जमापूंजी मिलेगी: 6 चिटफंड कंपनी पर एफआईआर, 53 करोड़ रुपए की हाेगी वसूली

जमापूंजी मिलेगी: 6 चिटफंड कंपनी पर एफआईआर, 53 करोड़ रुपए की हाेगी वसूली


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इटारसी2 घंटे पहले

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  • वित्तीय गड़बड़ी उजागर, चिटफंड कंपनियों की होगी कुर्की
  • छह चिटफंड कंपनियों के दफ्तर में लगे ताले

छह चिटफंड कंपनियों के दफ्तर में ताले लगे हैं। इन पर निवेशकों के 53 करोड़ रुपए की हेराफेरी का आरोप है। जिला प्रशासन ने सिटी थाने में एफआईआर दर्ज करवा दी है। कलेक्टर धनंजय सिंह ने कहा, वित्तीय लेन-देन में गड़बड़ी करने वाली चिटफंड कंपनियों के खिलाफ निवेशकों की कई शिकायतें हैं।

होशंगाबाद जिले के इटारसी शहर में 6 चिटफंड कंपनियों के संचालकों पर सिटी थाने में एफआईआर दर्ज करवा दी गई है। न्यायालय कलेक्टर होशंगाबाद ने मध्यप्रदेश में निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2000 के तहत इन 6 चिटफंड कंपनियों पर कार्रवाई शुरू की है।

कुर्क संपत्ति की नीलामी से लौटाई जाएगी जमा राशि
चिटफंड कंपनियों के प्रदेश के विभिन्न जिलों एवं देश के अनेक प्रदेशों में स्थित संपत्तियों की कुर्की के बाद नीलामी से प्राप्त होने वाली राशि से जिले के प्रभावित लोगों को राशि वापस दिलाई जाएगी। गौरतलब है कि जिले में बीते दिनों कई चिटफंड कंपनियों द्वारा हेराफेरी किए जाने की लोगों ने शिकायतें की थी।

इन कंपनियाें से हाेनी है वसूली
परिवार डेयरी एंड एलाइड लिमिटेड ग्वालियर, जेएसवी डेवलपर्स इंडिया लिमिटेड मुरैना, यूएसके इंडिया लिमिटेड धार, मालवांचल इंडिया लिमिटेड नई दिल्ली, जय विनायक बिल्ड कार्प लिमिटेड नागपुर व नई दिल्ली एवं स्कायलार्क लैंड डेवलपर्स इंफ्रास्ट्रक्चर इंडिया लिमिटेड ग्वालियर शामिल है।

इनसे 6 चिटफंड कंपनियों से 53 करोड़ की वसूली होनी है। न्यायालय कलेक्टर के पारित आदेश में लिखा गया है कि इन चिटफंड कंपनियों ने बिना सूचना के होशंगाबाद जिले में वित्तीय व्यवसाय किया और निवेशकों से करोड़ों रुपए जमा करवा लिए। तय समय में ब्याज सहित राशि वापस नहीं की गई।

इधर, यूरिया कालाबाजारी में घिरे मार्कफेड गोदाम प्रभारी पर केस
गलत तरीके से यूरिया बांटने और कालाबाजारी से घिरे मार्कफेड गोदाम प्रभारी रामसिया गुप्ता पर शुक्रवार को सिटी थाने में एफआईआर दर्ज की गई। कलेक्टर के आदेश पर जांच समिति के एक सदस्य वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी आरएल जैन इटारसी थाने पहुंचे और मार्कफेड गोदाम में चार गड़बड़ियों के प्रतिवेदन के आधार पर रिपोर्ट लिखवाई।

एसडीएम मदन रघुवंशी के साथ चार सदस्यीय जांच समिति ने मध्य प्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित के कार्यालय और वेयरहाउस के दस्तावेजों स्टॉक की गड़बड़ियां उजागर कर प्रतिवेदन जिपं सीईओ व कलेक्टर को भेजा था। टॉप 10 यूरिया वायर के किसानों के दस्तावेजों की जांच व कथन दर्ज करने के बाद यह पुष्टि हुई थी कि गोदाम प्रभारी वरिष्ठ सहायक रामसिया गुप्ता ने विक्रय रजिस्टर व बिल बुक में किसानों के हस्ताक्षर नहीं लिए। भूमिहीन व्यक्तियों को यूरिया बेचा गया।



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