राज्य शासन ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक अन्य साधिकार कमेटी बनायी है.
इसके गठन का मुख्य उद्देश मेट्रो (Metro) में आ रही रुकावट और समस्याएं दूर करना है. कमेटी भूमि अधिग्रहण, डायवर्सन, पुनर्वास, राज्य सरकार से संबंधित अन्य विषयों में तत्काल एक्शन लेगी.
इन मुद्दों पर होगा फैसला
मध्य प्रदेश के दो बड़े शहरों राजधानी भोपाल और वाणिज्यिक शहर इंदौर में मेट्रो शुरू की जाना है. इसका काम मंथर गति से चल रहा है. लेकिन अब शासन इसमें तेज़ी लाना चाहता है. काम को गति देने और समय पर पूरा करने के लिए अब मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक हाई पावर कमेटी बना दी गयी है. इसके गठन का मुख्य उद्देश मेट्रो में आ रही रुकावट औऱ समस्याएं दूर करना है. कमेटी भूमि अधिग्रहण, डायवर्सन, पुनर्वास, राज्य सरकार से संबंधित अन्य विषयों में तत्काल एक्शन लेगी.
समिति में ये हैं सदस्यसमिति में अपर मुख्य सचिव गृह, प्रमुख सचिव राजस्व, वित्त, नगरीय विकास एवं आवास, लोक निर्माण, ऊर्जा, कमिश्नर भोपाल, इंदौर संभाग और कलेक्टर भोपाल एवं इंदौर सदस्य हैं. प्रबंध संचालक मेट्रो रेल कम्पनी लिमिटेड को समिति में समन्वयक बनाया गया है.
अलग से एक और कमेटी बनी
राज्य शासन ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक अन्य साधिकार कमेटी बनायी है. इस कमेटी को भी कई मामलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है. यह कमेटी इन कामों को अंजाम तक पहुंचाएगी और मेट्रो में आने वाली रुकावट को अपने स्तर पर आपसी समन्वय से दूर करेगी.कमेटी में प्रमुख सचिव वित्त, पर्यटन, वन, संस्कृति, वाणिज्यिक कर, प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम सदस्य हैं. कमेटी के समक्ष प्रकरण आने पर संबंधित विभागों के सचिव भी समिति के सदस्य होंगे. यह समिति पर्यटन नीति, मार्ग सुविधा केंद्रों की स्थापना और संचालन नीति, फिल्म पर्यटन नीति के संबंध में काम कर निर्णय लेगी.