कम होगा बच्चों का बोझ: पहली से 12वीं तक के सभी स्टूडेंट्स के लिए होगा 10 दिन का ‘नो बैग डे’, स्टूडेंट्स के वजन का 10 फीसदी होगा स्कूल बैग का भार

कम होगा बच्चों का बोझ: पहली से 12वीं तक के सभी स्टूडेंट्स के लिए होगा 10 दिन का ‘नो बैग डे’, स्टूडेंट्स के वजन का 10 फीसदी होगा स्कूल बैग का भार


  • Hindi News
  • Career
  • NEP 2020 Guidelines For School Bag|There Will Be A 10 days’ ‘no Bag Day’ In School For All The Students From Class 1st To 12th, The Weight Of School Bag Will Be The 10% Of The Weight Of The Students

Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप

19 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

देश की न्यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत सुझाए गए ‘नो बैग डे’ को लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की उप-सचिव सुनीता शर्मा ने सभी राज्यों के शिक्षा सचिव को फाइनल स्कूल पॉलिसी 2020 भेज दी है। पॉलिसी के तहत पहली से 12वीं तक के सभी स्टूडेंट्स को दस दिन बिना बैग के स्कूल आना होगा। यह पॉलिसी देश के सभी स्कूलों में लागू करनी अनिवार्य होगी। हालांकि, पॉलिसी लागू करने से पहले राज्य इस पर अपने सुझाव भेज सकते हैं।

स्टूडेंट्स के वजन का 10 फीसदी होगा स्कूल बैग का भार

इन 10 दिनों के ‘नो बैग डे’ के दौरान छठीं से आठवीं तक के स्टूडेंट्स को वोकेशनल ट्रेनिंग के तहत कारपेंटर, एग्रीकल्चर, गार्डनिंग,लोकल आर्टिस्ट आदि की इंटर्नशिप करवाई जाएगी। साथ ही छठीं से 12वीं के स्टूडेंट्स को ऑनलाइन छुटिट्यों में वोकेशनल कोर्स करवाएं जा सकते हैं। इसके अलावा स्टूडेंट्स को क्विज और खेलकूद से भी जोड़ना होगा। स्कूल बैग पॉलिसी में स्कूल और पेरेंट्स दोनों की ही अहम जिम्मेदारी तय की गई है। अब पहली से दसवीं तक के स्टूडेंट्स के स्कूल बैग का वजन स्टूडेंट के कुल वजन के दस फीसदी से ज्यादा नहीं होना चाहिए।

अलग-अलग क्लासेस के लिए तय किए गए स्कूल बैग के वजन

क्लास स्कूल बैग का वजन
प्री- प्राइमरी कोई बैग नहीं
पहली 1.6 से 2.2 किलो
दूसरी 1.6 से 2.2 किलो
तीसरी 1.7 से 2.5 किलो
चौथी 1.7 से 2.5 किलो
पांचवीं कक्षा 1.7 से 2.5 किलो
छठीं 2 से 3 किलो
सातवीं 2 से 3 किलो
आठवीं 2.5 से 4 किलो
नौवीं 2.5 से 4.5 किलो
दसवीं 2.5 से 4.5 किलो
11वीं 3.5 से 5 किलो
12वीं 3.5 से 5 किलो

स्कूलों में लगानी होगी डिजिटल मशीन

तय किए गए वजन की जांच के लिए हर स्कूल को बैग का वजन जांचने के लिए डिजिटल मशीन लगानी होगी, जिसमें शिक्षक बैग का वजन जांचेंगे। स्कूल बैग हल्के और दोनों कंधो पर टांगने वाले होने चाहिए, जिससे बच्चे आसानी से इसे उठा सके। साथ ही स्कूलों में ही मिड-डे-मील देना होगा, ताकि बच्चों को लंच न लाना पड़े। वहीं, वाटर बोतल की बजाय स्कूल में ही स्वच्छ पानी की व्यवस्था करनी होगी।

टाइम -टेबल के आधार पर तय होगा ‘नो बैग डे’

पॉलिसी के तहत लागू नो बैग डे का समय टाइम -टेबल के आधार पर निर्धारित करना होगा, ताकि बच्चे उसी के आधार पर किताबें लाएं। स्पेशल निड वाले स्टूडेंट्स के लिए स्कूल में किताब बैंक बनाना होगा, ताकि उन्हें घर से किताबें न लानी पड़े। इतना ही नहीं पहली और दूसरी क्लास के बच्चों को क्लासवर्क के लिए एक ही नोटबुक लानी होगी। वहीं, तीसरी से पांचवीं क्लास के बच्चों को दो नोटबुक इस्तेमाल करनी होगी। इसमें से एक वह क्लास में ही छोड़कर जाएंगे।

जबकि, छठीं से आठवीं तक के स्टूडेंट्स को क्लासवर्क और होमवर्क के लिए खुली फाइल में कागज रखने होंगे। बच्चों को शेयरिंग सीखाने के लिए छात्रों को एक-दूसरे के साथ किताब शेयर कर पढ़ाई करने की आदत डालनी होगी।

यह भी पढ़े-

NEP 2020:अगले सेशन से मातृभाषा में पढ़ाई कराएंगे IIT और NIT, नई शिक्षा नीति पर आयोजित बैठक में केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने दिए निर्देश



Source link