ओवरस्पीड
सड़क दुर्घटनाओं और मौतों की अधिकतम संख्या ओवर-स्पीडिंग के कारण हुई, जिसमें 67.3 प्रतिशत या 1,01,699 मौतें, 71 प्रतिशत दुर्घटनाएँ और 72.4 प्रतिशत चोटें थीं.
यह भी पढ़ें: 11 हजार रुपये में बुक करें Nissan की नई कार Magnite, पहली बार मिलेंगे ये फीचर्सअवैध लाइसेंस के गाड़ी चलाना
कुल दुर्घटनाओं में 15 प्रतिशत हिस्सा बिना वैध लाइसेंस के गाड़ी चलाने या बिना सीखे ड्राईवर के कारण था. 2019 में गड्ढों की वजह से सड़क दुर्घटना में 2,140 मौतों के साथ मृत्यु में 6.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई. 10 साल से अधिक के वाहनों में दुर्घटना से संबंधित मौतों का 41 प्रतिशत हिस्सा था. शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मारे गए व्यक्तियों की संख्या क्रमशः 32.9 प्रतिशत और 67.1 प्रतिशत थी.
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मरने वालों में पैदल यात्री ज्यादा हुई
सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए पैदल यात्रियों की संख्या 2018 में 22,656 से बढ़कर 2019 में 25,858 हो गई, यानी लगभग 14.13 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. दुपहिया वाहन और पैदल चलने वालों को मिलाकर यह सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए लोगों का 54 प्रतिशत हिस्सा होता है और वैश्विक स्तर पर यह सबसे सबसे कमजोर श्रेणी में शामिल है.
ओवरलोड भी मौत की वजह
लगभग 10 फीसदी मौतें और कुल दुर्घटनाओं का 8 फीसदी हिस्सा वाहनों में ओवरलोड के कारण था. लगभग 69,621 (15.5 प्रतिशत) मामले ‘हिट एंड रन’ के रूप में दर्ज किए गए, जिससे 29,354 मौतें (19.4 प्रतिशत) और 61,751 चोटें (13.7 प्रतिशत) शामिल हैं. 2018 की तुलना में, हिट एंड रन मामलों में 1.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई और हिट और रन के कारण होने वाली मौतों में 0.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई. हालाँकि, मंत्रालय ने कहा है कि भारत में 2018 में मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम के लागू होने के बाद सड़क दुर्घटना में कमी देखी गई है.