सफलता-असफलता के गवाह रहे इस टूर्नामेंट में अनेक नए सितारे उभरे और कई बड़े सितारे फ्लॉप रहे.
खिलाड़ी और स्टाफ तकरीबन दो महीने तक अपने परिवार और बाहर की दुनिया से अलग बायो बबल में रहे और इस टूर्नामेंट को सफल बनाया. सफलता-असफलता के गवाह रहे इस टूर्नामेंट में अनेक नए सितारे उभरे और कई बड़े सितारे फ्लॉप रहे.
- News18Hindi
- Last Updated:
November 11, 2020, 7:27 AM IST
केदार जाधव (चेन्नई सुपर किंग्स): आईपीएल के 13वें संस्करण को केदार जाधव हर हाल में भूलना चाहेंगे. इस सीजन में केदार ने चेन्नई सुपर किंग्स को बहुत निराश किया. 8 मैचों में उन्होंने
20.66 की औसत और 93.93 के स्ट्राइक रेट से महज 62 रन बनाए. किसी भी पारी में उन्होंने 30 का आंकड़ा पार नहीं किया. इस सीजन में उनका अधिकतम स्कोर सिर्फ 26 रन का रहा. बल्ले से इस तरह की खराब परफॉर्मेंस के बाद यह देखना होगा कि सीएसके उन्हें अगले संस्करण में बनाए रखती है या नहीं.
दिनेश कार्तिक (कोलकाता नाइट राइडर्स): केकेआर के दिनेश कार्तिक भी फ्लॉप खिलाड़ियों में शुमार रहे. बल्लेबाजी में उन्होंने 14.08 की औसत और 126.11 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए. 14 पारियों में उन्होंने केवल एक अर्द्धशतक बनाया. तीन बार वह शून्य पर आउट हुए. पूरे टूर्नामेंट में कार्तिक ने 169 रन बनाए. तमिलनाडु के इस क्रिकेटर ने टूर्नामेंट के बीच में कप्तानी भी छोड़ दी. उनके कप्तानी छोड़ने के बाद इंग्लैंड के ऑयन मॉर्गन को कप्तानी सौंप दी गई. आईपीएल का 14वां संस्करण केवल चार माह दूर है. कार्तिक चाहेंगे कि अगले साल बल्ले से कुछ रन बना पाएं.IPL 2020: जानिए विजेता और उपविजेता टीम को कितनी मिलेगी इनामी राशि, कोरोना का दिखेगा असर
शिमरोन हेटमायर (दिल्ली कैपिटल्स): वेस्टइंडीज के शिमरोन हेटमायर से बहुत ज्यादा उम्मीदें थीं. वह किसी भी गेंदबाजी को ध्वस्त करने की ताकत रखते हैं. उनकी उम्र महज 23 साल है. उन्होंने इंटरनेशनल मैचों में खुद को कई बार साबित किया है. उनकी क्षमताओं पर शायद ही किसी को संदेह हो, लेकिन दिल्ली कैपिटल्स की तरफ से खेलते हुए वह 11 मैचों में केवल 180 रन बना पाए. उनका औसत 25.71 और स्ट्राइक रेट 150.00 का रहा. पूरे टूर्नामेंट में वह एक भी अर्द्धशतक नहीं बना पाए.
ग्लेन मैक्सवेल (किंग्स XI पंजाब): इस सीजन में ऑस्ट्रेलियन ऑल राउंडर ग्लेन मैक्सवेल को भी सुपर फ्लॉप कहा जा सकता है. किंग्स XI पंजाब की तरफ से खेलते हुए 13 मैचों में उन्होंने 15.42 की औसत और 101.88 के स्ट्राइक रेट से केवल 108 रन बनाए. पूरे टूर्नामेंट में वह केवल एक बार 30 का आंकड़ा पार कर सके. उनका अधिकतक स्कोर 32 रन का रहा. पंजाब ने उन्हें 10.75 करोड़ में खरीदा था, लेकिन अपने मूल्य को न्यायोचित साबित नहीं कर पाए.
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महेंद्र सिंह धोनी (चेन्नई सुपर किंग्स): विश्व कप 2019 के बाद 14 माह क्रिकेट से दूर रहने वाले दिग्गज क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी पूरे टूर्नामेंट में बुरी तरह असफल रहे. उन्होंने 14 मैचों सिर्फ 200 रन बनाए. उनका औसत 25 और स्ट्राइक रेट 116.27 का रहा. कप्तान के रूप में भी धोनी टीम को प्रेरित नहीं कर पाए. तीन बार की विजेता चेन्नई सुपर किंग्स ने सातवें स्थान पर रहकर टूर्नामेंट की समाप्ति की. उनके फैन्स इस बात से ही खुश हो सकते हैं कि धोनी आईपीएल से अभी रिटायर नहीं हो रहे हैं. यानी 2021 में वह फिर येलो जर्सी में दिखाई देंगे.