अब हक की लड़ाई: भय्यू महाराज की बेटी कुहू बोली – मेरे पिता जो मेरे लिए छोड़ गए, उसे पाने के लिए कोई भी लड़ाई लडूंगी, जिनका जितना हो ले लो, मेरा मुझे दे दो

अब हक की लड़ाई: भय्यू महाराज की बेटी कुहू बोली – मेरे पिता जो मेरे लिए छोड़ गए, उसे पाने के लिए कोई भी लड़ाई लडूंगी, जिनका जितना हो ले लो, मेरा मुझे दे दो


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इंदौर7 मिनट पहले

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भय्यू महाराज की बेटी कोई में बयान देने पुणे से इंदौर आई हुई हैं।

भय्यू महाराज सुसाइड केस में उनकी बेटी कुहू का कोर्ट में प्रतिपरीक्षण हुआ। इसी सिलसिले में कुहू इंदौर आई हुई हैं। लगातार मीडिया से दूर रही कुहू ने शनिवार को भास्कर एप प्लस से बात की। कुहू ने इस दौरान उन सभी पहलुओं का खुलकर जवाब दिया, जो लगातार मीडिया में सवाल बनते रहे। फिर चाहे वह प्रॉपर्टी विवाद हो, विनायक और शरद पर डाउट हो, आयुषी और परिवार के अन्य सदस्यों से रिश्तों में खटास हो या फिर पिता की मौत से जुड़े सवाल। बातचीत के दौरान कुहू ने साफ कहा कि उनके पिता जो उनके लिए छोड़कर गए हैं, जिसमें उनका कह है वे उसे पाने के लिए हर लड़ाई लड़ने को तैयार हैं। फिर चाहे उन्हें कोर्ट का दरवाजा ही क्यों ना खटखटाना पड़े।

कोर्ट के काम से आई कुहू अपने वकील के साथ होटल में रुकी हुई हैं।

कोर्ट के काम से आई कुहू अपने वकील के साथ होटल में रुकी हुई हैं।

कुहू से बातचीत के अंश…

परिवार में प्राॅपर्टी विवाद की बातें सामने आ रही हैं, क्या यह सच है
मेरे पास कुछ छिपाने को नहीं है, कारण मुझे पापा की प्राॅपर्टी के बारे में ज्यादा कुछ जानकारी नहीं है। क्योंकि जब मां और पिताजी की मौत हुई मैं काफी छोटी थी। पिताजी के जाने के बाद मैंने आगे आकर सभी से सहयोग मांगा और कहा कि हम सब बैठकर प्राॅपर्टी को लेकर बात कर लेते हैं। लेकिन कोई आगे नहीं आ रहा है। लोग टहला रहे हैं, कोई कह रहा है थोड़े टाइम बाद देखते हैं, कोई कह रहा है हमें कुछ पता नहीं है। हम चाहते हैं कि यह मामला कोर्ट के बाहर ही निपट जाए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ तो मैं कोर्ट तक जाऊंगी। अपने हक के लिए लड़ने से पीछे नहीं हटूंगी। मैंने उनसे कुछ ज्यादा मांगा नहीं है, जो मेरे पापा का है, मेरा जो हक है बस वही मांग रही हूं। हम भी कब तक अपनी सेल्फ रिस्पेक्शट को साइड में रखकर बार-बार बोंले। हम ऐसा क्यों दिखाएं कि हम उनसे भीख मांग रहे हैं। जबकि वह मेरा है। हम तो उन्हें भी उनका हक देने को तैयार हैं। बैठो बात करो और अपना-अपना हक ले लो।

क्या पिता जी की संपत्ति के बारे में आपको पता है
पिता जी की कितनी संपत्ति है, लोग कहते हैं बहुत संपत्ति है, लेकिन मुझे नहीं पता कितनी संपत्ति है। मैं तो इंतजार कर रही हूं कोई बताए पिता जी की कहां -कहां संपत्ति है। जो कुछ यहां-वहां से पता चली है, बस वही पता है। हमने पता भी किया, लेकिन कुछ पता नहीं चल पाया।

कुहू का कहना है कि मेरे पास अब कोई सपोर्ट नहीं रहा, जहां है बस नानी और मामा-मामी का।

कुहू का कहना है कि मेरे पास अब कोई सपोर्ट नहीं रहा, जहां है बस नानी और मामा-मामी का।

आयुषी (भय्यू महाराज की दूसरी पत्नी) से कितना सहयोग मिल रहा है
कुहू ने आयुषी को लेकर कहा कि उनकी ओर से कोई सहयोग नहीं मिल रहा है। उन्होंने अब तक मुझे किसी प्रकार के कोई पेपर नहीं दिए हैं। यही कारण है कि मुझे मेरा घर होने के बाद भी होटल में रुकना पड़ रहा है। आयुषी की पर्सनल लाइफ के बारे में मुझे कोई आइडिया नहीं है। पता नहीं वो कोर्ट में क्यों नहीं आ रही हैं। मैं तो इतना खर्च कर पुणे से इंदौर आ रही हूं। यहां तक की कोविड के दौर में भी लगातार आ रही हूं।

ट्रस्ट से सपोर्ट मिल रहा है किया
सभी ट्रस्टियों की और से सपोर्ट मिल रहा है। महाराष्ट्र के ट्रस्टी तो लगातार कह रहे हैं कि दीदी आप आश्रम आओ। वहां तो ट्रस्ट में शामिल करने के लिए प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। वहीं, इंदौर के ट्रस्ट को लेकर कहा कि यहां से भी सपोर्ट मिल रहा है। हालांकि अभी ज्यादा कुछ बात नहीं हुई है।

