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- 60 year old Malti Indoreia From Bhopal Said The Mother Whose Mother I Completed 221 Km Of Running, The Mother Passed Away Before I Could See Her Medal And Certificate.
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भोपाल13 मिनट पहलेलेखक: राजेश गाबा
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221 किलेामीटर ‘सरदार पटेल यूनिटी अल्ट्रा डयूथेलॉन’ को कंप्लीट करने वाली भोपाल की 60 वर्षीय मालती इंदौरिया मेडल के साथ।
- 14 दिन में 221 किलोमीटर रनिंग के टास्क को पूरा किया भोपाल की 60 वर्षीय मालती इंदौरिया ने, सास की सेवा करते हुए घर में भी दौड़ीं और सास के हॉस्पिटल में एडमिट होने के बाद टास्क को पूरा करने के लिए वहां भी की रनिंग
दौड़ना उनका पैशन है, उम्र का उन पर कोई असर नहीं है। 60 साल की उम्र में किसी जवान युवती की तरह वह ट्रैक पर, ग्राउंड में दौड़ती हैं। वह भोपाल की हर मैराथन में 11 किमी में शामिल होती हैं। हॉकी की राष्ट्रीय खिलाड़ी रह चुकीं भोपाल की मालती इंदौरिया ने हाल ही में 14 दिन में 221 किलोमीटर की ‘सरदार पटेल यूनिटी अल्ट्रा डयूथेलॉन’ पूरी की। इस टास्क के बीच में उनकी सास को फ्रेक्चर हुआ। पेरालिटिकल अटैक आया। चिरायु अस्पताल के आईसीयू में एडमिट कराया। सास की देखरेख करने के साथ वह हास्पिटल में ही दौड़ती रहीं। सास के केबिन के बाहर टास्क को अंजाम देती रहीं। क्योंकि उनकी सास हर बार उनका हौसला मैराथन कंप्लीट करने के लिए बढ़ाती थीं। मालती इंदौरिया ने नम आंखों से दैनिक भास्कर से कहा कि इस बात की खुशी है कि सासु मां के मोटीवेशन से मैं अपने पैशन को जी रही हूं और एक नया अचीवमेंट कर पाई, लेकिन अफसोस इस बात का है कि आज जब मेडल, सर्टिफिकेट और टीशर्ट आई तो मेरी इस खुशी में मेरे साथ मेरी सासु मां नहीं हैं। वह 10 नवंबर को इस दुनिया से चली गईं, लेकिन उनका आशीर्वाद मेरे साथ हैं। वह जहां भी होंगी मुझे दुआएं दे रही होंगी।
गौरतलब है कि मालती इंदौरिया भोपाल में होने वाली तमाम मैराथन में 11 किलोमीटर की रनर हैं। हॉकी की नेशनल प्लेयर रह चुकीं मालती इंदौरिया को हेल्थ क्वीन-2018 इंडिया कॉम्पिटिशन में ब्यूटी विद ब्रेन का टाइटल भी मिल चुका है।
ये था टास्क
‘सरदार पटेल यूनिटी अल्ट्रा डयूथेलॉन’ में प्रतिभागी को 17 अक्टूबर से 31 अक्टूबर के बीच 221 किलोमीटर की रनिंग पूरी करनी थी। रोजाना रन करने के बाद ऐप का स्क्रीन शॉट लेकर रनिंग का किलोमीटर और समय दोनों को आयोजकों को भेजना था। इस दौड़ को प्रतिभागी घर पर या बाहर कहीं भी कंप्लीट कर सकते थे।

मालती इंदौरिया अपनी सास 83 वर्षीय कमला इंदौरिया के साथ।
ऐसे किया टास्क पूरा
मालती इंदौरिया ने बताया कि उन्होंने 14 दिन में 221 किमी के टास्क को पूरा करने के लिए रोजाना 15 से 20 किमी दौड़ने का प्लान किया। इस बीच डेली 15 या 20 किलोमीटर का टारगेट था। मैं जब दौड़ रही थी तो एक दिन रोड पर अचानक पीछे से बस आ जाने के कारण मुझे फुटपाथ पर चढ़ना पड़ा। इससे मुझे थोड़ी चोट आई और मैं एक दिन नहीं दौड़ पाई। मैंने सोचा कि डबल रनिंग करके टारगेट को बैलेंस कर लूंगी। इसी दौरान 21 अक्टूबर को मेरी सास को फ्रेक्चर हो गया। ऐसे में घर के बाहर जाना मुश्किल था। तब घर के अंदर ही दौड़ती थी। सास के पास कमरे में दौड़ती। बीच-बीच में वो मेरा हौसला बढ़ातीं और कहती कि थोड़ी देर दौड़ना रोककर मुझे बैठा दे। 29 अक्टूबर को सासु मां को पैरालिटिक अटैक आया। उन्हें 30 अक्टूबर को चिरायु हॉस्पिटल के आईसीयू में एडमिट कराया। एक बार मुझे लगा कि मैं क्विट कर जाऊं। फिर मैंने सोचा कि यह मेरी सास भी चाहती है कि मैं क्विट न करुं और अपने टास्क को कंप्लीट कर मेरी उम्र की महिलाओं के सामने एक उदाहरण पेश करूं। यही सोचकर मैंने बची हुई रेस को चिरायु हॉस्पिटल के ग्राउंड और चिरायु हॉस्पिटल से मेरे घर 2 किलोमीटर के रास्ते में दौड़ना शुरू किया। सासु मां के आईसीयू के बाहर भी एक ही स्थान पर दौड़ी। इस दौरान जब मैं दौड़ रही थी तो लोग पूछ रहे थे कि कोई दिक्कत है क्या आपको पैरों में। आप क्यों दौड़ रहीं हैं। 31 तारीख को आईसीयू के केबिन के पास दौड़कर टास्क को पूरा किया। अब जब मुझे मेडल, सर्टिफिकेट और टीशर्ट मिला तो खुशी भी हुई और दुख भी। खुशी इस बात की कि मैं अपनी सास को दिए वादे और टास्क को पूरा कर पाई। अफसोस इस बात का कि मेरी सासु मां ने 10 नवंबर को अपना शरीर छोड़ दिया। वो मेरा मेडल और टीशर्ट नहीं देख पाईं। मैं सबसे यहीं कहना चाहूंगी कि अपनी इम्युनिटी को स्ट्रान्ग करें। योग करें, जॉगिंग करें और रनिंग करें। आप हेल्दी फूड खाएं। ताकि जब परमात्मा तक पहुंचने का वक्त आए तो दौड़ते हुए जाएं, न की तकलीफ में।