आरोप: आदिवासियों को नहीं मिल रहा पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना का लाभ

आरोप: आदिवासियों को नहीं मिल रहा पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना का लाभ


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नौगांव17 मिनट पहले

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  • समिति प्रबंधक व अधिकारियों की साठगांठ से राशन की कालाबाजारी

छतरपुर जनपद पंचायत के ईशानगर क्षेत्र के सेवा सहकारी समिति गहरवार के सेल्समैन एवं दुकान संचालक पर आदिवासी ग्रामीणों ने राशन कार्ड में राशन दर्ज करने के बाद भी राशन न देने के आरोप लगाए हैं। मामला प्रकाश में आने पर अधिकारी दुकान का रिकार्ड जांच कर एवं ग्रामीणों से बयान दर्ज कर कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं।

लॉकडाउन के दौरान शासन द्वारा गरीबों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए भरसक प्रयास किए जा रहे हैं गरीब और मजलूम लोगों को किसी भी तरह से राशन व खाद्यान्न की परेशानी न हो इसके लिए शासन द्वारा कई महीनों का खाद्यान्न पहले ही भेजा जा चुका है। इसके बावजूद खाद्यान्न माफिया द्वारा कालाबाजारी की जा रही है।

मामला छतरपुर जनपद की सेवा सहकारी समिति गहरवार से सामने आया है। जहां ग्राम पंचायत गहरवार, हतनाई, निबरिया के ग्रामीणों ने राशन वितरण दुकानदार व समिति प्रबंधक राजेश यादव पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि हितग्राहियों को पात्रता पर्ची में जितना राशन लिखा गया उतना दिया नहीं जाता है।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का राशन भी नहीं दिया जा रहा। साथ ही अंत्योदय कार्डधारकों से राशन के बदले पैसा लिया जा रहा है, कई महीनों से केरोसीन भी नहीं देने का आरोप कार्डधारियों ने सेल्समैन पर लगाया है।

पहले भी हो चुकी हैं शिकायतें

यह कोई पहला मौका नहीं है जब ग्रामीणों ने सेल्समैन के खिलाफ राशन वितरण न करने के आरोप लगाए हैं लेकिन विडंबना यह है कि मामला अधिकारियों के संज्ञान में आने के बाद भी जिम्मेदार कार्रवाई करना तो दूर मामले की जांच करने तक नहीं पहुंच रहे हैं।

जांच के बाद होगी कार्रवाई

इस मामले में क्षेत्र की कनिष्ठ अधिकारी नियुक्ति उलमलिया का कहना है कि आज रविवार है, कल-परसों में जांच की जाएगी। लोगों को खाद्यान्न नहीं मिला है तो समिति प्रबंधक सहित दुकान चालक पर कार्रवाई की जाएगी।

राशन के लिए 2-2 महीनों तक करना पड़ता है इंतजार

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि राशन वितरण करने का न तो कोई समय निर्धारित है लोगों को राशन के लिए 2-2 महीनों तक इंतजार करना पड़ता है। इराशन वितरण से पहले ही ग्रामीणों के राशन कार्ड व स्टॉक पंजी में वितरण दर्ज कर खाद्यान्न की कालाबाजारी की जा रही है।



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