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- Hearing On Baba’s Petition In High Court, Asked Baba To Submit Bail Petition In District Court In Two Cases, Hearing Will Be Done On The Same Day
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इंदौर18 मिनट पहले
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बाबा को पहले सेंट्रल जेल से ही गिरफ्तार कर लिया गया।
- 8 नवंबर को आश्रम पर कार्रवाई के दौरान शांति भंग करने के मामले में बाबा को गिरफ्तार किया गया था
8 नवंबर से शांति भंग करने के मामले में जेल में बंद नामदेव त्यागी उर्फ कंप्यूटर बाबा की तरफ से रविवार को दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर हाई कोर्ट की विशेष युगल पीठ ने सुनवाई की। बाबा के वकील ने कोर्ट में कहा कि बाबा की जमानत को बार-बार टाला जा रहा है। एसडीएम पांच लाख रुपए की बाबा की ओर से प्रस्तुत बैंक गारंटी को स्वीकार नहीं कर रहे हैं। मामले में सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने बांड भरवाकर जमानत देने को कहा है। बाबा के खिलाफ गांधी नगर और एरोड्रम पुलिस थाने में दर्ज अन्य मामलों में कोर्ट ने सोमवार को जिला कोर्ट में जमानत याचिका प्रस्तुत करने को कहा। कोर्ट उसी दिन इन याचिकाओं पर आदेश जारी करेगी। यानी सोमवार को तय होगा कि बाबा को बेल मिलेगी या वे जेल में ही रहेंगे।
बाबा के वकील रविंद्र सिंह छाबड़ा ने बताया कि हमने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका प्रस्तुत की थी। मामले में कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने ट्वीट किया कि कम्प्यूटर बाबा को हाई कोर्ट इंदौर बेंच ने राहत दी। उनके साथ न्याय होने का रास्ता खुला। क्या शिवराज सिंह चौहान कोई व्यक्तिगत कारण से उनसे बहुत नाराज हैं। बाबा और उनके शिष्यों को चिन्हित कर नोटिस/कार्यवाही की जा रही। मुख्यमंत्री जी क्या यही राजधर्म।
कम्प्यूटर बाबा को हाई कोर्ट इंदौर बेंच ने राहत दी। उनके साथ न्याय होने का रास्ता खुला। क्या @ChouhanShivraj कोई व्यक्तिगत कारण से उनसे बहुत नाराज़ है। बाबा और उनके शिष्यों को चिन्हित कर नोटिस / कार्यवाही की जा रही।मुख्य मंत्री जी क्या यही राज धर्म !!
— Vivek Tankha (@VTankha) November 15, 2020
दूसरी बार हुई थी जमानत याचिका खारिज
कम्प्यूटर बाबा की जमानत याचिका गुरुवार को दूसरी बार एसडीएम कोर्ट से खारिज हो गई थी। एसडीएम ने अपने आदेश में बाबा द्वारा दी गई व्यक्तिगत गांरटी को अमान्य करते हुए पांच लाख की बैंक गारंटी व अन्य सुरक्षा कोर्ट में पेश करने पर ही जमानत पर विचार करने की बात कहकर दूसरी बार भी याचिका निरस्त कर दी थी। जमानत खारिज होने के चलते बाबा अभी जेल में ही बंद हैं।
8 नवंबर को जमींदोज किया था आश्रम
