मध्य प्रदेश के 4 शहरों में पटाखों पर रोक लगा दी गई है. (फाइल फोटो)
बढ़ते वायु प्रदूषण (Air Pollution) की वजह से नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के निर्देश के बाद मध्य प्रदेश के चार शहरों में इस बार दीवाली में पटाखे नहीं जलेंगे. इन शहरों में जबलपुर , मंडीदीप ,कटनी और सिंगरौली शामिल हैं.
- News18Hindi
- Last Updated:
November 11, 2020, 11:42 PM IST
प्रशासन द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, नगर निगम सीमा में 30 नवम्बर तक पटाखों के विक्रय और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है. नवम्बर 2019 में इन चारों शहरो का AQI लेवल काफी खराब था. इसके बाद NGT नई दिल्ली ने यह आदेश दिया था कि ख़राब AQI याने एयर क्वालिटी इंडेक्स वाले शहरों में पटाखों पर प्रतिबंध लागू किया जाएगा.
उत्तर प्रदेश के इन शहरों में लगा प्रतिबंध
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत 13 शहरों में इस बार पटाखे नहीं जलेंगे. इन शहरों में मुजफ्फरनगर, आगरा, वाराणसी, मेरठ, हापुड़, गाजियाबाद, कानपुर नगर, लखनऊ, मुरादाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, बागपत और बुलंदशहर शामिल हैं. लखनऊ के पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडे ने शहर के सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिया है. उन्होंने कहा है कि शहर में पटाखों की सभी दुकानें बंद कराई जाएं. जो लोग नहीं मानते हैं, उनके पटाखों को जब्त किया जाए. दरअसल नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) और मुख्य सचिव के आदेश के बाद पुलिस कमिश्नर ने ये निर्देश जारी किए हैं.ये भी पढ़ें: Gurjar Movement: गुर्जर समाज और गहलोत सरकार के बीच समझौता, इन 5 मांगों पर बनी सहमति
उत्तराखंड में लिया गया ये फैसला
वहीं, उत्तराखंड के छह शहरों में दिवाली, गुरू पर्व और छठ के अवसर पर दो घंटे के लिए हरित पटाखे चलाने की अनुमति होगी. प्रदेश के मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने बताया कि बुधवार को यहां जारी यह आदेश राजधानी देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश, हल्द्वानी, रूद्रपुर और काशीपुर के नगरीय क्षेत्रों में लागू होगा. इन शहरों की सीमाओं में रहने वाले लोग दिवाली और गुरूपर्व पर रात आठ से दस बजे तक और छठ पर्व पर सुबह छह से आठ बजे तक हरित पटाखे चला सकेंगे. इस बीच मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लोगों से दिवाली पर कम से कम पटाखों का इस्तेमाल करने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा, ‘मैं प्रदेशवासियों से कहना चाहता हूं कि पटाखों का कम से कम इस्तेमाल करें. इससे पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा और हमारा स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा.