की बिक्री, अक्टूबर में 9 फीसदी घटी पैसेंजर व्हीकल की रिटेल सेल्स

फेस्टिव सीजन में नहीं बढ़ी ऑटो सेक्टर की बिक्री, अक्टूबर में 9 फीसदी घटी पैसेंजर व्हीकल की रिटेल सेल्स


नई दिल्ली. वाहन विक्रेताओं के संगठन फाडा (Federation of Automobile Dealers Association) ने सोमवार को कहा कि अक्टूबर माह में यात्री कारों (Passenger Vehicle) की रिटेल सेल्स साल दर साल आधार पर 8.8 प्रतिशत घटकर 2,49,860 यूनिट रह गई. आपूर्ति संबंधी मुद्दों के चलते वाहनों का पंजीकरण धीमा पड़ा है.

फेडरेशन आफ आटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) के मुताबिक यात्री कारों की बिक्री एक साल पहले अक्टूबर 2019 में 2,73,980 यूनिट रही है. फाडा देशभर के 1,464 क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों में से 1,257 कार्यालयों से आंकड़े जुटाती है. दुपहिया वाहनों की बिक्री पिछले माह 26.82 फीसदी घटकर 10,41,682 यूनिट रह गई. एक साल पहले अक्ट्रबर 2019 में यह बिक्री 14,23,394 वाहन रही थी.

कमर्शियल व्हीकल की बिक्री भी 30.32 प्रतिशत घटकर 44,480 यूनिट रह गई. एक साल पहले इसी माह में यह 63,837 वाहन रही थी. इसी प्रकार तिपहिया वाहनों की बिक्री भी 64.5 प्रतिशत घटकर 22,381 वाहन रही. एक साल पहले इसी माह अक्टूबर में यह बिक्री 63,042 यूनिट रही.  हालांकि, इस दौरान ट्रैक्टर की बिक्री 55 प्रतिशत बढ़कर 55,146 यूनिट तक पहुंच गई. एक साल पहले इसी माह के दौरान यह बिक्री 35,456 यूनिट रही थी.

कुल मिलाकर पिछले माह सभी तरह के वाहनों की बिक्री एक साल पहले इसी माह के मुकाबले 23.99 प्रतिशत घटकर 14,13,549 यूनिटर ही. वहीं एक साल पहले अक्ट्रबर में यह 18,59,709 यूनिट रही.फाडा के अध्यक्ष विंकेश गुलाटी ने बिक्री आंकड़ों के बारे में कहा कि नवरात्री के दौरान वाहनों की बिक्री पंजीकरण में तेजी रही लेकिन इसके बावजूद अक्टूबर माह में वाहनों की बिक्री पिछले साल इसी माह के मुकाबले कम ही रही। हालांकि, पिछले साल नवरात्री, दिवाली अक्टूबर माह के दौरान ही पड़ी थी।

गुलाटी ने कहा कि नए वाहनों को लेकर अच्छी मांग रही लेकिन शुरुआती स्तर की मोटर साइकिल को लेकर मांग कमजोर ही रही. उन्होंने कहा कि स्थानीय सामान के आवागमन को लेकर जहां छोटे वाणिज्यिक वाहनों को लेकर अच्छी मांग रही वहीं मध्यम और भारी वाणिज्यिक वाहन वर्ग में लगातार भारी गिरावट रही.

फाडा ने सरकार से आग्रह किया है कि वह जल्द ही प्रोत्साहन आधारित वाहन की कबाड़ नीति की घोषणा करे. संगठन ने सरकार से यह भी आग्रह किया कि जिन ढांचागत परियोजनाओं को उसने ठेके पर दे दिया है उनके लिए वह कोष जारी करे. सरकार के ऐसा करने से मांग बढ़ेगी और वाहनों का उत्पादन भी बढ़ेगा.





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