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- Mahakala Came Out To Know The Condition Of The People In Kartik Month, And The Devotees Were Happy After Seeing The Vision Of Rajadhiraj
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उज्जैनएक घंटा पहले
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चंद्रमाैलेश्वर स्वरूप में बाबा महाकाल की सवारी निकली।
- अगली सवारी 23 को, 28 को गोपाल मंदिर में होगा हरिहर मिलन
उज्जैन में कार्तिक मास में प्रजा का हाल जानने राजाधिराज महाकालेश्वर की पहली सवारी सोमवार को गाजे बाजे के साथ निकली। सवारी में आगे-आगे घुड़सवार, पुलिस बैंड और पुजारियों के झांझ-मंझीरा दल थे। राजाधिराज के दर्शन पाकर भक्त निहाल हो गए। बाबा चंद्रमौलेश्वर रूप में थे। उनके सवारी मार्ग को भक्तों ने फूलों से पाट दिया।
बताते चलें कि भगवान महाकालेश्वर की श्रावण-भादों व कार्तिक-अगहन मास प्रजा का हाल जानने गर्भगृह से निकलते हैं। सावन मास में भी राजाधिराज की सवारी निकाली जाती है। इसके अलावा दशहरा और बैकुंठ चतुर्दशी पर भी महाकालेश्वर की सवारी निकलती है। सोमवार को सवारी निकलने से पहले मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक नरेंद्र सूर्यवंशी ने भगवान के चंद्रमौलेश्वर के रूप में बाबा महाकाल की पूजा की। सवारी पारंपरिक मार्ग से होते हुए रामघाट पहुंची। जहां पूजन के बाद कार्तिक चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार होकर महाकाल मंदिर लौटी।
कार्तिक मास की अगली सवारी 23 नवंबर को निकाली जाएगी। इसके बाद 28 नवंबर को रात 11 बजे वैकुंठ चतुर्दशी की सवारी निकलेगी। इसी दिन गोपाल मंदिर हरिहर मिलन होगा।