मंदिर में दूध चढ़ाते श्रद्धालु.
किसानों और आदिवासियों द्वारा अपने पशुओं की समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना में हजारो टन दूध (Milk) मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सीहोर (Sehore) की इछावर तहसील के गांव देवपुरा स्थित बाराखम्बा मंदिर में भगवान पशुपतिनाथ की सिला पर हर वर्ष दीपावली में चढ़ाया जाता है.
प्राचीन मिथकों और अंधी परम्पराओं से जुड़ा एक अजीबोगरीब दस्तूर है कि किसान और आदिवासी अपने दुधारु पशुओं की समृद्धि और स्वास्थ्य के लिए उनका एक दिन का पूरा दूध इछावर तहसील के गांव देवपुरा स्थित बाराह खम्बा मंदिर में भगवान पशुपतिनाथ की सिला पर हर वर्ष दीपावली की पड़वा को चढ़ाते हैं. वहीं इस दिन दूध की एक बूंद का इस्तेमाल पशु मालिकों के द्वारा नहीं किया जाता है.
दूर दूर से आते हैं लोग
भगवान पशुपतिनाथ की सिला पर हर वर्ष दीपावली की पड़वा को आसपास और जिले के बाहर के हजारो किसान और आदिवासी अपने दुधारु पशुओं की समृद्धि और स्वास्थ्य के लिए एक दिन का पूरा दूध चढ़ाते हैं. यहां एक वृहद मेले की शक्ल में हजारों लोग अपनी आस्था, श्रद्धा और विश्वास की त्रिवेणी को मूर्त रूप देते हैं. हालात यह बनता है चढ़ाए हुए दूध की मोटी दो धाराए लगातार मंदिर के पीछे एक दूध के तालाब का निर्माण कर देती है. इसके पीछे मान्यता है कि पशुओं के रक्षक भगवान पशुपतिनाथ दुधारू पशुओं में वर्ष बाहर कोई संक्रामक रोग नहीं होने देते हैं. इसलिए किसान और आदिवासी आज भी इस मान्यता का निर्वहन करते चले आ रहे हैं.कोरोना नियमों का उल्लंघन
मेले स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजामात किये गए, लेकिन कोरोना काल में जिला प्रशासन के तमाम दावो और ऐतिहात को धता बताते हुए ग्रामीणों की हजारों की संख्या में पहुंची भीड़ ने कोरोना महामारी की कोई परवाह नहीं की.