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- 43 Thousand Farmers Will Buy Four And A Half Lakh Tons Of Paddy, Six Thousand Hectares Of Area Found Suspicious During Investigation
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जबलपुरएक घंटा पहले
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जबलपुर में जिले में शुरू हुई धान की खरीदी
- जिले में कुल 110 केंद्र बनाए गए, पहले दिन 92 केंद्रों पर शुरू हुई खरीदी
- 44 हजार किसानों ने कराया था पंजीयन, सत्यापन के बाद 43 हजार ही किसान बचे
जबलपुर में आज से 92 खरीदी केंद्रों पर धान की तुलाई शुरू हुई। कुल 110 खरीदी केंद्र बनाए गए हैं। पहले दिन 92 खरीदी केंद्र चालू हुए। जिले में कुल 43 हजार किसानों से साढ़े चार लाख टन धान की खरीदी होगी। पंजीयन में धांधली के बीच होने वाली इस खरीदी को लेकर भी प्रशासन कटघरे में है। कई किसानों के नाम फर्जी पंजीयन किया गया है। प्रशासन ने सत्यापन के बाद लगभग एक हजार किसानों के नाम अलग किए। इन किसानों ने छह हजार हेक्टेयर रकबा में धान की फसल का पंजीयन कराया था। सत्यापन में कही मटर मिला तो कहीं चना की फसल लगी मिली थी।
सत्यापन के बाद एक हजार सत्यापन मिले फर्जी
जिले में 10 तहसीलों में कुल 44 हजार 56 किसानों ने पंजीयन कराया था। सत्यापन के बाद 43 हजार 36 किसान ही बचे हैं। लगभग एक हजार किसानों का पंजीयन गलत पाया गया। पंजीयन में पहले कुल एक लाख 6 हजार 994 हेक्टेयर में धान की बुआई बताई गई थी, जो पंजीयन के बाद घटकर एक लाख 737 हेक्टेयर ही रह गया। गलत सत्यापन कराने वालों के खिलाफ पनागर, बेलखेड़ा में आधा दर्जन एफआईआर तक कराई गई है।
तहसील | पंजीकृत किसान | सत्यापित किसान | पूर्व रकबा हेक्टेयर में | सत्यापित रकबा हेक्टेयर में |
मझौली | 10492 | 10345 | 24411 | 23588 |
सिहोरा | 8911 | 8830 | 17678 | 16953 |
पाटन | 7896 | 7645 | 21371 | 20480 |
पनागर | 7070 | 7005 | 17755 | 17250 |
शहपुरा | 4150 | 4004 | 10874 | 10142 |
जबलपुर | 3030 | 3013 | 6526 | 6321 |
कुंडम | 1587 | 1309 | 5433 | 3230 |
गोरखपुर | 364 | 364 | 1191 | 1191 |
अधारताल | 348 | 314 | 1246 | 1089 |
रांझी | 208 | 207 | 509 | 494 |
चार कैटेगरी में हुआ था सत्यापन
धान खरीदी का सत्यापन कराने में धांधली की शिकायत पर कलेक्टर ने चार कैटेगरी में सत्यापन कराने का निर्देश दिया था। पहली कैटेगरी चार एकड़ से अधिक रकबा वाले, दूसरी में सिकमी व बंटाई वाले, तीसरी में पिछले वर्ष की तुलना में अधिक रकबा दिखाने वाले और चौथी कटेगरी वन पट्टाधारियों के पंजीयन का सत्यापन कराया गया था। राजस्व अधिकारियों को मौके पर भेजकर पंजीयन कराने वाले किसानों के दावे की जांच कराई गई थी। फर्जी पंजीयन मिलने पर कियोस्क संचालकों को भी नोटिस जारी किए गए थे।
करोड़ों की धांधली रोकी
किसानों के पंजीयन का सत्यापन कराने से छह हजार हेक्टेयर की फसल कम हो गई। इससे सरकार को करोड़ों रुपए की बचत होगी। इस बार सरकारी खरीदी केंद्रों पर किसानों को 1868 रुपए प्रति क्विंटल की दर से भुगतान की पर्ची मिलेगी। बहुतेरे किसानों ने रबी की बुआई के चलते अपनी फसल व्यापारियों को बेच चुके हैं। किसानों का आरोप है कि इस बार धान की खरीदी लेट हो रही है। हालांकि प्रभारी जिला आपूर्ति नियंत्रक संजय खरे का दावा है कि धान की कटाई, सुखाई और सफाई में इतना वक्त किसानों को लगता है।
केंद्रों पर पर्याप्त इंतजाम
जिला विपणन अधिकारी रोहित सिंह बघेल के मुताबिक किसानों की सुविधा के लिहाज से जिले में अभी तक 92 खरीदी केन्द्र बनाये जा चुके हैं। सभी खरीदी केन्द्रों पर बारदानों, तुलाई मशीन आदि की पर्याप्त इंतजाम किये गये हैं। किसानों से समर्थन मूल्य पर धान का उपार्जन 1868 रुपए प्रति क्विंटल रुपए की दर से किया जाएगा। इस बार 43 हजार पंजीकृत किसानों से साढ़े चार लाख टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है।