IND vs AUS: क्या तेंदुलकर और रोहित वाली ओपनिंग राह पर चलेंगे केएल राहुल?

IND vs AUS: क्या तेंदुलकर और रोहित वाली ओपनिंग राह पर चलेंगे केएल राहुल?


केएल राहुल (KL Rahul) ने अपने 32 वनडे के छोटे करियर में 4 शतक लगाए हैं. इनमें से 3 ओपनर के तौर पर आए हैं. राहुल के आंकड़े ओपनर या मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज़ के तौर पर बहुत ज़्यादा नहीं बदलते हैं. शायद यही वजह है कि टीम मैनेजमेंट राहुल को किसी भी पोजिशन पर बल्लेबाज़ी करने वाला खिलाड़ी समझती है.

Source: News18Hindi
Last updated on: November 26, 2020, 5:07 PM IST

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वनडे फॉर्मेट में भारतीय क्रिकेट के तीन सबसे कामयाब ओपनर इत्तेफाक से स्वाभाविक ओपनर ना होकर मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज़ रहे हैं. सचिन तेंदुलकर के ओपनर बनने की कामयाब कहानी से तो बच्चा बच्चा परिचित है. पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने भी अपने करियर के पहले 10 वनडे में साधारण खेल दिखाने के बाद ओपनर के तौर पर ऐसी कामयाबी हासिल की, जिससे ना सिर्फ उनके टेस्ट करियर को नई जान मिली बल्कि वो टीम इंडिया का कप्तान बनने में भी सफल हुए.

ओपनर बनने में किस्मत कनेक्शन
अगर तेंदुलकर को मिडिल ऑर्डर से ओपनर बनने में नियमित ओपनर नवजोत सिद्दू का अनफिट होना एक बड़ी वजह रहा तो तत्कालीन कप्तान मोहम्मद अज़हरुद्दीन और कोच अजीत वाडेकर का उन पर भरोसा दिखाना भी अहम बात थी. गांगुली को भी ओपनर बनाने में उनके तत्कालीन कप्तान तेंदुलकर और तब के कोच मदनलाल की भूमिका निर्णायक रही. रोहित शर्मा के केस में किसी कोच की बजाए महेंद्र सिंह धोनी का मुंबई के बल्लेबाज़ की नैसर्गिक प्रतिभा पर अटूट विश्वास था. आलम ये रहा कि 2013 में श्रीलंका दौरे पर 5 वनडे में बुरी तरह से नाकाम (सिर्फ 13रन) होने के बाद जहां हर कोई रोहित को टीम से निकालने की बात कर रहा था, धोनी ने रोहित को ओपनिंग की नई ज़िम्मेदारी दे डाली. और उसके बाद जो कुछ हुआ वो तो आप सब जानते ही होंगे!

राहुल के सामने तेंदुलकर-रोहित वाला मौका

समय के पहिए ने एक बार फिर से वैसा ही घुमाव लेते हुए भारतीय क्रिकेट के सामने केएल राहुल (KL Rahul) को नियमित ओपनर बनाने का अवसर दिया है. ये ठीक है कि खुद राहुल ने वनडे सीरीज़ शुरु होने से पहले ये कहा है कि वो टीम की ज़रुरत और फॉर्मेट के हिसाब से किसी भी नंबर पर बल्लेबाज़ी करने के लिए तैयार हैं लेकिन बिग पिक्चर को देखते हुए क्या समय नहीं आ गया है कि राहुल को ना सिर्फ इस सीरीज़ में बल्कि आने वाली कुछ और सीरीज़ में नियमित ओपनर के तौर पर मौका दिया जाय? टीम इंडिया के सबसे धाकड़ ओपनर रोहित फिलहाल इस सीरीज़ से बाहर हैं और शिखर धवन का साथ देने के लिए राहुल ना सिर्फ लेफ्ट-राइट वाला संतुलन देते हैं बल्कि रोहित की ही तरह शुरुआत में इत्मिनान से खेलने के बावजूद आखिरी ओवर्स में ताबड़तोड़ बल्लेबाज़ी करके विस्फोटक पारी भी खेलने का पूरा माद्दा रखते हैं.

राहुल ने इस साल आईपीएल में अपनी टीम किंग्स इलवेन पंजाब के लिए 14 मैचों में 670 रन बनाकर ऑरेंज कैप जीता था और कई मौकों पर इस बात की झलक दी थी कि वनडे क्रिकेट में वो इस भूमिका को बखूबी निभा सकते हैं.

