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दतिया12 मिनट पहले
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रिंग रोड पर खड़ीं झाड़ियां।
- अफसरों का दावा: रिंग रोड और सीवर लाइन का काम चालू, हकीकत: दोनों काम दो साल से बंद
शहर को नई पहचान देने वाले रिंग रोड व सीवर लाइन प्रोजेक्ट दो साल से बंद हैं। लेकिन नपा के अधिकारी दोनों ही काम चालू हाेने का दावा कर रहे हैं। शुक्रवार काे दैनिक भास्कर ने इन दाेनाें की मौके पर जाकर स्थिति देखी ताे ये बंद मिले। अलग-अलग स्थानाें पर लाेगाें ने चर्चा में बताया कि न तो रिंग रोड का निर्माण चल रहा और न ही कहीं सीवर का काम होता नजर आया। नपा 10 महीने से प्रशासक के अधीन है, ऐसे में निर्माण कार्यों का गति न पकड़ना प्रशासनिक उदासीनता को स्पष्ट करता है।
सीएमओ का दावा, काम चालू: दैनिक भास्कर ने शुक्रवार को नपा सीएमओ एके दुबे से रिंग रोड, सीवर लाइन के बंद पड़े होने के संबंध में चर्चा की तो सीएमओ ने कहा कि गुरुवार को ठेकेदार रोहित शर्मा जेसीबी से रिंग रोड पर काम करा रहा था। जबकि दैनिक भास्कर की टीम गुरुवार को जब रिंग रोड पर पहुंची तो वहां किसी तरह का काम नहीं चल रहा था।
1. रिंग रोड: कांग्रेस की शिकायत पर बंद हुआ ताे अब चालू ही नहीं हाे रहा
रिंग रोड के निर्माण की शुरुआत वर्ष 2013 में हुई थी। सैंपल के तौर पर एमपीआरडीसी (मप्र राेड डवलपमेंट काॅर्पाेरेशन) को 300 मीटर सड़क बनाने के लिए दी गई थी। यह सैंपल सड़क पांच साल बाद वर्ष 2018 में बन कर तैयार हो सकी। इसके बाद 14 करोड़ की लागत से साढ़े तीन किमी लंबी सड़क के निर्माण की जिम्मेदारी नपा को सौंपी गई। नपा ने रर तोड़ने से लेकर मलबा उठाने और रिंग रोड का निर्माण करने के दो अलग-अलग टेंडर जारी किए। मलबा उठाने का ठेका वैष्णो देवी कंस्ट्रक्शन कंपनी को मिला।
कंपनी ने भदौरिया की खिड़की से लेकर लाला के ताल तक रर तोड़ दी जबकि रिंग रोड बनाने का ठेका सिंह ब्रदर्स को मिला। सिंह ब्रदर्स से स्थानीय ठेकेदार रोहित शर्मा ने पेटी कांट्रेक्ट ले लिया। रिंग रोड का निर्माण नवंबर 2018 में कांग्रेस की शिकायत पर बंद हो गया था तब से एक इंच काम नहीं हुआ। जहां रर तोड़ दी गई वहां झाड़ियां उग आई हैं और जंगल नजर आने लगा है। हाल यह है कि कई स्थानों पर अतिक्रमण है तो कई स्थानों पर मलबा पड़ा है।
फायदा यह… ट्रैफिक डायवर्ट होगा और लंबा फेरा भी बचेगा
रिंग रोड बनकर तैयार होने पर ट्रैफिक के लिहाज से यह बेहद महत्वपूर्ण साबित होगी। रिंग रोड बन जाने से रिछरा फाटक, सब्जी मंडी, किलाचौक, चूनगर फाटक जाने वाला ट्रैफिक डायवर्ट हो जाएगा और ट्रैफिक की समस्या से कुछ हद तक राहत मिलेगी।
2. सीवर लाइन: अमृत योजना के तहत शहर में 54 करोड़ 24 लाख की लागत से 108 किमी लंबी सीवर लाइन डालने का अप्रैल 2017 को भूमिपूजन हुआ था। अधिकारी 70 फीसदी काम होने का दावा करते है। लेकिन हकीकत इससे जुदा है। अभी घरों के बाहर सीवर लाइन से जोड़ने के लिए चैंबरों का निर्माण होना है। मुख्य मार्ग राजगढ़ चौराहा, तिगैलिया, बड़ा बाजार, किला चौक मुख्य क्षेत्र में लाइन डाली जानी है। घरों को सीवर लाइन से जोड़ने का काम होना है। हाल यह है कि लाइन के कारण गलियां उखड़ी पड़ी थी। बीते साल लोगों ने न्यायालय में जनहित याचिका लगाई थी। हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद गलियों में सीसी की गई थी। अधिकारी मानते हैं कि 108 किमी में से 90 किमी ही पूरा हो सका है। प्रथम चरण में 18 किमी हिस्सा बिना सीवर लाइन के रह गया है।
जहां सीवर लाइन बिछ चुकी वहां चेंबर तक उखड़े: शहर में अभी भी अधिकांश गलियां सीवर लाइन बिछाने के बाद खुदी हालत में छोड़ दी गई हैं। यही नहीं शहर अधिकांश कच्चे रास्तों पर सीवर लाइन न बिछाने के कारण सीसी सड़क का निर्माण भी नहीं हो पा रहा है। जहां सीवर बिछाई जा चुकी है वहां बने चैंबर तक उखड़ गए हैं।