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भिंड43 मिनट पहले
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समर्थन मूल्य केंद्र पर तौल के इंतजार में खड़ी बाजरा से भरी ट्रैक्टर ट्रॉलियां।
- समर्थन मूल्य पर बाजरा की खरीदी में अव्यवस्थाओं के चलते परेशान हो रहे किसान, मजदूर भी नहीं मिल रहे
समर्थन मूल्य पर बाजरा बेचना किसानों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। खरीद केंद्रों पर आने वाले किसानों की संख्या के अनुपात में तौल कांटे और मजदूरों की भारी कमी के चलते किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्थिति यह है कि किसानों को अपनी उपज की तौल के लिए केंद्र पर तीन से चार दिन तक का इंतजार करना पड़ रहा है। जबकि जिम्मेदार अफसर इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
यहां बता दें समर्थन मूल्य पर बाजरा बेचने के लिए जिले में 8 हजार से ज्यादा किसानों ने अपना पंजीयन कराया है। वहीं प्रशासन ने बाजरा और ज्वार आदि की खरीद के लिए जिले में 20 केंद्र बनाए हैं। लेकिन इन केंद्रों पर तौल कांटें और मजदूरों का टोटा होने से किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्थिति यह है कि केंद्रों पर किसानों को खुद ही अपनी बोरियां तौल के लिए कांटे पर रखना पड़ रही है। बल्कि उन्हें खुद ही कांटे से उठाना पड़ रही है। मजदूर सिर्फ कितनी बोरियां तुल गई और कितनी रह गई, इसकी गिनती गिनने का कार्य कर रहे हैं। इसके पीछे वजह यह है कि एक कांटे पर सिर्फ एक मजदूर है।
5 दिन बाद शुरू हुई खरीदी तो लग गई कतार
13, 14 नवंबर को दीपावली त्योहार की छुट्टी के चलते जिले में खरीदी बंद रही। वहीं 15 नवंबर को रविवार होने के साथ बारिश होने से केंद्रों पर रखा बाजरा जहां भीग गया, वहीं केंद्रों पर पानी भरने से अव्यवस्था फैल गई। ऐसे में कलेक्टर डॉ वीरेंद्र सिंह रावत ने 16 और 17 नवंबर के लिए खरीदी रोक दी। वहीं पांच दिन बाद जब खरीदी शुरू हुई तो जिले के सभी केंद्रों पर किसानों की लंबी कतार लग गई। शहर के लहार रोड स्थित सेंट्रल वेयर हाउस पर बनाए गए केंद्र पर बुधवार की शाम 4 बजे 100 से ज्यादा ट्रैक्टर ट्राॅलियां केंद्र पर तुलाई के इंतजार में खड़ी हुई थी।
त्योहार से पहले आया मैसेज, बाद में भी तुलाई नहीं
सेंट्रल वेयर हाउस स्थित खरीद केंद्र पर बुधवार को तुलाई के इंतजार में कई किसान ऐसे भी खड़े थे, जिनके पास उपज बेचने के लिए मैसेज दीपावली के त्योहार से पहले 11 नवंबर को आया था। लेकिन त्योहार गुजरने के बाद भी 18 नवंबर को वे तुलाई के लिए जद्दोजहद कर रहे थे। भिंड एसडीएम ने उन्हें तुलाई के लिए पर्ची भी बनाकर दी। लेकिन उसे भी मान्य नहीं किया जा रहा है। हालांकि इस संबंध में नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों का कहना है कि जिन किसानों के मैसेज एक्सपायर हो गए हैं, उन्हें पुनः मैसेज भेजे जाएंगे।
किसानों का आरोप- घटतौली भी कर रहे
समर्थन मूल्य पर बाजरा बेचने के लिए एक ओर किसानों को तीन से चार दिन तक जहां तुलाई के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। वहीं उन्हें घटतौली का भी सामना करना पड़ रहा है। किसानों की मानें तो केंद्र संचालक उनसे 100 ग्राम वजन की बोरी का 350 ग्राम प्रति बोरी बाजरा ले रहे हैं। ऐसे में यदि उन्होंने पांच क्विंटल बाजरा बेचा तो उनसे ढाई किलो बाजरा अतिरिक्त लिया जा रहा है। हालांकि इस संबंध में केंद्र संचालकों का कहना है कि कई किसानों के बाजरा में नमी है।
सात दिन बाद नंबर आया
हमारे पास दीपावली से पहले बाजरा बेचने के लिए मैसेज आया था। सात दिन बाद आज नंबर आया है। उसमें 50 किलो की तौल पर 350 ग्राम बाजरा लिया जा रहा है। जबकि बोरी का वजन 100 ग्राम है।
– वेदप्रकाश सिंह, हीरालाल का पुरा
बुलाकर लौटा रहे हैं
13 नवंबर को एसडीएम साहब ने नंबर दिया था। तीन और चार नंबर मुझे दिया गया था। लेकिन आज पता चल रहा है कि आज जो आए हैं उनकी तुलाई होगी, हम लोगों को बाहर जाने की कहा जा रहा है।
चंद्रपाल सिंह भदौरिया, हीरालाल का पुरा
मजदूर छुट्टी पर गए थे
त्योहार के कारण मजदूर छुट्टी पर चले गए थे। इस वजह कुछ केंद्रों पर तौल की दिक्कत हुई है। वहीं वर्षा के कारण भी केंद्रों परेशानी पैदा हुई। जहां भी मजदूर और तौल कांटे बढ़ाने की आवश्यकता है वहां बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। किसानों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आने देंगे।
– डॉ. वीरेंद्र सिंह रावत, कलेक्टर