तुलसी राम सिलावट. फाइल फोटो.
मध्य प्रदेश उपचुनाव (Madhya Pradesh By-Election) में इंदौर (indore) जिले की सांवेर सीट चुनाव प्रक्रिया से पहले ही चर्चा में आ गई थी.
साल 2018 के मुख्य चुनाव में भी तुलसी सिलावट को जीत मिली थी, लेकिन तब वे कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे. 2018 के चुनाव में यहां 2.70 लाख मतदाता थे और मतदान 80.47 प्रतिशत हुआ था. इस सीट पर जीत का अंतर 2945 वोटों का ही था. प्रत्याशियों के कारण सबसे चर्चित सीट थी. चुनाव में सबसे ज्यादा नकदी यहीं जब्त हुई है. सबसे ज्यादा शिकायतें भी यहीं हुई.
भाजपा की जीत के कारण
– कांटे का मुकाबला था. तुलसी सिलावट व्यवहारशील माने जाते हैं. जमीन से जुड़े नेता हैं. लोगों से संपर्क अच्छा है. पहले 4 बार विधायक रह चुके हैं.- 35 साल से सांवेर से जुड़े हैं. 1985 में पहली बार सांवेर से विधायक बने थे. नर्मदा सिंचाई पेय परियोजना का शिलान्यास किया. 2400 करोड़ में पाइपलाइन बिछाने का काम शुरू हुआ.
– इंदौर मेट्रो सांवेर तक चलाने की योजना का श्रेय इन्हीं को दिया जाता है. पहले सिर्फ इंदौर तक थी, लेकिन इन्होंने सांवेर तक सेंक्शन करवाया.