समर्थन मूल्य: बारदाना खत्म, नहीं हुई खरीद, किसानों का आरोप- 20 रुपए क्विंटल देने वालों का तौला जा रहा बाजरा

समर्थन मूल्य: बारदाना खत्म, नहीं हुई खरीद, किसानों का आरोप- 20 रुपए क्विंटल देने वालों का तौला जा रहा बाजरा


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  • The Gunny Bags Are Not Finished, The Farmers Are Accused The Millet Is Being Weighed By Those Who Give 20 Rupees A Quintal.

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मुरैना4 घंटे पहले

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कृषि उपज मंडी में बाजरा बेचने आए किसान बाजरा तौल के लिए भेजे गए एसएमएस की पर्ची दिखाते हुए।

  • खरीद केंद्रों पर चार दिन बाद भी बाजरा तौल के लिए किसानों का नहीं आ रहा नंबर

समर्थन मूल्य पर बाजरा की खरीद में धांधली हो रही है। कृषि उपज मंडी में खरीद कर रहीं आठ सोसायटियों पर बुधवार को बारदाना समाप्त हो गया। इस कारण खरीद कार्य नहीं हो सका। किसानों का कहना है कि सोसायटी प्रबंधक व व्यापारी मिलकर रात को ट्रकों के जरिए बाहर से आ रहे बाजरे की तौल कर रहे हैं। इस कारण बुधवार को वारदाना समाप्त हो गया। किसानों ने दैनिक भास्कर को यह भी बताया कि वे चार दिन से समर्थन मूल्य पर बाजरा बेचने के लिए लाइन में खड़े हैं। लेकिन ऐसे किसानों की तौल पहले की जा रही है जो एक क्विंटल तौल के एवज में 20 रुपए दे रहे हैं।

किसान बोले-चार दिन बाद भी नहीं आया तौल का नंबर, दोबारा भेजे जाएं एसएमएस: किसानों ने बताया कि वे बाजरा बेचने के लिए 15 नवंबर को वेयर हाउस में टोकन लेने आए थे। लेकिन उन्हें 16 नवंबर को टोकन दिया गया। लेकिन टोकन मिलने के दो दिन बाद यानि 18 नवंबर को भी उनका बाजरा नहीं खरीदा गया। किसानों का कहना है कि एसएमएस मिलने के बाद बाजरा बेचने के लिए 7 दिन की अवधि निर्धारित है, लेकिन एसएमएस मिलने के बाद निर्धारित अवधि में उनका बाजरा समर्थन मूल्य नहीं खरीदा गया। ऐसे में उन्हें बाजरा बेचने के लिए दोबारा एसएमएस भेजे जाएं।

ठंड के मौसम में खुले मैदान में दो से तीन गुजार रहे किसान: कृषि उपज मंडी में बाजरा खरीदने का कार्य आठ सहकारी समितियां कर रहीं हैं। इसलिए बुधवार को यहां बाजरा बेचने के लिए 1500 से अधिक ट्रैक्टर-ट्रॉली खड़े थे। किसानों ने बताया कि टोकन मिलने के बाद भी उन्हें बाजरा बेचने के लिए दो से तीन दिन मंडी में रुकना पड़ रहा है। ठंठ के मौसम में दिन तो किसी भी तरह कट जाता है, लेकिन रात का समय निकालना मुश्किल हो रहा है।

किसान बोले- निर्धारित अवधि में नहीं खरीदा गया बाजरा, दोबारा भेजा जाए एसएमएस
मुझे बाजरा बेचने के लिए 10 नवंबर को एसएमएस मिला। इसके बाद मैं 15 नवंबर को टोकन लेने वेयर हाउस पहुंचा। जहां 16 नवंबर को टोकन मिला। जिसमें बाजरा बेचने की अंतिम तिथि नवंबर दर्ज है। बुधवार को वारदाना खत्म होने की बात कह कर मेरा 18 क्विंटल बाजरा नहीं खरीदा गया। ऐसे में हमें बाजरा बेचने के लिए दोबारा एसएमएस भेजना चाहिए। -महेश बघेल, ग्राम जारह

कृषि उपज मंडी में खरीद कार्य कर रहीं सोसायटियां रात के समय बाहर से ट्रकों के जरिए लाए जा रहे बाजरा की तौल कर रही हैं। जिसके चलते बारदाना समाप्त हो गया। जबकि मैं 16 नवंबर को टोकन मिलने के बाद मंडी में ठहरा हूं, लेकिन मेरा 20 क्विंटल बाजरा बुधवार को भी नहीं तौला गया।
भोलाराम सिंह गुर्जर, ग्राम कैंथरी

किसानों के आरोप गलत
जिन किसानों का नंबर पहले नहीं आता वे कुछ भी आरोप लगाते हैं। सोसायटी प्रबंधक द्वारा तौल के बदले 20 रुपए क्विंटल की दर से पैसा लेने की बात गलत है। खरीद केंद्रों पर केवल किसानों की बाजरा ही खरीदा जा रहा है। इसकी हम लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
बीएस तोमर, जिला आपूर्ति अधिकारी मुरैना

गड़बड़ी कर रहे हैं सोसायटी प्रबंधक
58600 मैट्रिक टन बाजरा खरीदने के लिए सोसायटियों को बारदाना उपलब्ध कराया गया है। जबकि इसकी तुलना में अभी तक 40 हजार मीट्रिक टन बाजरा खरीदा गया है। इससे जाहिर है कि सोसायटियों के स्तर पर गड़बड़ी की जा रही है। हमने आज भी सोसायटियों को बारदाना उपलब्ध कराया है।
अरुण वर्मा, जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम



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