प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो क्रेडिट- AFP Relaxnews)
ओमेगा सेइकी मोबिलिटी (Omega Seiki Mobility) ने कमर्शियल और पैसेंजर व्हीकल श्रेणी में बुधवार को तीन इलेक्ट्रिक व्हीकल (Electric Vehicles) पेश किए.
कंपनी ने तिपहिया मालवाहन ‘सन री’ (Sun Ri), ई-रिक्शा ‘राइड’ (Ride) और ऑटोरिक्शा ‘स्ट्रीम’ (Stream) पेश किए हैं.
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एंग्लियन ओमेगा समूह के चेयरमैन उदय नारंग ने एक बयान में कहा कि भारतीय बाजार में बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक व्हीकल टेक्नोलॉजी को अपनाने की संभावनाएं मौजूद हैं. आम दहन इंजनों को इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ बदलने से देश को कई तरह के लाभ होंगे. इससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, ये इकोनॉमी में सहयोग देंगे और पर्यावरण अनुकूल भी हैं.देशभर में 69 हजार पेट्रोल पंप पर लगेंगे ई-व्हीकल चार्जिंग कियोस्क
गौरतलब है कि पेट्रोलियम पदार्थों के आयात पर निर्भरता, ईंधन लागत और प्रदूषण कम करने के लिए केंद्र सरकार लगातार इलेक्ट्रिक व्हीकल के चलन को बढ़ावा दे रही है. इलेक्ट्रिक व्हीकल का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल के लिए सबसे बड़ी चुनौती चार्जिंग स्टेशनों की कमी और ज्यादा उत्पादन लागत है. केंद्र सरकार चाहती है कि पेट्रोल पंपों की तरह देशभर में इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन की व्यवस्था की जाए. सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी ने बताया कि केंद्र सरकार देशभर के 69 हजार पेट्रोल पंपों पर ई-व्हीकल चार्जिंग कियोस्क लगाने की योजना पर काम कर रही है.
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ई-व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए केंद्र ने उठाए हैं ये कदम
देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए हाल में कई कदम उठाए गए हैं. केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल पर जीएसटी घटाकर 5 फीसदी कर दी है. वाहनों की कीमत से बैटरी की कीमत को अलग रखने की भी इजाजत दे दी है. बता दें कि इलेक्ट्रिक वाहन की लागत में 30 फीसदी हिस्सा बैटरी की कीमत होती है. यही नहीं, ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए केंद्र सरकार ने 51,000 करोड़ रुपये प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव की भी घोषणा की है. इस सेक्टर में नई नौकरियों की भी काफी संभावनाएं हैं. एक अनुमान के मुताबिक, ऑटोमोबाइल सेक्टर को 2.5 करोड़ स्किल्ड कर्मचारियों की जरूरत है.