कोवैक्सीन के ट्रायल पर सवाल: एक्सपर्ट बोले- किसी वैक्सीन की एफिकेसी कितनी है, ये 3-4 हफ्ते बाद ही पता चलता है, भोपाल में 70 लोगों पर हो चुका है ट्रायल

कोवैक्सीन के ट्रायल पर सवाल: एक्सपर्ट बोले- किसी वैक्सीन की एफिकेसी कितनी है, ये 3-4 हफ्ते बाद ही पता चलता है, भोपाल में 70 लोगों पर हो चुका है ट्रायल


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भोपाल14 मिनट पहले

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तस्वीर एक दिन पहले की है, जब मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा कोवैक्सीन का टीका लगवाने पीपुल्स अस्पताल पहुंचे थे।

  • शुक्रवार को मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा भी ट्रायल के लिए टीका का डोज लेने पहुंचे थे

देश में चल रहे देसी कोवैक्सीन के ट्रायल और उसकी एफिकेसी पर सवाल उठ रहे हैं। वह इसलिए क्योंकि हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। ऐसा तब हुआ है जब 20 नवंबर को उन्होंने कोवैक्सीन के थर्ड फेज के ट्रायल के दौरान वालंटियर बनकर टीका लगवाया था। अब सवाल यह है कि क्या देसी वैक्सीन असरकारक नहीं है। इस संबंध में दैनिक भास्कर ने भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में रेस्पिरेटरी एवं पल्मोनरी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. लोकेंद्र दवे से बात की।

डॉ. दवे ने बताया कि वैक्सीन लगने के बाद पर्याप्त समय चाहिए, उसके इफेक्ट का ऑब्जर्वेशन करने के लिए। हर वैक्सीन का अलग-अलग और नॉर्मल वैक्सीन 3 हफ्ते से लेकर 6 हफ्ते तक का टाइम होता है। हर वैक्सीन का प्रोटेक्शन रेट होता है, किसी का 70 तो किसी का 80 फीसदी इफेक्टिव होता है। लेकिन 100 फीसदी एफिकेसी वाला कोई वैक्सीन नहीं है।

अगर टीका लगने के बाद इसका असर नहीं हुआ है तो इसे फेल्योर माना जाएगा। थर्ड फेज के ट्रायल में पहुंची वैक्सीन 90 फीसदी तक एक्युरेट परिणाम दे रही हैं और असरकारक हैं तो उसमें भी 10 एफिकेसी कम हुई न। इसलिए मैं फिर से कहूंगा कि कोई भी टीका बनने के बाद भी 100 फीसदी एफिकेसी नहीं दे सकता है।

हालांकि वैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने बयान जारी किया है। उन्होंने कहा है कि कोवैक्सिन का 2 ट्रायल का शेड्यूल है। दो डोज 28 दिन में दिए जाने हैं। दूसरा डोज 14 दिन बाद दिया जाना है, जिसके बाद ही इसकी एफिकेसी पता चलेगी। कोवैक्सिन को इस तरह ही बनाया गया है कि दो डोज लेने के बाद ही यह असर दिखाएगी।

भोपाल के पीपुल्स हॉस्पिटल में भी देसी टीके कोवैक्सीन का ट्रायल चल रहा है और अब तक 70 से ज्यादा लोगों को पहला डोज दिया जा चुका है लेकिन यहां पर डोज लगवाने के बाद अब तक किसी भी वॉलंटियर के पॉजिटिव होने की खबर नहीं है और न ही किसी तरह की परेशानी हुई है।

शुक्रवार को मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा भी ट्रायल के लिए टीके का डोज लेने पहुंचे थे, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें टीका लगाने से मना कर दिया था, क्योंकि उनके परिवार में कोरोना का संक्रमण हो चुका था।



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