मध्यप्रदेश की 28 विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी ने 19 सीट पर बंपर जीत हासिल की है. वहीं कांग्रेस 9 सीटों पर सिमट कर रह गई. भिंड में अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित गोहद विधानसभा सीट पर पहली बार कांग्रेस के स्थानीय प्रत्याशी मेवाराम जाटव को 11899 वोट से जिताया. इससे पहले जनता ने हर बार चुनाव में बाहरी प्रत्याशी को चुना. कांग्रेस के मेवाराम जाटव तीन विधानसभा चुनाव लड़ चुके थे और तीनों बार जनता ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया था. तीन बार चुनाव हारने बाले कांग्रेस के मेवाराम जाटव की सहानभूति ने उन्हें इस मुकाम पर पहुंचा दिया.
…वरना मेरी चिता पर दो कंडे जलाना
मेवाराम जाटव की जीत की वजह यह भी मानी जा रही है कि उन्होंने चुनावी सभा के दौरान कहा था आने वाली तीन तारीख को अगर वोट नहीं दिये तो आप सब को मेरी चिता पर दो कंडे डालने आना होगा. मेवाराम बोले तीन चुनाव हार चुका हूं ये मेरा चौथा चुनाव है. अब मेरी इज्जत आप सब के हाथ में है. उन्होंने झोली फैलाकर जनता से वोट मांगे. इससे जनता भावुक हो गई और मेवाराम जाटव को भारी मतों से जीत दिला दी.जनता का आभार-मेवाराम जाटव ने गोहद की जनता का आभार व्यक्त किया. साथ ही जनता से जुड़ी समस्याएं दूर करने के लिए हर संभव प्रयास करने का वादा किया. गोहद विधानसभा सीट के पिछले 41 साल के इतिहास में मतदाताओं ने कभी स्थानीय उम्मीदवार को तवज्जो नहीं दी. भाजपा और कांग्रेस ने भी बाहरी प्रत्याशियों को ही मैदान में उतारा.
वर्ष 1957 से 2013 तक चुने गए विधायक
1957 सुशीला सोबरन सिंह भदौरिया (कांग्रेस) जश्तपुरा गोहद
1962 रामचरण लाल थापक (प्रजा सोशलिस्ट पार्टी) गोहद
1967 कन्हैयालाल माहौर (जनसंघ) गोहद
1972 भूरेलाल फिरौजिया (जनसंघ) उज्जैन
1977 भूरेलाल फिरौजिया (जनता पार्टी) उज्जैन
1980 श्रीराम जाटव (भाजपा) भिंड
1985 चर्तुभुज भदकारिया (कांग्रेस) ग्वालियर
1989 सोपत जाटव (कांग्रेस) भिंड
1990 श्रीराम जाटव (भाजपा) भिंड
1993 चतुरीलाल बराहदिया (बसपा) ग्वालियर
1998 लाल सिंह आर्य (भाजपा) भिंड
2003 लाल सिंह आर्य (भाजपा) भिंड
2008 माखनलाल जाटव (कांग्रेस) भिंड
2009 रणवीर जाटव (कांग्रेस) भिंड
2013 लाल सिंह आर्य (भाजपा) भिंड