मिलावटखोरी: सिक्का ब्रांड और बालाजी ऑइल मिल का सरसों तेल अपमिश्रित, मिल्क केक सिंथेटिक दूध से बनाया था

मिलावटखोरी: सिक्का ब्रांड और बालाजी ऑइल मिल का सरसों तेल अपमिश्रित, मिल्क केक सिंथेटिक दूध से बनाया था


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मुरैना4 घंटे पहले

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सरसों तेल की जांच करते खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की टीम।

  • जांच रिपोर्ट आने के बाद खाद्य सुरक्षा विभाग अधिकारियों ने 15 केस एडीएम कोर्ट में पेश किए
  • नूराबाद में 250 किलो मिल्क केक पकड़ा था, मौके पर नष्ट नहीं कराया, अब यह केक कहां, अफसरों को भी पता नहीं

ब्लेंडिंग के लाइसेंस लेकर सरसों तेल में दूसरे तेलों की मिलावट का कारोबार मुरैना से लेकर बानमोर में चरम पर है। भोपाल लैब की सैंपल जांच रिपोर्ट बानमोर के राठी ऑइल्स का सिक्का ब्रांड सरसों तेल अपमिश्रित पाया गया है। मुरैना के बालाजी ऑइल का सरसों तेल भी सब स्टैंडर्ड घोषित किया गया है लेकिन तेल माफिया के खिलाफ प्रशासन कठोर कार्रवाई नहीं करा रहा है।

सरसोें तेल के रेट 130 रुपए किलो चल रहे हैं। इसलिए तेल कारोबारी सरसों तेल में दूसरे तेलों की खुली मिलावट कर रहे हैं। ब्लेंडिंग लाइसेंस निरस्त किए जाने के सरकारी आदेश पर कोर्ट से स्थगन लेने के बाद सरसों तेल में मिलावट का सबसे बड़ा कारोबार मुरैना की मंडी में देखने काे मिल रहा है। बानमोर में संचालित राठी ऑइल्स के सिक्का ब्रांड पैक्ड सरसों तेल का सैंपल 20 अगस्त को खाद्य सुरक्षा अधिकारी अनिल प्रताप सिंह परिहार ने लिया था जो जांच में अपमिश्रित पाया गया है।

इसका के एडीएम कोर्ट में लगाया जा चुका है। इसके अलावा मुरैना के बालाजी ऑइल मिल में निर्मित सरसों तेल का सैंपल भी केन्द्रीय प्रयाेगशाला से फेल होकर आया है। स्टेट लैब इस मिल के तेल को पहले ही फेल घोषित कर चुकी है। अपील में भी सरसों का तेल मिस ब्रांड बताया गया है। बता दें कि मुरैना में जब-जब सरसों तेल की सैंपलिंग हुई है, 70 फीसदी इंडस्ट्रीज के सैंपल जांच में फेल हुए। एडीएम काेर्ट 2019 में तेल कारोबारियों पर बड़े जुर्माने भी किए लेकिन उसके बाद भी मिलावट का कृत्य थमा नहीं है।

जानिए… और किसके सैंपल हुए फेल

  • सबलगढ़ में मधुर ब्रांड के नाम से कुकिंग मीडियम उत्पाद बनाया जा रहा है। इसका सैंपल भी जांच में सब स्टैंडर्ड आया है।
  • जौरा के महेश शर्मा के दूध टैंकर से लिए गए मिश्रित दूध का सैंपल भी जांच में फेल घोषित किया गया है लेकिन इस डेयरी पर प्रशासन ने रेंडम सैंपलिंग नहीं कराई और न ही इसके खिलाफ रासुका की कार्रवाई की जा रही है।
  • कैलारस में जीएन ट्रेडर्स की दुकान से लिया गया मसाले का सैंपल जांच में मिस ब्रांड पाया गया है।
  • मुरैना के मारकंडेश्वर बाजार में राजेश सेल्स की दुकान पर खुली हल्दी बिक्री का केस भी एडीएम कोर्ट में लगाया गया है।

मिल्क केक का सैंपल फेल, 250 किलो केक का अता-पता नहीं
खाद्य सुरक्षा अधिकारी रेखा सोनी ने बानमोर में मिल्क केक का सैंपल लिया था। सैंपल की जांच रिपोर्ट में मिल्क केक को खाने योग्य नहीं मानते हुए उसे फेल घोषित किया है। केक के मामले में विभाग ने रवि जैन के खिलाफ अभियोजन की कार्रवाई तो की है लेकिन उस मिल्क केक को सैंपलिंग के तत्काल बाद ही नष्ट नहीं कराया और आरोपी की सुपुर्दगी में ही उसे दे दिया। 250 किलो केक वर्तमान में कहां किस हाल में है इसकी कोई जानकारी एफएसओ के पास नहीं है।

दाल के रेट 100 रुपए, इसलिए मिलावट भी खुलकर
अरहर की दाल का उत्पादन मुरैना में हो रहा है। दाल के रेट थोक में 90 रुपए किलो व खेरीज में 100 रुपए किलो चल रहे हैं इसलिए दाल निर्माता भी दाल का उत्पादन मानकों के अनुरूप नहीं कर रहे हैं। खाद्य सुरक्षा विभाग की भोपाल लैब से आई जांच रिपोर्ट में महालक्ष्मी दाल मिल से लिए सैंपल की रिपोर्ट फेल आई है। इसके अभियोजन की कार्रवाई एडीएम कोर्ट में की गई है लेकिन कलेक्टर शहर के अन्य दाल मिलों की चेकिंग व उनसे रेंडम सैंपलिंग की कार्रवाई नहीं करा रहे हैं।

मिलावटी तेल के टैंकरों पर कार्रवाई नहीं
मुरैना की चार रिफाइनरियों में आ रहे सोयाक्रूड व राइसब्रान ऑइल के टैंकरों की धरपकड़ का काम कलेक्टर ने पूरी तरह से बंद करा दिया है। इससे पहले खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम से लेकर सेल टैक्स विभाग की टीम बाहर से आने वाले तेल के टैंकरों को पकड़ने की कार्रवाई करती रही है। बीते एक साल से तेल टैंकरों को पकड़ने की कार्रवाई पूरी तरह से बंद है। आलम यह है कि अभी भी प्रतिदिन सोयाक्रूड व राइसब्रान ऑइल के टैंकर मुरैना में रोजाना आ रहे हैं और सीधे रिफाइनरियों में पहुंचकर उस तेल की बिक्री ऑइल इंडस्ट्रीज के लिए हो रही है।

7 दिन में 15 केस एडीएम कोर्ट में लगाए
सैंपलों की प्राप्त जांच रिपोर्ट को कार्रवाई के लिए एडीएम व सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया है। 7 दिन में 15 केस अभियोजन के लिए प्रस्तुत किए गए हैं। इनमें राठी ऑइल्स व बालाजी ऑइल मिल के सरसों तेल के सैंपल फेल होकर आए हैं। मिल्क केक व तुअर की दाल का सैंपल भी फेल घोषित किया गया है।
धर्मेंद्र जैन, मुख्यालय खाद्य सुरक्षा अधिकारी मुरैना



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