निजीकरण का विरोध: कर्मचारी बोले – बिजली कंपनी के निजी हाथों में जाने से आर्थिक नुकसान होगा, किसान और आमजन को भी महंगी बिजली मिलेगी

निजीकरण का विरोध: कर्मचारी बोले – बिजली कंपनी के निजी हाथों में जाने से आर्थिक नुकसान होगा, किसान और आमजन को भी महंगी बिजली मिलेगी


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इंदौर11 घंटे पहले

निजीकरण की प्रक्रिया को रोकने के लिए कमिश्नर को ज्ञापन साैंपा गया है। 

निजीकरण को लेकर अलग-अलग संस्थाएं देशभर में विरोध प्रदर्शन कर रही हैं, इसी कड़ी में गुरुवार को मध्य प्रदेश विद्युत वितरण कंपनी इंदौर के कर्मचारियों ने भी निजीकरण को लेकर अपना विरोध दर्ज करवाया है। विरोध कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि कंपनी के निजी हाथों में जाने से कर्मचारियों को तो आर्थिक नुकसान होगा ही, साथ ही आमजन और किसानों को भी मिलने वाली बिजली काफी मंहगी हो जाएगी। विद्युत कर्मचारी संगठन ने संभाग आयुक्त कार्यालय पहुंचकर एक ज्ञापन सौंपा और कहा कि मांग नहीं मानने पर उग्र आंदोलन किया जाएगा।

विरोध कर रहे कर्मचारियों का कहना था कि केंद्र सरकार ने 32 सप्ताह में बिजली कंपनियों के निजीकरण की प्रक्रिया को प्रारंभ करने को लेकर राज्य सरकार को कहा है। उसी के तहत उप्र, चंडीगढ़ सहित केंद्र शासित प्रदेशों में इसकी तैयारी शुरू हो गई है। आने वाले समय में मप्र सहित अन्य राज्यों में भी यह होगा। इसे लेकर देशभर के बिजली कंपनी के 15 लाख कामगारों ने आंदोलन किया है। इसी कड़ी में इंदौर में भी आंदोलन किया गया है। निजी करण की प्रक्रिया को रोकने के लिए कमिश्नर को ज्ञापन साैंपा गया है।

मांग नहीं मानने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी।

निजीकरण से नुकसानी को लेकर कहा कि कोई भी कंपनी यदि आएगी तो सिर्फ मुनाफा कमाने। इससे घरेलू के साथ ही किसानों को भी बिजली मंहगी मिलेगी। किसानों को मिली 92 फीसदी की सब्सिडी समाप्त कर दी जाएगी। ऐसे में उन्हें 17 से 18 हजार रुपए बिल का भुगतान करना पड़ेगा। हमारी मांगों का निराकरण नहीं होने से विधायक और सांसदों के जरिए अपनी समस्या को ऊपर तक पहुंचाएंगे। यदि फिर भी मांगे नहीं मानी गई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।



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