कोर्ट की टिप्पणी: आजकल अधिकारी कोर्ट के आदेश की अनदेखी कर रहे हैं

कोर्ट की टिप्पणी: आजकल अधिकारी कोर्ट के आदेश की अनदेखी कर रहे हैं


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ग्वालियर13 मिनट पहले

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  • शासन के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर हाई कोर्ट ने जताई नाराजगी

मप्र शासन के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर हाई कोर्ट ने एक बार फिर नाराजगी जताई है। उद्यानिकी विभाग के उप-निदेशक को पेंशन के भुगतान में हो रही देरी के मामले में सुनवाई करते हुए जस्टिस एस ए धर्माधिकारी ने कहा – याचिकाकर्ता के पास जीवकोपार्जन के लिए पेंशन के अलावा और कोई साधन नहीं है।

हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी अधिकारी नियमानुसार पेंशन का भुगतान नहीं कर रहे। आजकल ऐसा देखने में आ रहा है कि अधिकारी कोर्ट के आदेश की अनदेखी कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी मप्र के विधि विभाग की कार्यप्रणाली पर नाखुशी जताते हुए मुख्य सचिव को इस संबंध में उचित कार्रवाई करने के लिए कहा था।

दरअसल, उद्यानिकी विभाग में उप-निदेशक के पद से सेवानिवृत्त हुए रूप सिंह भदौरिया पेंशन भुगतान के मामले में अपने विभाग से कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। याचिका में विभाग पर नियमानुसार पूरी पेंशन नहीं देने का आरोप लगाया गया है। एडवोकेट आरबीएस तोमर ने बताया कि याचिकाकर्ता 31 मार्च 2017 को सेवानिवृत्त हुए।

उस समय उनके खिलाफ ना तो कोई विभागीय जांच चल रही थी, ना ही न्यायिक कार्रवाई प्रचलन में थी। 23 फरवरी 2018 को विभाग ने उनके खिलाफ आरोप पत्र पेश किया। इस कारण उन्हें पेंशन का 90 फीसदी भुगतान किया जा रहा है , जबकि ग्रेच्युटी का भुगतान रोक दिया गया।

इस पर कोर्ट ने 23 सितंबर को पेंशन का भुगतान करने का आदेश दिया। हालांकि, हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी जब पेंशन का भुगतान नहीं किया तो कोर्ट ने दस हजार रुपए का जुर्माना लगाया। मंगलवार को हुई सुनवाई में एडवोकेट तोमर ने बताया कि ना तो पेंशन का भुगतान किया गया, ना ही जुर्माने की राशि जमा कराई गई ।

इस पर कोर्ट ने उद्यानिकी विभाग के प्रमुख सचिव को दो सप्ताह के भीतर आदेश का पालन करने का निर्देश दिया। साथ ही यह स्पष्ट किया कि आदेश का पालन नहीं करने की स्थिति में उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हाई कोर्ट में उपस्थित रहना पड़ेगा।



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