वनडे सीरीज़ में हार ने दिखाया कि रोहित शर्मा पर कितनी निर्भर है टीम इंडिया?

वनडे सीरीज़ में हार ने दिखाया कि रोहित शर्मा पर कितनी निर्भर है टीम इंडिया?


ऑस्ट्रेलिया में रोहित शर्मा (Rohit Sharma) की कमी भारत को इसलिए भी और ज़्यादा महसूस हुई क्योंकि वनडे क्रिकेट के धुरंधर विराट कोहली (Virat Kohli) भी साल 2020 में अपनी साख के साथ न्याय नहीं कर पाए हैं. मुद्दत बाद ऐसा हुआ है कि कोई साल उनके करियर में बिना वनडे शतक के निकला हो.

Source: News18Hindi
Last updated on: December 3, 2020, 7:31 PM IST

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कैनबरा में आखिरी वनडे जीतकर टीम इंडिया ने किसी तरह 0-3 की शर्मनाक हार तो टाल दिया लेकिन इस बात में अब शायद ही किसी को संदेह हो कि बिना रोहित शर्मा के वनडे क्रिकेट में टीम इंडिया आधी ताकत वाली हो जाती है. ठीक उसी तरह से जैसा कि किसी ज़माने में सचिन तेंदुलकर के ना होने पर टीम इंडिया का हाल वनडे क्रिकेट में बुरा हो जाया करता था.

ऑस्ट्रेलिया में रोहित शर्मा की कमी भारत को इसलिए भी और ज़्यादा महसूस हुई क्योंकि वनडे क्रिकेट के धुरंधर विराट कोहली भी साल 2020 में अपनी साख के साथ न्याय नहीं कर पाए हैं और मुद्दत बाद ऐसा हुआ है कि कोई साल उनके करियर में बिना वनडे शतक के निकला हो. दरअसल, रोहित के टॉप ऑर्डर में रन बनाने से कोहली को भी मिडिल ऑर्डर में काफी सहूलियत होती थी. और यही आज़ादी दूसरे ओपनर शिखर धवन को मिला करती थी जिसके चलते भारत का टॉप-थ्री किसी भी आक्रमण की पोल खोल देता था.

ऑस्ट्रेलियाई ज़मीं पर रोहित का जवाब नहीं
पिछली बार टीम इंडिया ने जब पहली बार ऑस्ट्रेलियाई ज़मीं पर वनडे सीरीज़ जीती थी तो उसमें रोहित की भूमिका अहम रही थी. 3 मैचों की उस सीरीज़ में 1 शतक की मदद से रोहित ने 185 रन बनाए थे. दरअसल, रोहित को ऑस्ट्रेलिया का आक्रमण और वहां की पिचें ख़ासतौर पर रास आती हैं क्योंकि वो बहुत शानदार ‘पुलर’ हैं. शॉर्ट पिच गेंदों के ख़िलाफ़ वो काफी सहज़ रहते हैं और गियर बदलने में तो उनका कोई सानी नहीं हैं. यही वजह है कि करीब 50 का वनडे औसत रखने वाले रोहित ऑस्ट्रेलिया में 59 का औसत रखते हैं और भारत की हार के बाद ये कहा जा सकता है कि शर्मा की कमी टीम इंडिया को बुरी तरह से खली.

वनडे में तेंदुलकर से भी बेहतर ओपनर हैं रोहित?
वनडे क्रिकेट में शर्मा के आंकड़े और दबदबे इस फॉर्मेट के इतिहास के महानतम खिलाड़ियों में से एक सचिन तेंदुलकर से 19 होने की बजाए 21 हैं. ओपनर के तौर पर अगर तेंदुलकर का औसत करीब 48 का है तो रोहित का 58 का. तेंदुलकर का स्ट्राइक रेट 88 का है तो रोहित का 92 का. अगर तेंदुलकर को 1 शतक बनाने के लिए अमूमन 7.6 पारियों का इंतज़ार करना पड़ता था तो रोहित सिर्फ 5.1 पारियों के बाद सेंचुरी ठोक देते हैं. मुंबई के दोनों बल्लेबाज़ों में एक ही समानता है कि दोनों स्वभाविक ओपनर ना होकर मजबूरी में इस रोल में आए और आकर छा गए. जहां तेंदुलकर ने हमेशा टेस्ट क्रिकेट में ओपनर बनने से इंकार किया रोहित ने इस चुनौती को भी गले लगाया. ये अलग बात है कि उन्हें वनडे जैसी कामयाबी अब तक नहीं मिली है.

