Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
मुरैना18 घंटे पहले
- कॉपी लिंक
बस में बगैर मास्क लगाए इस तरह यात्रा कर रहे हैं लाेग।
- यात्री तो दूर, खुद बस कंडक्टर और ड्राइवर तक नहीं पहन रहे मास्क, यात्रियों से वसूला जा रहा मनमाना किराया
- लॉकडाउन में बंद रहने के बाद अब परिवहन सेवाएं पूरी तरह से चालू हो चुकी हैं, लेकिन गाइड लाइन का पालन नहीं हो रहा
लॉकडाउन में बंद रहने के बाद अब परिवहन सेवाएं पूरी तरह से चालू हो चुकी हैं। अभी भी इनमें यात्रा करने के लिए कुछ गाइडलाइन हैं, लेकिन शहर में उनका पूरी तरह से उल्लंघन हो रहा है। यात्री तो दूर, खुद बस कंडक्टर और ड्राइवर तक मास्क नहीं पहन रहे हैं। बस में ठूंस-ठूंस कर सवारियां भरी जा रही हैं, जिससे कोरोना का खतरा भी बढ़ रहा है। काोरोना महामारी के आपातकाल के बीच बस ऑपरेटरों द्वारा हर रूट पर मनमाना किराया भी वसूला जा रहा है।
इन दिनों सबलगढ़ जाने के लिए यात्रियों से 80 से 100 रुपए किरया वसूली जा रहा है जबकि परिवहन विभाग की ओर से 70 रुपए किराया निर्धारित है। इसी प्रकार मुरैना से कैलारस के 50 रुपए व जौरा के 30 रुपए किराया लिया जा रहा है। जबकि कैलारस का किराया 40 रुपए व जौरा का किराया 25 रुपए है। खास बात यह है कि लोगों के स्वास्थ्य के साथ होते खिलवाड़ और कटती जेब के बीच परिवहन विभाग कार्रवाई करने की जहमत भी नहीं उठा रहा है।
डिस्प्ले नहीं यात्री किराया, उपयोग के लायक नहीं शौचालय
बस स्टेंड परिसर में कहीं भी यात्री किराया डिस्प्ले नहीं कराया गया है। जबकि परिवहन नियमों के मुताबिक बस स्टेंड परिसर में यात्री किराया डिस्प्ले किया जाना आवश्यक है। किराया सूची चस्पा नहीं होने से बस कंडेक्टर मनमानी कर रहे हैं। उधर बस स्टेंड परिसर में बना शौचालय की देखरेख नहीं होने से वह उपयोग के लायक नहीं है। ऐसे में यात्रियों व बस कर्मचारियों को फ्रेश होने व नहाने-धोने के लिए परेशान होना पड़ रहा है।
इसी तरह की लापरवाहियों से बढ़ रहा कोरोना: अभी शहर में लगातार कोरोना के मामले मिल रहे हैं। वर्तमान मे कोरोना पीड़ित मरीजों की कुल संख्या 2976 हो चुकी है। जिनमें 25 की मौत हो चुकी है तथा 68 केस अभी भी एक्टिव हैं। यहां बता दें कि जब कम मामले थे तब लॉकडाउन के कारण दूसरे शहरों से परिवहन बंद था। जब परिवहन शुरू हुआ तो कोरोना के मामले भी बढे। अभी भी शहर में रोजाना कोरोना संक्रमित सामने आ रहे हैं। बीते तीन दिनों में कोरोना के 25 केस जांच में सामने आए हैं। ऐसे में यह लापरवाही भारी पड़ सकती है।
बस स्टैंड व ई-रिक्शा में भी नहीं दिखता नियमों का पालन
लॉकडाउन में सुनसान पड़े रहने वाले बस स्टैंड पर पहले की तरह भीड़ जुटना शुरू हो चुकी है। यहां पर अधिकांश लोग बिना मास्क पहने ही नजर आते हैं। बस से यात्रियों के उतरते ही ई-रिक्शा भी वहां इकठ्ठा हो जाते हैं और क्षमता से अधिक सवारी भर लेते हैं। जो मास्क पहने हुए नहीं होते।
यात्रियों के ठहरने के लिए रेन बसेरा की सुविधा नहीं
शहर में बस स्टेंड का निर्माण हुए 20 साल गुजर गए हैं। लेकिन यात्रियों के रूकने के लिए नगर निगम रेन बसेरा स्थापित नहीं कराया गया है। जबकि कई यात्री यहां से सोरों, करोली जैसे धार्मिक स्थल जाते हैं। रात को लेट होने पर इन यात्रियों को बस स्टेंड परिसर में ठहरने की जगह नहीं मिलती और उन्हें मंहगे दाम पर होटल व लॉज में ठहरना पड़ता है।
जिला परिवहन अधिकारी ने नहीं किया फोन रिसीव
ड्राइवर व यात्रियों द्वारा सफर के दौरान मास्क नहीं लगाने एवं यात्रियों से मनमाना किराया वसूलने के संबंध में जिला परिवहन अधिकारी अर्चना परिहार के मोबाइल (9131531214) पर कई बार संपर्क किया, लेकिन उन्होंने एक बार भी फोन रिसीव नहीं किया।