सेवादार विनायक और शरद से क्या महाराज जी आपके भविष्य को लेकर बात करते थे
विनायक और शरद को लेकर कहा कि पापा और मेरे बीच मेरे भविष्य को लेकर चर्चा होती थी। मैं पापा को कहती थी कि कैसे करना है क्या करना है। जैसे किस युनिवर्सिटी में मुझे जाना है। हमारे डिस्कशन को विनायक भैय्या एक्जीक्यूट करते थे। जैसे पेमेंट करना हो, डॉक्यूमेंट सम्मिट करना हो यह सब काम विनायक ही करते थे।

आश्रम जाने में कोई रोक तो नहीं, किसी प्रकार का कोई खतरा
आश्रम जा सकती हूं। वहां जाने में कोई परेशानी नहीं है। हां लेकिन फाइनेंशियल इन सिक्योरिटी जरूर महसूस करती हूं। क्योंकि मैं एक स्टूडेंट हूं, मां जो मेरे लिए छोड़कर गई है, बस उसी में अपना खर्च चला रही हूं। मेरे मामा-मामी और नानी मदद करते हैं। लेकिन वह कब तक चलेगा। दूसरे लोग मुझसे बड़े हैं, इनके पास या तो डिग्री है या फिर शादीशुदा हैं। अपने लिए उन्होंने कुछ ना कुछ कर रखा है। मेरे पास तो डिग्री तक नहीं है। मुझे कौन जॉब देगा। हां डर लगता है कि कोई स्कैम ना हो जाए। क्योंकि अब मैं अकेली हूं, ना कोई बात करता है और ना काेई कुछ बताता है। मेरे सपोर्ट के लिए सिर्फ कोई है तो मेरी मां के साइड के लोग ही हैं।

विनायक और शरद पर क्या आपको किसी प्रकार का शक है
विनायक और शरद पर डाउट को लेकर कहा कि मुझे कभी ऐसा नहीं लगा। इसका कारण मैं यहां ज्यादा रही नहीं। यहां पर क्या होता था। यह मुझे पता नहीं होता था। मैंने जो भी देखा मेरे लिए इन सबका अच्छा व्यवहार था।

क्या भय्यू महाराज और आयुषी के विवाद विवाद हाेते थे
हां उनके बीच विवाद होते रहते थे। आयुषी के परिवार का आश्रम में दखलंदाजी के सवार पर कहा कि इस बारे में मुझे कुछ भी नहीं पता है। क्योंकि आश्रम में अब तक मैं खुद ट्रस्टी नहीं बनी हूं। आयुषी के परिवार से पहले उनकी मां कभी-कभी आती थीं। पापा के डेथ के बाद उनकी मां, उनका छोटा भाई विजय नगर वाले मकान शिवनेरी में रह रहे हैं।

घटनाक्रम वाले दिन आप कहां थीं
जिस समय पिता जी की मौत वाला घटनाक्रम हुआ, उस समय मैं रास्ते में थी। पुणे से इंदौर आ रही थी। पिता जी से एक दिन पहले बात हुई थी तो काफी खुश लग रहे थे। कहा था बेटा आ जाओ।

आपका यहां घर है पर आप होटल में रुक रही हैं, इसका कारण
मजबूरी है होटल में रुकने की। बहुत खर्च आता है, लेकिन क्या करूं। पहली बार जब कोर्ट में बयान देने आई तो बुआ से फोन कर सिल्वर स्प्रिंग वाले बंगले की चाबी मांगी थी। उन्हें कहा था कोर्ट का काम है सिर्फ चार दिन के लिए चाबी दे दो। इस पर उन्होंने मना कर दिया था। कहा था आयुषी और तुम पहले सेटलमेंट करो फिर चाबी की बात करना। आयुषी से बात की तो बुआ से बात करने को कहा। दोनों एक-दूसरे पर टालते रहे। विजय नगर स्थित बंगले शिवनेरी में आयुषी अपनी मां और छोटे भाई के साथ रहती है। जबकि सिल्वर स्प्रिंग वाला बंगले की चाबी बुआ के पास है।

पढ़ाई और कोर्ट की प्रक्रिया में खर्चे को कैसे मैनेज कर रही हैं
मेरी मां जो मेरे लिए थोड़ा बहुत छोड़ कर गईं हैं, उसके अलावा मेरी नानी, मामा और मामी मदद कर रहे हैं। पापा की साइड से कोई मदद नहीं मिल रही है।

भय्यू महाराज के जाने के बाद परिवार से अब कैसे रिश्ते हैं
दादी काफी बुजुर्ग हो चुकी हैं, अब उन्हें ज्यादा कुछ समझता नहीं है। बुआ बात नहीं करतीं। आयुषी तो वैसे भी मेरा सहयोग नहीं कर रही हैं।

शुरुआत में आप बयान दर्ज करवाने नहीं आ पाईं, इसका कारण

कोर्ट के समन गलत पते पर जाने से वे हमें नहीं मिल पा रहे थे। जब समन सही पते पर पहुंचे और हमें मिले, उसके बाद से हम लगातार कोर्ट के बुलावे पर हाजिर हो रहे हैं।

क्या महाराज ने सुसाइड किया
पापा सुसाइड नहीं कर सकते थे। बस यही चाहती हूं कि दोषी पकड़ा जाए और मेरे पापा और मुझे न्याय मिले।



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