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- Missing Constable Tilwara From Chhindwara Police Lines Had Reached Suicide, A Phone Call Saved His Life
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जबलपुर37 मिनट पहले
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सफेद शर्ट में आरक्षक अजय उइके।
- थाने से लाइन में भेजने से और पारिवारिक समस्या के चलते तनाव था
- 16 नवंबर को घर में मोबाइल छोड़कर निकला था आरक्षक
जबलपुर से 217 किमी दूर छिंदवाड़ा पुलिस लाइन में पदस्थ एक आरक्षक इतना तनाव में आया कि आत्महत्या करने शहर के तिलवारा घाट चला आया। आत्मघाती कदम उठाने से पहले घरवालों को किए गए एक फोन कॉल ने उसकी जिंदगी बचा ली। तिलवारा पुलिस ने आरक्षक को ढूंढ निकाला। उसे थाने लाकर काउंसलिंग की। उसके घरवालों को बुलाया। छिंदवाड़ा की पुलिस भी आई और उसे साथ ले गई।
लाइन अटैच था आरक्षक
टीआई तिलवारा सतीश पटेल ने बताया कि पुलिस लाइन छिंदवाड़ा में पदस्थ आरक्षक अजय उइके 16 नवंबर की दोपहर 12.30 बजे तनाव में घर से निकल गया था। उसने मोबाइल भी घर छोड़ दिया था। आरक्षक की गुमशुदगी देहात थाने में दर्ज कराई गई। तब से परिजन और छिंदवाड़ा पुलिस आरक्षक की तलाश में जुटी थी। आरक्षक को गैर हाजिर होने के चलते लाइन अटैच किया गया था। घर की भी समस्या थी। दोहरे तनाव में वह घर से निकला था।
एक मोबाइल कॉल ने बचा ली जिंदगी
आरक्षक अजय उइके 217 किमी दूर जबलपुर के तिलवारा आ गया था। उसने गुरुवार दोपहर में एक राहगीर का मोबाइल लेकर घरवालों से बात की। इसी मोबाइल नंबर पर किए गए कॉल ने उसकी जिंदगी बचा ली। घरवालों ने छिंदवाड़ा देहात थाने में मोबाइल नंबर की सूचना दी। वहां के टीआई मोहर मर्सकोले ने टीआई तिलवारा से संपर्क किया। टीआई तिलवारा ने उक्त मोबाइल नंबर पर बात की। राहगीर ने बताया कि वन विभाग तिलवारा के पास एक व्यक्ति ने उसका मोबाइल लिया था। टीआई के पास आरक्षक की फोटो आ गई थी। इसी आधार पर चीता मोबाइल भेजकर आरक्षक को ढूंढा गया।
आरक्षक ने बताया कि वह परेशान हो चुका है
आरक्षक को लेकर चीता मोबाइल थाने पहुंचे। आरक्षक अजय उइके ने बताया कि वह परेशान होकर तिलवारा आया था। उसने गुस्से में दो दिन से खाना तक नहीं खाया था। टीआई ने भोजन कराया और उसकी काउंसलिंग की। सूचना पर छिंदवाड़ा के जुन्नारदेव में पदस्थ उसका आरक्षक भाई रविशंकर तिलवारा पहुंचा और भाई को सकुशल ले गया।