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उज्जैन18 घंटे पहले
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रात 11 बजे निकली बाबा महाकाल की सवारी
- रात 11 बजे निकली बाबा महाकाल की सवारी
वैकुंठ चतुर्दशी पर भगवान महाकालेश्वर की हरिहर मिलन की सवारी रात 11 बजे कर्फ्यू जैसे इंतजाम के बीच निकाली गई। गोपाल मंदिर में सादगी के साथ हरि-हर मिलन हुआ। इसके बाद सवारी फिर मंदिर पहुंची। कोरोना संक्रमण के चलते प्रशासन ने सवारी व हरिहर मिलन के दौरान श्रद्धालुओं के आने पर रोक लगा दी थी। सवारी मार्ग को चारों तरफ से बेरिकेडिंग कर बंद कर दिया था। इसके अलावा सड़कों और मकानों पर भी पुलिस जवान तैनात किए थे।
सवारी महाकाल मंदिर में शयन आरती बाद रात 11 बजे शुरू हुई। सवारी में केवल कलेक्टर आशीष सिंह, एसपी सत्येंद्रसिंह शुक्ल, मंदिर समिति प्रशासक नरेंद्र सूर्यवंशी, पुजारी और प्रशासन व पुलिस के अन्य अधिकारी थे। 20 मिनट में सवारी गोपाल मंदिर पहुंची। जहां महाकालेश्वर और गोपालजी का पूजन हुआ। महाकाल को तुलसी माला व गोपालजी को बिल्वपत्र की माला अर्पित की गई।
साल में सिर्फ एक मौका ही आता है ऐसा
मान्यता है कि देवशयनी पर विष्णु सृष्टि का संचालन शिव को सौंप कर विश्राम के लिए जाते हैं। वैकुंठ चतुर्दशी पर शिव सृष्टि का संचालन फिर से विष्णु को सौंपते हैं। इसी प्रसंग को लेकर हरिहर मिलन उत्सव मनाया जाता है। गोपाल मंदिर में पूजन अर्चन के बाद आरती हुई। आरती में पुलिस बैंड ने प्रस्तुति दी। इसके बाद सवारी फिर महाकाल मंदिर लौटी। साल में केवल वैकुंठ चतुर्दशी पर महाकाल की सवारी रात में निकाली जाती है।