जिला प्रशासन ने 8 नवंबर को ग्राम जम्बूडी हप्सी के खसरा नंबर 610/1 और 610/2 की 46 एकड़ से ज्यादा जमीन में से दो एकड़ पर फैले लग्जरी आश्रम के अवैध कब्जे तोड़ने की बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया था। पूरे आश्रम को चार पोकलेन की मदद से ध्वस्त किया गया था। इस दौरान अशांति फैलाने के आरोप में बाबा और उनके सहयोगी रामचरण दास, संदीप द्विवेदी, रामबाबू यादव, मोनू पंडित, जगदीप सहित कुल सात लोगों को एसडीएम राजेश राठौर द्वारा अगले आदेश तक जेल भेज दिया गया था। कार्रवाई के दौरान करीब 100 जवानों के फोर्स के साथ एसपी पश्चिम महेशचंद जैन, एएसपी प्रशांत चौबे, तीन सीएसपी, पांच टीआई सहित कंट्रोल रूम का रिजर्व बल और डीआरपी लाइन के रिजर्व बल के जवान मौजूद थे।
9 नवंबर को भी दूसरे कब्जों को ढहाया था
प्रशासन ने सुपर कॉरिडोर पर करीब पांच करोड़ मूल्य की 20 हजार वर्गफीट जमीन मुक्त कराई थी। इसके लिए इस जमीन पर दो कमरे और करीब 1200 वर्गफीट पर निर्माण था। बाकी जमीन खुली थी। इसका कब्जा मुक्त होते ही आईडीए ने दोपहर में ही अफसरों को भेज दिया। सीईओ विवेक श्रोत्रिय के मुताबिक, यहां सड़क बनाई जाएगी। इसके बाद टीम अंबिकापुरी एक्सटेंशन के देवी मंदिर पहुंची। यहां बाबा ने कब्जा कर भवन बना रखा था। इसे लेकर रहवासी संघ कई शिकायतें कर चुका है। प्रशासन ने आश्रम खाली कराया और भवन रहवासी संघों को सौंप दिया। दीवार पर सूचना भी लिखवा दी कि अब ये सार्वजनिक संपत्ति है। इसका संचालन व रखरखाव अंबिकापुरी मेन व एक्सटेंशन रहवासी संघ करेगा।
आश्रम से 10 ट्रक सामान मिला था
आश्रम से दस ट्रक सामान निकला था। सामान हटाने में निगमकर्मियों को दो घंटे लग गए थे। इसमें महंगे सोफे, टीवी, एसी, फ्रिज, अलमारी, कार जो मूसाखेड़ी के किसी रमेश सिंह तोमर के नाम पर है। इसके अलावा बंदूक, बुलेट, महंगी क्रीम, साबुन आदि शामिल था।
गैजेट के शौकीन इसलिए कम्प्यूटर बाबा कहलाए, 2014 से राजनीति करने की चाह
1965 में जन्मे नामदेव दास त्यागी को नरसिंहपुर में साल 1998 में एक बाबा ने उनके गैजेट प्रेम और हमेशा लैपटॉप साथ में रखने के चलते कम्प्यूटर बाबा नाम दिया था। साल 2014 में उन्होंने आम आदमी पार्टी से उन्हें उम्मीदवार बनाने की मांग की थी, लेकिन बात नहीं बनी। साल 2018 में सीएम शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ नर्मदा यात्रा में हुए पौधारोपण को लेकर आरोप लगाए और यात्रा की घोषणा की। अप्रैल 2018 में राज्यमंत्री बना दिए गए। बाद में भाजपा से मोहभंग हुआ और कांग्रेस की तरफ झुक गए। लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के दिग्विजय सिंह की जीत के लिए यज्ञ भी किया।
हमेशा सुर्खियों में रहे
- बाबा ने गोम्मटगिरि आश्रम की जमीन पर हुए विवाद के बाद सबसे पहले राजबाड़ा पर आमरण अनशन किया था। उस समय तत्कालीन मंत्री और वर्तमान भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने अनशन खत्म करवाया था।
- अंबिकापुरी स्थित श्रीसिद्ध कालीधाम मंदिर को लेकर हुई हत्या के मामले में भी बाबा को लेकर आरोप लगे थे।
- 2011 में कम्प्यूटर बाबा ने गोम्मटगिरि आश्रम पर लघु कुंभ आयोजित किया था। इसके प्रचार के लिए उन्होंने हेलिकॉप्टर से गांव-गांव में पर्चे वितरित किए थे।