- Hindi News
- Local
- Mp
- Bhopal
- Husband Created Social Distancing When Wife Reached Court, Husband Had To Provide Proof Of Masculinity By Conducting Medical Test
Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
भोपाल9 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
मामला सुलझने के बाद विधिक प्राधिकरण से ही पत्नी, पति के साथ ससुराल चली गई। (फाइल फोटो)
- शादी के 5 महीने बाद पत्नी का आरोप- पति फोन पर तो अच्छी बातें करते थे, लेकिन पास नहीं आते थे
अभी तक कोराेना संक्रमण और लॉकडाउन से तो लोगों को डरते होते सुना है, लेकिन भोपाल में अलग तरह का मामला सामने आया है। लॉ ट्रिब्यूनल (विधिक प्राधिकरण) में एक ऐसा मामला पहुंचा है, जिसमें पति को कोरोना फोबिया की वजह से पत्नी से सोशल डिस्टेंसिंग बनाना महंगा पड़ गया। इस डिस्टेंसिंग की वजह से नई-नवेली पत्नी रूठकर मायके चली गई। उसने 5 महीने बाद प्राधिकरण में भरण-पोषण का आवेदन दिया। मामले में काउंसलिंग की तो पता चला कि कोरोना के डर से पति ने दांम्पत्य दायित्वों को नहीं निभाया।
इस पर पत्नी ने आरोप लगा दिया कि उसका पति दांम्पत्य संबंध निभाने लायक ही नहीं है। पत्नी को मनाने के लिए पति को मेडिकल टेस्ट कराके पुरुषत्व का प्रमाण देना पड़ा। मामले में समझौता होने के बाद शुक्रवार को महिला पति के साथ ससुराल चली गई । दोनों की शादी 29 जून को हुई थी। प्राधिकरण में महिला ने 2 दिसंबर को आवेदन दिया था। उसने आरोप लगाए थे कि ससुराल वाले उसे परेशान करते हैं। उसकी शादी को 5 महीने ही हुए हैं।
पत्नी के पास नहीं आता था पति
पत्नी ने बताया कि शादी के बाद ससुराल वालों ने प्रताड़ित करना शुरू कर दिया था। पति फोन पर तो अच्छी बातें करते थे, लेकिन पास नहीं आते थे। इसको लेकर दोनों के बीच विवाद होना शुरू हो गया। महिला का कहना था कि जिससे उसने जीवनभर का रिश्ता जोड़ा, वही दूरी बना रहा था। उसने यह बात अपने परिजन को बताई। मायके वालों ने पति से बात करना चाही, लेकिन उसने सही तरीके से उत्तर नहीं दिया। ससुराल वालों की प्रताड़ना और पति की बेरुखी को देखते हुए वह मायके आ गई और दो महीने यहीं रही। महिला का कहना है कि उसका पूरा जीवन पड़ा है, लिहाजा भरण-पोषण का खर्चा दिया जाए।
पति फिट निकला, पत्नी मान गई
मामले की गंभीरता को देखते हुए प्राधिकरण ने मेडिकल कराने की सलाह ही। पति ने प्राधिकरण के सामने मेडिकल रिपोर्ट रखी, जिसमें वह फिट था। मेडिकल रिपोर्ट को देखने के बाद पाया कि महिला ने पति पर झूठा आरोप लगाया था। महिला और उसके परिजन की काउंसलिंग की गई। उसके बाद महिला अपने पति के साथ ससुराल जाने को तैयार हो गई। काउंसलर ने हिदायत दी कि वह आगे से किसी प्रकार के झूठे आरोप नहीं लगाए। वहीं दोनों को कोरोना टेस्ट कराके समस्या के निदान की सलाह दी।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव संदीप शर्मा ने बताया कि महिला ने पति पर झूठे आरोप लगाए थे कि वह दांम्पत्य संबंध निभाने योग्य नहीं है। काउंसलिंग के दौरान खुलासा हुआ कि पति को कोरोना फोबिया था, जिसकी वजह से वह पत्नी से भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहा था।
कोरोना होने के डर से नहीं जाता था पत्नी के पास
काउंसलिंग के दौरान पति ने खुलासा किया कि शादी के बाद ही पत्नी के परिवार वाले पॉजिटिव हो गए। उसको लगता था कि हार्ड इम्युनिटी की वजह से उसे या पत्नी में कोरोना के लक्षण नहीं दिखाई दिए। उसका मानना था कि जब आसपास वाले पॉजिटिव थे, तो हो सकता है कि उसे और पत्नी को भी कोरोना हो। इसकी वजह से वह संबंधों को निभाने से झिझकता था।