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नागदाएक घंटा पहले
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- नाॅमिनी का नियम, फिर भी आ रही परेशानी
राशन दुकानाें पर पहुंच रहे वृद्धजनाें काे बैरंग लाैटना पड़ रहा है। वजह उनके अंगूठे के निशान पीओएस मशीन में नहीं आ रहे हैं। ऐसे में कई वृद्धजनाें काे बीते दाे से तीन माह से राशन ही नहीं मिल पा रहा है।
यह बात हाल ही में पाड़ल्याकलां क्षेत्र में आयाेजित शिविर में भी सामने आई थी, जहां आधा दर्जन से अधिक वृद्धजनाें ने अंगूठे का निशान नहीं आने की वजह से अनाज नहीं मिलने की बात कही थी। यह हाल मात्र पाड़ल्याकलां के ही नहीं, बल्कि शहर और गांवाें में भी है, क्याेंकि पीओएस मशीन में अंगूठे का निशान नहीं मिलने तक अनाज नहीं दिया जाता है।
कुछ बना रहे, कुछ नहीं
वृद्धजन अपनी सहमति से उसी दुकान से जुड़े किसी अन्य हितग्राही काे नाॅमिनी बना सकते हैं, ताकि वह वृद्धजन के स्थान पर अंगूठा लगाकर राशन लेकर उन्हें दे सके। कई दुकानदाराें ने इस नियम के तहत नाॅमिनी बनाए हैं लेकिन कुछ दुकानदाराें ने नहीं बनाए हैं। इससे परेशानी बनी हुई है।
यह भी आ रही है दिक्कत
दुकानदाराें ने बताया कि परिवार में एक या दाे व्यक्ति ही हाे, जिनके अंगूठे के निशान नहीं आ रहे हैं ताे नाॅमिनी बनाया जा सकता है। अगर परिवार में तीन सदस्य हैं ताे उसमें नाॅमिनी नहीं बनाया जा सकता है, क्याेंकि परिवार के किसी भी एक सदस्य के अंगूठे से राशन दिया जा सकता है। कुछ राशनकार्ड ऐसे हैं, जहां वृद्धजनों के अंगूठे के निशान नहीं आ रहे हैं और उनके बेटे-बेटी या अन्य सदस्य बाहर चले गए हैं। इसमें नाॅमिनी नहीं बनाया जा सकता है, इसके लिए उन्हें बाहर गए सदस्यों के नाम हटवाने हाेंगे, तभी वह नाॅमिनी बना सकते हैं।
जानकारी जुटा रहे हैं
खाद्य शाखा से जानकारी ली जा रही है। वृद्धजन जिनके अंगूठे के निशान नहीं आ रहे हैं, उनके नाॅमिनी बनाने काे कहा है, ताकि राशन मिल सके।
-आशुताेष गाेस्वामी, एसडीएम