कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने पार्टी को दी नसीहत-‘कम्प्यूटर बाबा के बाद अभी भी कुछ बचे हैं जो पहुंचा सकते हैं नुकसान

कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने पार्टी को दी नसीहत-‘कम्प्यूटर बाबा के बाद अभी भी कुछ बचे हैं जो पहुंचा सकते हैं नुकसान


लक्ष्मण सिंह अपने बड़े भाई दिग्विजय सिंह के घर के बाहर एक बार धरने पर बैठ गए थे.

अपने विद्रोही तेवर के कारण लक्ष्मण सिंह (Laxman Singh) हमेशा चर्चा में रहते हैं. लव जिहाद (Love jihad) के खिलाफ सरकार द्वारा लाए जा रहे विधेयक का उन्होंने ही सबसे पहले समर्थन किया था

भोपाल.अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले कांग्रेस विधायक (Congress MLA) और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह (Laxman Singh) ने एक बार फिर अपनी ही पार्टी पर निशाना साधा है. उन्होंने कंप्यूटर बाबा पर हुई कार्रवाई के बाद कहा है, पार्टी को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों से सावधान रहना होगा.

कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा है ‘जेल से छूटते ही बाबा चले हरिद्वार. पहले चले जाते तो राजनीति का नहीं होता बेड़ा पार. अभी भी कुछ बचे हैं जो आगे दे सकते हैं नुकसान. कार्यकर्ताओं की भावना है इस बात का लिया जाए संज्ञान’. ट्वीट को उन्होंने पीसीसी चीफ और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, मध्य प्रदेश कांग्रेस और हाईकमान को टैग किया है. यानि उन्होंने इन तीनों से इस ओर ध्यान देने की बात कही है. इससे पहले भी लक्ष्मण सिंह कम्प्यूटर बाबा को फर्जी कह चुके हैं. अब इस ट्वीट के कई सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं. यानि लक्ष्मण सिंह कंप्यूटर बाबा जैसे लोगों से बचने की सलाह पार्टी और कमलनाथ को दे रहे हैं जो कि पार्टी को आगे नुकसान पहुंचा रहे हैं और इसके पीछे उन्होंने कार्यकर्ताओं की भावना को भी बताया है.

हमेशा चर्चा में रहते लक्ष्मण
अपने विद्रोही तेवर के कारण लक्ष्मण सिंह हमेशा चर्चा में रहते हैं. लव जिहाद के खिलाफ सरकार द्वारा लाया जा रहे विधेयक का कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने ही सबसे पहले समर्थन किया था. जबकि दूसरी तरफ कांग्रेस के कई बड़े नेता इसका विरोध कर रहे थे. इससे पहले भी लक्ष्मण सिंह पार्टी को कई मामलों पर नसीहत दे चुके हैं. मंत्री न बनने पर वो असंतुष्ट भी थे.

चाचौड़ा को जिला बनाने के लिए बैठ थे धरने पर
कमलनाथ सरकार के दौरान अपने विधान सभा क्षेत्र चाचौड़ा को जिला बनाने के लिए लक्ष्मण सिंह ने समर्थकों के साथ मिलकर धरना दिया था. वह भोपाल पहुंचे थे और अपने बड़े भाई दिग्विजय सिंह के बंगले के सामने ही धरने पर बैठ गए थे. उन्होंने चाचौड़ा को जिला बनाने की मांग की थी. जब कमलनाथ के बंगले पर बैठक हुई थी तो उस दौरान भी लक्ष्मण सिंह गायब थे. यह बैठक सरकार को बचाने की उठापटक के बीच चल रही थी.





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