लव जिहाद के ड्राफ्ट पर कांग्रेस को एतराज, कहा- नया कानून नहीं बना सकती शिवराज सरकार

लव जिहाद के ड्राफ्ट पर कांग्रेस को एतराज, कहा- नया कानून नहीं बना सकती शिवराज सरकार


एमपी सरकार  के लव जिहाद कानून के ड्राफ्ट पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई है.. file Pic- News18

लव जिहाद (Love Jihad) के खिलाफ बीजेपी सरकार द्वारा तैयार किए गए ड्राफ्ट पर कांग्रेस की लीगल सेल ने आपत्ति जताई है. कांग्रेस का कहना है कि पूराने कानून खत्म कर ही नया  कानून बनाया जा सकता है.

भोपाल. लव जिहाद (Love Jihad) के खिलाफ बीजेपी सरकार द्वारा तैयार किए गए ड्राफ्ट पर कांग्रेस की लीगल सेल ने आपत्ति जताई है. लीगल सेल के जेपी धनोपिया (Jp Dhanopia) ने कहा कि सरकार जब तक पुराने कानून को खत्म नहीं करती तब तक नया कानून नहीं ला सकती. विधानसभा में 1968 में बने पुराने कानून को खत्म करना पड़ेगा. सरकार पुराने कानून में संशोधन कर सकती है. उन्होंने कहा कि सरकार ने नया ड्राफ्ट (New Draft) सिर्फ वाहवाही लूटने के लिए तैयार किया है.

ये है 1968 का कानून

जिस विधायक की बात बीजेपी सरकार कर रही है दरअसल उस तरीके के विधेयक पर पहले ही कानून बन चुका है. यह कानून 1968 के दौरान बना था. अब कांग्रेस यह सवाल कर रही है कि इस कानून के तहत कितने केस दर्ज हुए? कितने आरोपी बनाए गए? इस कानून से जुड़े सभी तथ्यों को सरकार को उजागर करना चाहिए. 1968 के कानून के दौरान 2 साल की सजा का प्रावधान था और थाने से जमानत मिल जाती थी. इसके अलावा धर्मांतरण को लेकर भी कलेक्टर को जानकारी नहीं दी जाती थी. बीजेपी कe कहना है कि अब नए कानून में सख्त प्रावधान किए गए ताकि आरोपी बच न सके और धर्मांतरण की घटनाएं ना हो.

बीजेपी ‘लव’ की विरोधी नहीं

गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी लव जिहाद को लेकर फिर से नया बयान दिया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी लव के विरोध में नहीं है, लेकिन जो लव जिहाद की ओर ले जाए ऐसे जिहाद के विरोधी हैं. इससे पहले मिश्रा लव जिहाद के खिलाफ बनाए जा रहे विधेयक को लेकर अलग-अलग बयान दे चुके हैं. इस मामले में कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने भी लव जिहाद के खिलाफ बन रहे विधायक का समर्थन किया था. लेकिन अभी यह विधायक विधानसभा सत्र में आया नहीं है और इससे पहले ही इस पर हंगामा और लगातार बयानबाजी का दौर जारी है.

फैमिली कोर्ट का रहेगा अधिकार

लव जिहाद को रोकने के लिए मप्र फ्रीडम ऑफ रिलीजन एक्ट 2020 का ड्रॉफ्ट लगभग तैयार है. ऐसे विवाह यदि हो चुके हैं उन्हें रद्द करने का अधिकार भी फैमिली कोर्ट को दिया जा रहा है. ताजा मामलों के पकड़े जाने पर पांच साल की सजा का प्रावधान है. मप्र दूसरा राज्य होगा, जिसका लव जिहाद को रोकने का अपना एक्ट होगा. इससे पहले उत्तराखंड यह एक्ट बना चुका है. उत्तर प्रदेश में फिलहाल प्रक्रिया चल रही है.





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