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जबलपुर11 मिनट पहले
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रेलवे की भूमि पर बिल्डर द्वारा तानी गई बाउंड्रीवाॅल, जिसे रेलवे अधिकारी नहीं तुड़वा पा रहे हैं।
रेलवे की भूमि पर कब्जा कर बिल्डर द्वारा अवैध तरीके से बनाई गई बाउंड्रीवॉल को हटा पाने में रेल प्रशासन पूरी तरह से नाकाम साबित हुआ है। ग्वारीघाट स्थित नर्मदा नगर में बंद हो चुकी छोटी लाइन के किनारे वैशाली परिसर नाम की टाउनशिप बसाने वाले बिल्डर संजय ककवानी को पश्चिम मध्य रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग द्वारा दिखावे की कार्रवाई के नाम पर नोटिस पर नोटिस जारी किए जा रहे हैं लेकिन आज तक अवैध बाउंड्रीवॉल नहीं टूट पाई है।
हकीकत यह है कि बिल्डर के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की हिम्मत रेल अधिकारी जुटा नहीं पा रहे हैं। रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार नर्मदा नगर से लेकर रेत नाके की ब्रॉडगेज लाइन के नीचे बिल्डर ने करीब 3 एकड़ जमीन पर कब्जा किया है, जिस पर बाउंड्रीवॉल बनाई गई है। बिल्डर ने कब्जा करने के लिए इंडियन रेलवे के मार्किंग पोल भी आगे-पीछे कर दिए हैं। जिससे रेलवे की जमीन कौन सी है और उसकी कौन सी.. इसका भ्रम बना रहे।
फर्जी एनओसी दिखाकर बेची जा रही है रेलवे की जमीन
रेलवे से जुड़े सूत्रों का कहना है कि बिल्डर द्वारा ग्राहकों को साउथ ईस्टर्न सेंट्रल रेलवे से मिली फर्जी एनओसी दिखाकर जमीन बेची जा रही है, जबकि एसईसीआर से यह भूमि वर्ष 2018 में पश्चिम मध्य रेलवे के नाम हस्तांतरित हो चुकी है। रेलवे की भूमि पर कब्जे की जानकारी मिलने पर जबलपुर रेल मंडल के इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों ने आरपीएफ के साथ मिलकर रेलवे की भूमि पर स्वामित्व का बोर्ड लगा दिया था और नोटिस जारी कर बिल्डर को रेलवे की भूमि से अवैध कब्जा हटाने की चेतावनी दी थी लेकिन कब्जा हटाने की बजाय बिल्डर रेलवे भूमि पर एक के बाद एक निर्माण करता जा रहा है। रेल अधिकारियों और बिल्डर की खामोशी का खामियाजा लोगों को आने वाले समय में भुगतना पड़ेगा।