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- Shahdol Newborn Baby Deaths Update; 11 Children Died Within 6 Days In Madhya Pradesh Intensive Care Unit (SNCU)
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भोपाल32 मिनट पहले
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शहडोल जिला अस्पताल का एसएनसीयू। जहां पर बच्चों की मौत ने शिवराज सरकार को हिला दिया है।
- जिला अस्पताल शहडोल के एसएनसीयू में कुपोषित और कमजोर बच्चों की वजह से बेड कम पड़े
शहडोल जिला अस्पताल की शिशु गहन चिकित्सा इकाई (एसएनसीयू) में 6 दिन के अंदर 11 बच्चों की मौत हो गई। इसमें दो बच्चों की मौत गुरुवार रात को हुई है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बच्चों की मौत पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कांग्रेस की तरफ से दो विधायकों समेत 4 सदस्यीय जांच दल बनाया गया है, जो वहां जाकर पीड़ित पक्षों से चर्चा कर अपनी रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी और कमलनाथ को सौंपेगी।
पूर्व CM कमलनाथ ने कहा कि 5 दिन पहले मुख्यमंत्री की आपात बैठक और निर्देशों के बावजूद बच्चों की मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। सरकार का रवैया इस मामले में उदासीन बना हुआ है। वहां 5 दिन पूर्व भेजे गए विशेष जांच दल के नाम पर इस मामले में सिर्फ़ खानापूर्ति व लीपापोती की गई है।
कमलनाथ ने कहा- सरकार ने केवल लीपापोती कराई
शहडोल में मासूम बच्चों की मौत का आँकड़ा निरंतर बढ़ता जा रहा है।
अभी तक 11 मासूम बच्चों की मौत हो चुकी है ?
सरकार का रवैया बेहद उदासीन।
जाँच दल भेजने के नाम पर सिर्फ़ खानापूर्ति व लीपापोती की गयी।— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) December 4, 2020
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कांग्रेस का एक जांच दल मौक़े पर भेजने का निर्णय लिया है। कांग्रेस के इस चार सदस्यीय सदस्य जांच दल विधायक सुनील सराफ, विधायक विजय राघवेंद्र सिंह, अनूपपुर के कांग्रेस अध्यक्ष जयप्रकाश अग्रवाल, शहडोल कांग्रेस अध्यक्ष आजाद बहादुर सिंह शामिल हैं। यह जांच दल मौके पर जाकर पीड़ित पक्ष से चर्चा कर अपनी रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी और पूर्व मुख्यमंत्री को सौंपेगा।
1 दिसंबर को भी कमलनाथ ने गंभीर मामला बताया था
शहडोल में मासूम बच्चों की मौत का आंकड़ा निरंतर बढ़ता जा रहा है, 2 और बच्चों की मौत की जानकारी सामने आई है। यह आँकड़े बेहद गंभीर व चिंताजनक है।
सरकार इस मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए सभी आवश्यक निर्णय लें।— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) December 1, 2020
असल में एसएनसीयू में कुपोषित और कमजोर नवजातों को भर्ती किया जाता है। अगर उन्हें लाने-ले जाने में देरी की गई तो कई बार उनकी मौत हो जाती है। लेकिन शहडोल के जिला अस्पताल में एसएनसीयू में बेड कम पड़ जाने की वजह से नवजातों की मौत हुई। यहां पर एक बेड पर दो से तीन बच्चों को भर्ती कर लिया गया था।
इसी साल जनवरी 2020 में भी 8 बच्चों की मौत हुई थी
बता दें कि जनवरी 2020 में भी इसी अस्पताल में एक साथ 8 बच्चों की मौत हुई थी। तब भी बच्चों की मौत के बाद सरकार ने सख्त कदम उठाने की बात कही थी, इस बार भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आपात बैठक बुला कर हिदायतें दी हैं। इसके बाद भी केवल खानापूर्ति हो रही है।