कंकालों की शिनाख्त: दांत नहीं-वह शिवनारायण, कम हाइट वाला श्याम, छोटी पोटली में देवेंद्र की अस्थियां

कंकालों की शिनाख्त: दांत नहीं-वह शिवनारायण, कम हाइट वाला श्याम, छोटी पोटली में देवेंद्र की अस्थियां


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देवास/उज्जैन6 मिनट पहले

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पिपलीनाका क्षेत्र से तीनाें की शवयात्रा में शामिल परिजन, रिश्तेदार व क्षेत्र के लाेग।

  • टक्कर के बाद जली ट्रेवलर, 3 लोग जिंदा जले
  • कंकालों की शिनाख्ती का तरीका दिल दहला देने वाला

विवाह समारोह की बुकिंग के बाद टेम्पो ट्रेवलर से उज्जैन जा रहे तीन ड्राइवर देवास के समीप शहर से 12 किमी दूर भौंरासा रोड पर डंपर से गाड़ी की भिड़ंत में जिंदा जल गए। हृदय विदारक घटना के बाद कंकाल में बदले शवों की पहचान तक करना मुश्किल हो गया। एक कंकाल की पहचान दांत नहीं होने की वजह से शिवनारायण के रूप में हुई, जबकि दो को परिजन ने सिर और कदकाठी के आधार पर श्याम और देंवेंद्र के रूप में पहचाना।

हादसा शुक्रवार रात 12.15 बजे हुआ। उज्जैन निवासी देवेंद्र पिता संजयसिंह, शिवनारायण पिता उमरावसिंह व श्याम पिता मदनलाल माली भोपाल में शादी-समाराेह का सामान रखकर तूफान (ट्रेवलर) से लौट रहे थे। सिखेड़ी नाके के सामने रांग साइड से आ रहे बालू रेत से भरे डंपर ने टक्कर मार दी। टक्कर से वाहनाें में आग लग गई, जिसके बाद डंपर चालक भाग गया।

आग की लपटें देख भाेपाल राेड पर एक ओर का ट्रैफिक रात करीब 12.15 बजे से रुक गया था। आग डीजल टैंक तक पहुंची ताे धमाके के साथ बड़ी आग की लपटें उठी, जिसने कुछ ही देर में सबकुछ नष्ट कर दिया। सूचना मिलते ही भाैंरासा थाना प्रभारी सीएस परते, आरक्षक सत्येंद्रसिंह व चालक उदयसिंह माैके पर पहुंचे।

फायर ब्रिगेड से आग पर काबू पाने के बाद तीनाें काे बाहर निकालने के लिए गेट खाेला ताे शव देख किसी की हिम्मत नहीं हुई उठाने की। चालक उदयसिंह ने तीनाें काे बाहर निकाला और प्रभारी परते की मदद से अलग-अलग थैलियाें में डाला गया। शव पूरी तरह से जलकर खाक हाे गए, जिन्हें पहचान भी नहीं पा रहे थे। रात में दुर्घटना स्थल पर एएसपी जगदीश डावर, एसडीओपी साेनकच्छ प्रशांत भदाैरिया बल के साथ पहुंचे थे।

थैलियाें में रखे कंकालाें की दाेस्त और परिजन ने की पहचान

हादसे के बाद परिजन और दोस्त भी पहुंचे। सुबह पीएम के लिए तीनाें थैलियाें काे रखा गया था। बड़ी साइज की थैली परिजन ने शिवनारायण की बताई। यह भी कहा- कि शिवनारायण के दांत नहीं हैं। कम हाइट वाला श्याम, छोटी पोटली देवेंद्र की बताई गई। इस आधार पर तीनाें के शव काे अलग-अलग कर पीएम के बाद परिजनाें काे साैंप दिए गए।

मृतक श्याम के 2 लड़के, शिवनारायण की 3 लड़की, 1 लड़का व देवेंद्र की 2 लड़की एवं 1 लड़का है। तीनाें वाहन चालक मालिक जयदीपसिंह राठाैर के कहने पर भाेपाल सामग्री रखने के लिए गए थे। वाहन मालिक राठाैर ने बताया चालक श्याम पांच साल से वाहन चला रहा है।

