गौ संवर्धन आयोग के पूर्व अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद ने गौ कैबिनेट का किया स्वागत.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) द्वारा मध्य प्रदेश में गौ कैबिनेट (Gau Cabinet)बनाने की घोषणा को लेकर सियासत तेज हो गई है. पूर्व सीएम कमलनाथ ने इस पर तंज कसा है, तो गौ संवर्धन आयोग के पूर्व अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद (Swami Akhileshwaranand) में स्वागत किया है.
गौ कैबिनेट के फैसला एक सराहनीय कदम
मध्य प्रदेश में एक बार फिर गायों की सुरक्षा को लेकर शिवराज सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ‘गौ-कैबिनेट’ बनाए जाने के ऐलान के बाद गायों के संरक्षण और संवर्धन को लेकर चर्चा जोरों पर है. मध्य प्रदेश गौ संवर्धन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद महाराज का कहना है कि निश्चित तौर पर गौ कैबिनेट मध्य प्रदेश में गायों की रक्षा के लिए एक सराहनीय कदम है. गौ संवर्धन बोर्ड में जो कमियां रह गई थीं, उसे ‘गौ-कैबिनेट’ में दूर किया जाएगा. न्यूज़ 18 से खास बातचीत में स्वामी अखिलेशवरानंद ने कहा की उन्हें खुद शिवराज सिंह चौहान का संदेश आया है और वह आगर मालवा में होने वाली पहली ‘गौ-कैबिनेट’ की बैठक में शामिल होने के लिए जा रहे हैं. साथ उन्होंने पूर्व कमलनाथ सरकार पर भी निशाना साधा है. स्वामी अखिलेश्वरानंद महाराज ने कहा कि कमलनाथ सरकार में गौ संरक्षण को लेकर हवा हवाई बातें की गई और आज गौशाला तो बन गई लेकिन वहां गौवंश नहीं है.
बहरहाल, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की कि राज्य सरकार ने गोधन के संरक्षण और संवर्धन के लिये ‘गौ कैबिनेट’ गठित करने का निर्णय लिया है. इस पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि भाजपा ने गायों के लिए एक अलग विभाग (मंत्रालय) स्थापित करने का वादा किया था, लेकिन अब केवल ‘गौ कैबिनेट’ की स्थापना की जा रही है. जबकि शिवराज ने ट्वीट में कहा कि प्रदेश में गोधन संरक्षण व संवर्धन के लिए ‘गौ कैबिनेट’ गठित करने का निर्णय लिया गया है, जिसमें पशुपालन, वन, पंचायत व ग्रामीण विकास, राजस्व, गृह और किसान कल्याण विभाग ‘गौ कैबिनेट’ में शामिल होंगे. इसकी पहली बैठक 22 नवंबर को गोपाष्टमी पर दोपहर 12 बजे आगर मालवा में स्थित गौ अभयारण में आयोजित की जाएगी.इस बीच, मध्यप्रदेश सरकार ने ‘गौ-कैबिनेट’ के आदेश जारी कर दिए हैं। चौहान के अलावा इस कैबिनेट में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, वन मंत्री विजय शाह, कृषि मंत्री कमल पटेल, पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया और पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल भी शामिल हैं. वहीं, बुधवार को जारी आधिकारिक बयान में मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश में छह विभाग मुख्य रूप से ‘गौ-कैबिनेट’ निर्णयों के क्रियान्वयन को अंजाम देंगे. गाय के गोबर के कंडों का उपयोग भी किस तरह बढ़े, इस दिशा में कार्य योजना को लागू किया जाएगा. छह विभागों की सक्रियता से क्रियान्वयन के स्तर पर कठिनाई नहीं होगी. समन्वय से कार्य पूरे किए जाएंगे। वर्तमान में गौ-काष्ठ के निर्माण को प्रोत्साहन मिल रहा है. इस उत्पाद के विपणन के नये आयामों पर विचार किया जाएगा. इसी तरह गौ-दुग्ध से निर्मित अन्य उत्पादों के विपणन के लिए भी प्रयास होंगे.