सरकार वायु प्रदूषण कम करने के लिए एलएनजी को बढ़ावा देना चाहती है.
वायु प्रदूषण (Air pollution) में वाहनों से निकलने वाला धुओं का बड़ा योगदान है. मोदी सरकार (Modi Govt) लगातार प्रयास कर रही है कि वायु प्रदूषण को कम किया जाए. सरकार ने दावा किया है कि ट्रकों और बसों (Trucks and buses) में एलएनजी (LNG) के इस्तेमाल किए जाने से SOx 100 फीसदी और NOx 85% तक कम करने में मदद मिलेगी.
- News18Hindi
- Last Updated:
November 20, 2020, 7:28 AM IST
ये कंपनियां 50 एलएनजी स्टेशन- साल 2015 में एलएनजी ईंधन परीक्षण शुरू किया गया था और सिर्फ 5 सालों में ही यह वाणिज्यिक तौर पर इस्तेमाल करने के लिए तैयार कर लिया गया है. जिन 50 एलएनजी स्टेशनों के लिए आधारशिला रखी गई है उसे देश की बड़ी तेल और गैस कंपनियां आईओसीएल, बीपीसीएल, एचपीसीएल, गेल, पीएलएल, गुजरात गैस और उनकी संयुक्त उद्यम और सहायक कंपनियों द्वारा शुरू किया जाएगा. इन 50 एलएनजी स्टेशनों में से आईओसीएल 20, बीपीसीएल और एचपीसीएल 11-11 स्टेशन लगाएंगे.
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LNG स्टेशन को लेकर केंद्र सरकार की है ये भावी योजना- केंद्र की मोदी सरकार पूरे देश में एलएनजी का जाल बिछाना चाहती है. सरकार स्वर्णिम चतुर्भुज पर प्रत्येक 200-300 किमी की दूरी पर एलएनजी स्टेशन लगाए जायेंगे. सरकार ने लक्ष्य निर्धारित किया है कि अगले 3 सालों में सभी प्रमुख सड़कों, औद्योगिक केंद्रों और खनन क्षेत्रो में 1000 एलएनजी स्टेशन लगाए जाएंगे. सरकार का मानना है कि कम से कम 10 फीसदी ट्रक एलएनजी ईंधन को अपनाएंगे. राजमार्गों में एलएनजी का नेटवर्क दुरुस्त किए जाने से भारी वाहनों को एलएनजी पर चलाना सुगम हो जाएगा. एक अनुमान के मुताबिक एक ट्रक एलएनजी ईंधन पूरा भरवा लेता है तो वो 800 किमी तक चल सकता है. एलएनजी ईंधन का विकल्प चुनने से ना सिर्फ प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी बल्कि परिवहन लागत में भी भारी कटौती होगी. यहीं नहीं पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता भी कम होगी. गौरतलब है कि देश अपनी क्रूड ऑयल की जरूरत का 85 फीसदी तक दूसरे देशों से आयात करता है. जबकि 50 प्राकृतिक गैस भारत दूसरे से खरीद करता है. यह भी पढ़ें: न्यू-जनरेशन मारुति Celerio की टेस्टिंग के दौरान तस्वीरें हुई लीक, जानें इसकी खासियत
LNG से प्रदूषण होगा कम- वायु प्रदूषण में वाहनों से निकलने वाला धुओं का बड़ा योगदान है. मोदी सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि वायु प्रदूषण को कम किया जाए. सरकार ने दावा किया है कि ट्रकों और बसों में एलएनजी के इस्तेमाल किए जाने से SOx 100 फीसदी और NOx 85% तक कम करने में मदद मिलेगी. इसके अलावा ट्रक मालिकों को भी इससे बड़ा फायदा होगा. एलएनजी आधारित ट्रक ऑपरेटर प्रति ट्रक करीब 2 लाख रुपये सालाना बचत कर पाएंगे. इससे ट्रकों की उच्च लागत 3 से 4 सालों में ही उन्हें वापस हो जाएगी. उम्मीद की जा रही है कि साल 2035 तक 20 से 25 MMSCMD एलएनजी गैस की मांग देश में पैदा हो जाएगी.