उम्र पर आस्था भारी: 12 बुजुर्ग साइकिल यात्रा पर निकले, रोज चलेंगे 125 किमी

उम्र पर आस्था भारी: 12 बुजुर्ग साइकिल यात्रा पर निकले, रोज चलेंगे 125 किमी


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ओंकारेश्वर4 घंटे पहले

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12 बुजुर्गों का दल ओंकारेश्वर से नर्मदा परिक्रमा पर रवाना हुआ।

  • स्वच्छ नर्मदा सबकी जिम्मेदारी का संदेश लेकर नर्मदा परिक्रमा पर ओंकारेश्वर से हुए रवाना

स्वच्छ नर्मदा सबकी जिम्मेदारी का संदेश लेकर नासिक महाराष्ट्र से आए 12 सदस्यीय बुजुर्गों का दल सोमवार को ओंकारेश्वर से मां नर्मदा की परिक्रमा के लिए 3300 किलोमीटर की यात्रा पर साइकिल से रवाना हुआ। दल में अधिकांश 60 से 70 साल की उम्र के सदस्य शामिल हैं।

दल के 68 वर्षीय ज्ञानेश्वर पाटिल ने बताया मां नर्मदा के प्रति हमारी गहरी आस्था व श्रद्धा है। साेमवार काे हम ओंकारेश्वर से मां नर्मदा का जयकारा लगाकर स्वच्छ नर्मदा सबकी नर्मदा का संदेश लेकर यहां से रवाना हुए। इस अवस्था में हमारा यात्रा करने का मूल उद्देश्य लोगों को यह संदेश देना है कि मां नर्मदा के प्रति यदि सच्ची सेवा व पूजा की जाए तो वह मां नर्मदा को स्वच्छ रखना ही होगी। दल में शामिल बुजुर्ग पाटिल ने बताया 3300 किमी की नर्मदा परिक्रमा की जाएगी। इस दौरान दल के सदस्य 1 दिन में 125 किमी की यात्रा तय करेंगे। करीब 25 दिन में यात्रा पूरी करने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया इतनी लंबी यात्रा करने से पहले कुछ दिन तक 100 से 50 किलोमीटर साइकिल प्रतिदिन चलाने की अभ्यास भी किया। इसके बाद ही हम आज इस संकल्प को पूरा करने के लिए यात्रा कर रहे हैं।

यात्रा के दौरान दल ने यह वस्तुएं रखी हैं साथ
3300 किमी की यात्रा के दौरान साइकिल और पंक्चर सुधाने का सामान साथ रखा है। इसके अलावा फोम का बिस्तर, साइड बैग और आईकार्ड भी है। सभी के पास गियर वाली साइकिल है। बुजुर्गों ने बताया साइकिल यात्रा पर जाने के लिए एक से डेढ़ महीने तक रोज अभ्यास किया। कार से ओंकारेश्वर तक पहुंचे और यहां से नर्मदा परिक्रमा के लिए निकल पड़े। प्रतिदिन 125 किलोमीटर साइकिल चलाएंगे।



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