Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
भोपाल3 घंटे पहलेलेखक: राजेश गाबा
- कॉपी लिंक
आज गौहर महल में सजेगा मीना बाजार। इसके लिए तैयारियां होती हुईं।
- बेगम सुल्तानजहां ने 1916 में करवाया था शुरू
- भोपाल में आज भी एक मोहल्ला परी बाजार कहलाता है
भोपाल में 1916 में बेगम सुल्तान जहां ने महिला क्लब के माध्यम से पहली बार मीना बाजार लगवाया। बाजार में महिलाओं द्वारा निर्मित हस्तशिल्प सामग्री बिक्री के लिए रखी जाती थी। केवल महिलाओं को ही उसकी खरीदी की अनुमति थी। उनके इस प्रयास से महिलाओं का जहां आत्मसम्मान बढ़ा, वहीं उन्हें समाज में समानता का अधिकार भी मिला। वैसा ही एक महिला बाजार ‘मीना बाजार’ आज शाम से गौहर महल में शुरू होने जा रहा है। इसमें केवल महिलाओं को प्रवेश मिलेगा। इसमें ग्राहक और दुकानदार दोनों सिर्फ महिलाएं ही होंगी। इसमें पुरुषों का प्रवेश वर्जित रहेगा। इससे पहले ऐसा ही बाजार 2012 में गौहर महल में लगाया गया था, जिसको शहर की महिलाओं ने खासा पसंद किया था।
सुल्तानजहां बेगम ने की थी लेडीज क्लब की स्थापना
भोपाल रियासती दौर में महिलाओं की शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया था। नवाब सिकंदर बेगम ने सन् 1860 में एक स्कूल की स्थापना की थी। सुल्तानजहां बेगम भोपाल रियासत की अंतिम महिला शासक थी, जिन्होंने शिक्षित छात्राओं के लिए लेडीज क्लब की स्थापना की थी।
ब्रिटेन की महारानी सन् 1909 में जब भोपाल आईं, तो लेडीज क्लब का नाम प्रिंसेस ऑफ वेल्स क्लब रखा गया। क्लब में खेलकूद की प्रति स्पर्धाएं और महिलाओं पर केंद्रित विषयों पर परिचर्चा होती थी।
मीना बाजार को परी बाजार भी कहा जाता था
बेगम सुल्तानजहां स्वयं बाजार में दुकानों का निरीक्षण कर महिलाओं को प्रोत्साहित करती थीं। उस दौर में मीना बाजार को परी बाजार इसलिए कहा जाता था, क्योंकि पढ़ी-लिखी युवतियां सुंदर वस्त्र धारण कर परी के रूप में इन मेलों में भाग लेती थीं।
पुराने शहर में मौजूद है परी बाजार मोहल्ला
पुराने भोपाल में आज भी एक मोहल्ला परी बाजार कहलाता है। नवाब हमीदुल्ला खां के शासन काल में भी सन् 1943 में उनके जन्मदिन पर बड़े स्तर पर मीना बाजार लगाने का उल्लेख मिलता है।
सात दिनों तक चलेगा
मप्र हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम बेगमों के समय की रवायत को एक बार फिर दोहराने जा रहा है। ‘मीना बाजार’ शुक्रवार से गौहर महल में शुरू होने जा रहा है, जिसमें आर्ट पीसेज, हैंडीक्राफ्ट, हैंडलूम, ज्वेलरी से लेकर मजेदार डिशेज तक महिलाएं लेकर आएंगी। सिर्फ महिलाएं ही इसमें खरीदार के तौर पर पहुंचेंगी। सात दिनों तक चलने वाले मीना बाजार में भोपाल समेत जबलपुर, छिंदवाड़ा, बैतूल, इंदौर और उज्जैन की 40 फीमेल्स अपने आर्ट एंड क्राफ्ट वर्क डिसप्ले करेंगी।
थर्मल स्कैनिंग के बाद प्रवेश
मप्र हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम के एमडी राजीव शर्मा ने बताया, मीना बाजार महिलाओं की विजिट के लिए सेफ हो डिस्टेंसिंग बनी रहे, इसके लिए एक बार में केवल 40 महिलाओं को ही शॉपिंग के लिए एंट्री मिलेगी। थर्मल स्क्रीनिंग से लेकर हाथों को सैनिटाइज करने तक की सारी महिलाओं की ही होगी। स्टॉल्स को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि कंज्यूमर और सेलर के बीच में 6 फीट का डिस्टेंस बना रहे।