अभी नहीं तो कभी नहीं वाला मौका अब भी रोहित के पासरोहित शर्मा के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर नहीं आने से भारतीय क्रिकेट में एक बड़ा विवाद हुआ जिसको कप्तान कोहली ने जगज़ाहिर किया. ऐसा लग रहा था कि रोहित टेस्ट क्रिकेट के लिए ऑस्ट्रेलिया पहुंचेंगे ही नहीं लेकिन अगर वो 11 दिसंबर के फिटनेस टेस्ट में पास होते हैं तो आखिरी 2 टेस्ट में खेल सकते हैं. यानि जब कोहली पहला टेस्ट खेलकर भारत लौट रहें होंगे, रोहित उनकी जगह टेस्ट सीरीज़ के बचे हुए मैचों में कप्तान के अनुभव को पूरा करने की कोशिश में जुट सकते हैं. वैसे भी निजी तौर पर अपने टेस्ट करियर के लिए रोहित के लिए ये दौरा काफी अहम हो सकता है. इससे पहले रोहित अनफिट होने के चलते न्यूज़ीलैंड दौरे पर 2 मैचों की सीरीज़ में खेल नहीं पाए थे.

अब जबकि भारत के पास मयंक अग्रवाल, पृथ्वी शॉ, शुभमन गिल और केएल राहुल जैसे नियमित ओपनर का विकल्प है तो रोहित के लिए टेस्ट क्रिकेट में ओपनर की भूमिका को हर हाल में निभाने का दबाव नहीं है. मिडिल ऑर्डर में अंजिक्य रहाणे पिछले कुछ सालों से संघर्ष करते दिख रहे हैं तो अब कोहली के नहीं होने से रोहित के पास नंबर 4 पर बल्लेबाज़ी करने का एक शानदार मौका भी हैं. इत्तेफाक से रोहित के ऑदर्श तेंदुलकर टेस्ट क्रिकेट में हमेशा नंबर 4 पर ही बल्लेबाज़ी करते रहे हैं.

अब भी काफी कुछ हासिल कर सकते हैं इस दौर पर रोहित
8 साल में मुंबई इंडियंस की कप्तानी करते हुए 5 ट्रॉफी जीतकर रोहित ने साबित कर दिया है कि सफेद गेंद की क्रिकेट में वो कोहली से भी बेहतर कप्तान साबित हो सकते हैं अगर उन्हें मौका दिया जाए. वनडे क्रिकेट में उन्होंने अपने खेल से दिखाया है कि वो किंग कोहली से कहीं भी कम नहीं है औऱ इसका शानदार सबूत उन्होंने पिछले साल वर्ल्ड कप में 1 नहीं 2 नहीं 5 शतक लगाकर दिया था. ऑस्ट्रेलिया में वनडे सीरीज़ में हार ने एक बार फिर से इस बात को गहरा कर दिया है कि रोहित सफेद गेंद की क्रिकेट में भारत के लिए कोहली की ही तरह बेहद अहम खिलाड़ी हैं.

बस, अब रोहित शर्मा को टेस्ट क्रिकेट में अपना डंका बजाना बाकी रह गया है. अगर रोहित शर्मा ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज़ खेलते हैं और कामयाब भी होते है तो वो ना सिर्फ लाल गेंद की क्रिकेट में बल्लेबाज़ के तौर पर अपना स्थान पक्का करेंगे बल्कि हर फॉर्मेट के लिए सिर्फ 1 कप्तान चुने जाने की बहस में भी अपना दावा बेहद मज़बूती से पेश कर सकते हैं. लेकिन, ये सब तब मुमकिन होगा अगर रोहित फिट होते हैं. यकीन मानिए अगर रोहित टेस्ट सीरीज़ नहीं खेलते हैं तो भारत को वनडे से भी ज़्यादा बुरी हालत का सामना टेस्ट सीरीज़ में करना पड़ सकता है. (डिस्क्लेमर: ये लेखक के निजी विचार हैं.)


ब्लॉगर के बारे में

विमल कुमार

न्यूज़18 इंडिया के पूर्व स्पोर्ट्स एडिटर विमल कुमार करीब 2 दशक से खेल पत्रकारिता में हैं. Social media(Twitter,Facebook,Instagram) पर @Vimalwa के तौर पर सक्रिय रहने वाले विमल 4 क्रिकेट वर्ल्ड कप और रियो ओलंपिक्स भी कवर कर चुके हैं.

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First published: December 3, 2020, 7:31 PM IST





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