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- 118 Cases In Sudama Nagar, 97 Cases In Vijayanagar, Race Course Road With 55 Cases Contained
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इंदौर4 मिनट पहले
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गलत मुनादी के खिलाफ सड़क पर आए रेसकोर्स रोड के रहवासी
- गलत मुनादी के खिलाफ सड़क पर आए रेसकोर्स रोड के रहवासी
- शीर्ष 5 संक्रमित क्षेत्रों में 3 को छोड़ा, दो पर लगाई पाबंदी, विरोध में उतरे लोग
शहर में कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के लिए बनाए जा रहे कंटेनमेंट जोन को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। भास्कर पड़ताल में उजागर हुआ है कि शहर के शीर्ष पांच इलाके, जहां सबसे ज्यादा मरीज मिले हैं, वहां किसी तरह की अतिरिक्त पाबंदी लागू नहीं की गई है।
शहर में अब तक सुखलिया में सबसे ज्यादा 866 मरीज मिले हैं, इसके बाद सुदामा नगर में 719, विजयनगर में 674 और खजराना में 574 मरीज मिल चुके हैं, लेकिन इन क्षेत्रों में कंटेनमेंट नहीं बनाए गए हैं। रेसकोर्स रोड पर अब तक महज 152 मरीज (दिवाली के बाद 55 केस) मिले हैं और शहर के संक्रमित इलाकों में उसका नंबर 36वां है। वहां बड़ा हिस्सा सील कर दिया है। दिवाली के बाद जिन इलाकों में ज्यादा मरीज मिल रहे हैं, वे भी अतिरिक्त पाबंदियों से मुक्त ही हैं।
जिन इलाकों में कंटेनमेंट जोन बनाए हैं, उनमें शामिल उषानगर सबसे ज्यादा संक्रमित मरीजों की सूची में 25वें नंबर पर, रेसकोर्स रोड 36वें, साउथ तुकोगंज 20वें, खातीवाला टैंक 13वें और जावरा कंपाउंड 119वें नंबर पर है। इस बारे में प्रशासन का तर्क है कंटेनमेंट लोगों की सतर्कता के लिए बनाए गए हैं, क्योंकि यहां एकदम से एक्टिव मरीज अधिक सामने आए हैं। जहां भी पास-पास में एकसाथ अधिक पॉजिटिव मिलेंगे, वहां कंटेनमेंट बनाए जाएंगे।
70 फीसदी मरीज होम आइसोलेशन में
कोरोना पॉजिटिव मरीजों की सोमवार को आई सूची में सुदामानगर के ए सेक्टर में एक जगह से पांच पॉजिटिव मिले हैं। राजेंद्र नगर के एक अपार्टमेंट में चार मरीज मिले हैं। जैन कॉलोनी नेमीनगर में भी चार मरीज मिले। इसी तरह शालीमार पाम, बंगाली चौराहे की एक मल्टी व अन्य कई जगहों से भी एक साथ तीन-तीन मरीज मिले हैं।
कोरोना संक्रमण का असर भले ही बढ़ रहा हो, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि बेड खाली हैं। 3206 मरीज (70 फीसदी) होम आइसोलेशन में हैं। अस्पतालों में 1908 मरीज भर्ती हैं। इनमें से 1400 इंदौर के हैं। सीएमएचओ डॉ. प्रवीण जड़िया ने बताया कि 1600 बेड खाली हैं। बेड की कोई समस्या नहीं है।
क्षेत्र में दहशत ऐसी कि चौकीदार और काम वाली बाई भी भाग गए
रेसकोर्स रोड की सिल्वर स्टड मल्टी के रहवासी निगम की गाड़ी से हुई गलत मुनादी के खिलाफ सोमवार को सड़क पर उतर आए। कोई भी प्रशासनिक अफसर सही जानकारी देने नहीं पहुंचा। रहवासी 18 घंटे तक तनाव में रहे। डर इतना फैला कि मल्टी का चौकीदार और काम वाली बाई भी भाग गईं। रहवासी सुमित जैन बोले- हमारी यहां 10 दिन में एक भी पॉजिटिव नहीं आया है। रविवार को एक अफसर कागज दिखाकर बोले मल्टी में 70 लोग पॉजिटिव हैं। हमने लिस्ट मांगी तो नहीं दी। सामने वाली मल्टी को भी सील किया है। उसमें 200 लोग रहते हैं, वहां भी दो-तीन संक्रमित होंगे।
रहवासी चंचल जैन बोले- सुबह अखबार से सही जानकारी मिली तो हमें लगा कि कहीं जाने की जरूरत नहीं है। शैला राठी ने बताया दोनों बेटे बाहर रहते हैं। दोनों के कई बार फोन आए कि सब ठीक तो है न? जब सरकारी लोग सील कर रहे थे, तब मल्टी के युवकों ने कहा भी था कि आपको गलत जानकारी है, यहां कोई मरीज नहीं है। फिर भी वे नहीं माने। रहवासी मीना बोली अनाउंस के बाद पूरी रात डर में बीती। कई लोग सो नहीं पाए।
दिवाली बाद 5 कंटेनमेंट जोन की स्थित
खातीवाला टैंक (8वें नंबर पर)- 65 मरीज साउथ तुकोगंज ( 3 नंबर पर)- 86 मरीज उषानगर एक्सटेंशन (5वें नंबर पर)- 74 मरीज रेसकोर्स रोड (13वें नंबर पर)- 55 मरीज जावरा कंपाउंड (29वें नंबर पर)- 35 मरीज
कंटेनमेंट जोन में अब तक मिले मरीज
खातीवाला टैंक (13वें नंबर पर)- 279 मरीज साउथ तुकोगंज (20वें नंबर पर)- 235 मरीज उषानगर एक्सटेंशन (25वें नंबर पर)- 215 मरीज रेसकोर्स रोड (36वें नंबर पर)- 152 मरीज जावरा कंपाउंड (119वें नंबर पर)- 67 मरीज
गलत मुनादी के खिलाफ सड़क पर आए रेसकोर्स रोड के रहवासी
शैला राठी- एक बेटा एम्सटर्डम, दूसरा बेंगलुरु में है। दोनों डर गए मल्टी में क्या कोरोना बम फूट गया।
आलोक शर्मा- मल्टी में सब एक-दूसरे को शक से देखने लगे।
चंचल जैन- अनाउंसमेंट से माहौल ऐसा बिगड़ा कि आधा दर्जन परिवार फ्लैट बंद कर चले गए।