कांग्रेस ने शिवपुरी की करैरा विधानसभा सीट से प्रागीलाल जाटव को अपना उम्मीदवार बनाया था
एक ओर कांग्रेस (Congress) छोड़कर जसवंत जाटव जहां भाजपा में गए, वहीं बसपा (BSP) छोड़कर प्रागीलाल जाटव (Pragilal Jatav) कांग्रेस से इस उपचुनाव में लड़ रहे थे. ऐसे में आइए जानते हैं 2.42 लाख मतदाताओं वाले करैरा विधानसभा सीट (Karera constituency) पर क्या रही प्रागीलाल जाटव के जीत की 3 सबसे बड़ी वजह…
- News18Hindi
- Last Updated:
November 10, 2020, 9:59 PM IST
1. प्रागीलाल जाटव का सहज व्यक्ति माने जाते हैं. क्षेत्र की जनता के हर दुख-सुख में साथ रहते हैं. 2 बार बसपा से चुनाव लड़कर हार गए थे. ऐसे में लोगों ने तीसरी बार उनकी सहजता और सरल स्वभाव की वजह से उन्हें जीत दिलाई.
2. प्रागीलाल काफी गरीब हैं, लेकिन ये दिल के काफी बड़े माने जाते हैं. गरीबी की वजह से ही क्षेत्र की जनता में इनको लेकर सुहानुभूति का माहौल था. पूरे चुनाव में कई ऐसे मौके आए, जहां दोनों दलों के बीच मार-पीट की नौबत आ गई, लेकिन प्रागीलाल ने अपने समर्थकों को पीछे हटा दिया. चुनाव के दिन भी इनके पोलिंग एजेंट को बूथ के पास बैठने नहीं दिया गया, जिसकी वजह से जनता ने इन्हें चुना.
3. इस बार भाजपा से चुनाव लड़ रहे जसवंत जाटव साल 2018 में कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने और महज डेढ़ साल के अंदर इनकी छवि क्षेत्र में अवैध रेत खनन के कारण बिगड़ने लगी. अधिकारियों को धमकाने का वीडियो भी खूब वायरल हुए, जिसकी वजह से लोगों की नाराजगी बढ़ती गई और प्रागीलाल के जीत का रास्ता बुलंद हुआ.