एक हाथी की हो गई है मौत. (File PIc)
2019 की शुरुआत में ओडिशा में अपने झुंड से अलग होने के बाद ये हाथी साथ में 2000 किलोमीटर से भी अधिक का सफर तय कर चुके हैं. चार राज्यों को पार करते हुए ये दोनों भाई दो दिन पहले ही मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के बार्गी बांध क्षेत्र में पहुंचे थे.
- News18Hindi
- Last Updated:
November 30, 2020, 7:57 AM IST
शुक्रवार को इनमें से एक हाथी की करंट लगने से मौत हो गई. जबकि उसके भाई ने अपना आगे का सफर मंडला जिले के लिए जारी रखा. मध्य प्रदेश में फॉरेस्ट के मुख्य संरक्षक आरडी महला ने जानकारी दी कि दोनों भाइयों में से एक हाथ बार्गी बांध के पास गांववालों द्वारा जंगली सूअरों से खेतों की रखवाली के लिए वहां लगाए गए बिजली के करंट की चपेट में आ गया. इससे उसकी मौत हो गई. दूसरा हाथी मंडला की ओर चला गया है. वन विभाग की टीम से पकड़ने के लिए कार्य कर रही है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार बिलासपुर के रहने वाले और हाथियों के लिए काम करने वाले मंसूर खान ने दोनों हाथी भाइयों के सफर के बारे में जानकारी दी है. उन्होंने हाथियों के सफर को ट्रैक किया है. उनका कहना है कि यह करीब 2019 की फरवरी में शुरू हुआ था. राम की उम्र करीब 20 साल थी तो छोटे हाथी बलराम की उम्र 18 साल थी. वे ओडिशा से छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में आए थे. इसके बाद वे कांकेड़ गए थे और बाद में बस्तर. बस्तर में पहली बार हाथी देखे गए थे.
हालांकि करंट लगने के कारण किस हाथी की मौत हुई है, अफसर यह बताने में असमर्थ हैं. ऐसे में मंसूर खान ने फोटो देखकर बताया है कि मरने वाला हाथी छोटा भाई बलराम प्रतीत हो रहा है. मंसूर के अनुसार दोनों भाई सफर के दौरान कहीं भी अधिक दिनों के लिए नहीं ठहरते थे. जब राम पकड़ में आएगा तो उसके साथ क्या किया जाएगा? मुख्य संरक्षक आरडी महला ने इस पर कहा कि इसका निर्णय बाद में लिया जाएगा.
मध्य प्रदेश के पेंच टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर विक्रम सिंह परिहार के अनुसार रविवार को हाथी को जबलपुर संभागीय जंगल में कुतेला गांव के पास देखा गया है. वह करंट वाली घटना की जगह से करीब 30 किमी दूर है. उसे पकड़ने के लिए कर्मचारी काम कर रहे हैं.