दोस्त बोले- गश्ती पुलिस टीम काे विपरीत दिशा के वाहन क्याें नहीं दिखे

मृतकाें के दाेस्त कल्पेश महिड़ा व शक्तिसंह साेलंकी ने बताया, हम घटनास्थल देखने के लिए माैके पर पहुंचे ताे पता चला की रेत से भरे हुए हाईवा व डंपर रात में विपरीत दिशा में आते हैं। रात में पुलिस गश्त करती है ताे उन्हें विपरीत दिशा में आते वाहन क्यों नहीं दिखते। अगर इन वाहनाें पर समय रहते कार्रवाई कर दी जाती ताे आज हमारे दाेस्त हमसे जुदा नहीं हाेते।

दाे डाॅक्टराें की पैनल ने किया पीएम

तीनाें के झुलसे शवाें का पीएम जिला अस्पताल के दाे डाॅक्टराें की टीम ने किया है। डाॅक्टराें में एक शरद विरपरा और दूसरे शशांक तिवारी थे, जिन्हाेंने बताया शव की हालत बहुत खराब थी। पीएम के बाद परिजनाें काे शव साैंप दिए गए।

श्याम ने एक महीने पहले ही बेटी की सगाई की थी

श्याम (45 साल) की तीन लड़की व एक लड़का है। पत्नी फ्रीगंज घासमंडी स्थित निजी अस्पताल में कर्मचारी है। परिचितों ने बताया कि श्याम ने एक बेटी की शादी लॉकडाउन के पहले कर दी थी। दूसरी बेटी की सगाई एक महीने पहले ही तय हुई थी और अब शादी की तैयारी कर रहा था। वहीं शिवनारायण के दो लड़के व दो लड़कियां है सभी की शादी हो चुकी है। पप्पू ठाकुर 36 साल के दो बच्चे है जो अभी छोटे है व स्कूल जाते हैं।

शादी की बुकिंग में अलग गाड़ियों से गए, रात को एक ही गाड़ी से आ रहे थे

पीपलीनाका निवासी शिवनारायण नामदेव 58 साल नीलगंगा क्षेत्र निवासी जयदीप राठौर की टेम्पो ट्रेवलर से शादी का सामान भोपाल छोड़ने की बुकिंग लेकर निकले थे, जिनके साथ दो अन्य कार से पिपलीनाका का ही श्याम उर्फ गुड्‌डू माली व देवेंद्र उर्फ पप्पू ठाकुर भी भोपाल गए थे। यहां सवारी व सामान छोड़ने के बाद श्याम व पप्पू को टेम्पो ट्रेवलर में बैठाकर शिवनारायण उज्जैन आ रहे थे।

इसी दौरान देवास के भौंरासा मार्ग पर रेती से भरे डंपर से भिड़ंत के बाद दोनों गाड़ियों में आग लग गई। तीनों गाड़ी से बाहर नहीं निकल पाए। ट्रेवलर के इलेक्ट्रानिक लॉक होने से कांच व दरवाजा भी नहीं खुल पाया और तीनों अंदर ही बंद होने के बाद गाड़ी के एसी में धमाके के बाद जिंदा जल गए।

रिश्तेदारों ने ही बताया कि शिवनारायण के दांत नहीं थे इसलिए उनके कंकाल की पहचान तो आसानी से हो गई। जबकि पप्पू व श्याम के कंकाल को पहचानने में दिक्कत आई लेकिन शरीर की बनावट के अंदाज से उन्हें पहचाना गया।

हम पहुंचे तो ऊंची लपटों से घिरी थी ट्रेवलर, जले शव देख कांप गए: थाना प्रभारी सीएस परते

सूचना मिलते ही हम टीम के साथ पहुंचे। मेरे साथ आरक्षक सत्येंद्रसिंह व चालक उदयसिंह थे। आग की लपटें देख भाेपाल राेड पर एक ओर का ट्रैफिक रात करीब 12.15 बजे से रुक गया था। आग डीजल टैंक तक पहुंची ताे धमाके के साथ बड़ी आग की लपटें उठी, जिसने कुछ ही देर में सबकुछ नष्ट कर दिया। थोड़ी ही देर में फायर ब्रिगेड भी आ गई। ट्रे

वलर में धमाके भी हुए। संभवत: डीजल टैंक और एसी के कारण। मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। इसके बाद हमने शवों को बाहर निकालने के लिए गेट खाेला ताे रुह कांप गई। सबकुछ जल चुका था। शव देख किसी की हिम्मत नहीं हुई उठाने की। तब उदयसिंह ने तीनाें काे बाहर निकाला। मैंने और उदयसिंह ने थैलियाें में कंकाल डाले। इनकी शिनाख्त तक मुश्किल से हो पाई थी।



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