क्या राहुल कि मज़बूती ही उनके आड़े आ रही है?राहुल को ओपनर के तौर पर भेजने में टीम इंडिया को एक अलग तरह की हिचकिचाहट हो सकती है क्योंकि पिछली वनडे सीरीज़ में राहुल ने 5वें नंबर पर फिनिशर की भूमिका निभाई. 2019 वर्ल्ड कप के दौरान और उससे पहले भी भारतीय क्रिकेट ने ये देखा और महसूस किया मिडिल ऑर्डर में एक ज़ोरदार बल्लेबाज़ की टीम इंडिया को ज़बरदस्त कमी महसूस हो रही है. अच्छी बात ये है कि ऑस्ट्रेलिया में टीम इंडिया के पास हार्दिक पंड्या और श्रेयस अय्यर जैसे विकल्प भी हैं जिसके चलते राहुल को ओपनर की ज़िम्मेदारी दी जा सकती है क्योंकि युवा शुभमन गिल के पास अभी वक्त है तो मयंक अग्रवाल ने सिर्फ टेस्ट क्रिकेट में कामयाबी हासिल की है.

भविष्य के लिए राहुल बतौर ओपनर बेहतर विकल्प
टीम मैनजमेंट शायद 2023 के वर्ल्ड कप को ध्यान में रखते हुए गिल या अग्रवाल को भी मौके देने के बारे में सोच सकता है लेकिन राहुल के साथ एक और फायदा ये है कि विकेटकीपर बल्लेबाज़ होने के चलते उनपर कुछ नाकामियों के बावजूद तुरंत फेरबदल के बारे में सोचने की जल्दबाज़ी नहीं होगी.

तेंदुलकर-रोहित से भी आगे जा सकते है राहुल?
1994 में ओपनर बनने से पहले तेंदुलकर का औसत करीब 32 का था और उनके बल्ले से 1 भी शतक नहीं निकला था. ओपनर के तौर पर सचिन ने 45 शतक बनाए और उनका औसत 48.29 का रहा. बीच-बीच में टीम की ज़रुरत तो कभी ज़बरदस्ती तेंदुलकर को फिर से मिडिल ऑर्डर में जाना पड़ा जहां उन्होंने 46 मैचों में 4 शतक करीब 37 की औसत से बनाए. ये आंकड़े ये दिखाने को काफी है कि एक प्रतिभाशाली स्ट्रोक प्लेयर को वनडे क्रिकेट में ओपनिंग करने से कितना फायदा होता है. 2013 में नियमित ओपनर बनने से पहले रोहित का औसत भी 81 मैचों में करीब 30 का ही रहा था. अब उनकी गिनती तेंदुलकर की ही तरह सर्वकालीन महान वनडे ओपनर में होती है.

राहुल ने 32 वनडे में 4 शतक लगाए हैं
राहुल ने अपने 32 वनडे के छोटे करियर में 4 शतक लगाए हैं. इनमें से 3 ओपनर के तौर पर आए हैं. औसत (50 के करीब) और स्ट्राइक रेट (80 से ऊपर) के लिहाज से राहुल के आंकड़े ओपनर या मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज़ के तौर पर बहुत ज़्यादा नहीं बदलते हैं और शायद यही वजह है कि टीम मैनेजमेंट राहुल को किसी भी पोजिशन पर बल्लेबाज़ी करने वाला खिलाड़ी समझती है. निजी तौर पर राहुल भी जानते है कि वनडे क्रिकेट में ओपन करने से उनके करियर को कितना बड़ा फायदा मिल सकता है और भारतीय क्रिकेट को भी भविष्य के लिए एक थ्री इन वन (ओपनर-विकेटकीपर-कप्तान) खिलाड़ी भी मिल सकता है और शायद राहुल के लिए इसकी शुरुआत शायद 2020 में ऑस्ट्रेलियाई ज़मीं की चुनौती से ही होनी चाहिए. (डिस्क्लेमर: यह लेखक के निजी विचार हैं.)


ब्लॉगर के बारे में

विमल कुमार

न्यूज़18 इंडिया के पूर्व स्पोर्ट्स एडिटर विमल कुमार करीब 2 दशक से खेल पत्रकारिता में हैं. Social media(Twitter,Facebook,Instagram) पर @Vimalwa के तौर पर सक्रिय रहने वाले विमल 4 क्रिकेट वर्ल्ड कप और रियो ओलंपिक्स भी कवर कर चुके हैं.

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First published: November 26, 2020, 5:07 PM IST





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